शिमला: डॉ. राजीव बिंदल ने राज्य में स्वयं सहायता समूहों के डिजिटिकरण और किसान उत्पादक संगठनों के संवर्धन के लिए भी नाबार्ड की भूमिका की प्रशंसा की. बिंदल ने कहा कि नाबार्ड ने देश में आधारभूत ढांचे और किसानों के विकास में अनेक कदम उठाए हैं. हिमाचल प्रदेश के विकास में नाबार्ड ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है. नाबार्ड के माध्यम से प्रदेश को करीब साढे़ सात हजार करोड़ रुपये प्राप्त हुए है.
नाबार्ड हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक निलय डी कपूर ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए नाबार्ड के मिशन, उदेश्य और नई पहलों की ओर ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने राज्य के लिए छोटे और सीमांत किसानों के फायदे के लिए किसानों के उत्पादक संगठनों के निर्माण और शून्य बजट प्राकृतिक खेती पर बल दिया.
विस अध्यक्ष ने कहा कि नाबार्ड ने 5.25 करोड़ वित्तीय सहायता से राज्य में 76 किसान उत्पादक संगठनों का गठन किया है. 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए बैंकों को गैर कृषि क्षेत्रों और विविध क्षेत्रों में और अधिक निवेष ऋण की सहायता से किसानों की अतिरिक्त आय के महत्व की ओर ध्यान दिया है. लाहौल स्पीति, किनौर, चंबा, बिलासपुर और ऊना जिला में 7 आदिवासी विकास परियोजनाएं स्वीकृत की हैं. इन परियोजनाओं में 11.70 करोड़ की सहायता से इन जिलों के 77 गांवों के 2325 परिवारों को फायदा मिला है.