शिमला: सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देश व शिमला नगर निगम के सुझाव के बाद अब हाईकोर्ट भी सेंट एडवर्ड स्कूल को लेकर सख्त हो गया है. स्कूल में पार्किंग व्यवस्था नहीं होने पर स्कूल बंद हो सकता है. दरअसल शिमला शहर के स्कूलों में बच्चों को सुरक्षित यातायात सेवा मुहैया करवाने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय याचिका दयार की गई थी. जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुरुप हाईकोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा है कि अगर सेंट एडवर्ड स्कूल नगर निगम शिमला द्वारा गठित कमेटी के सुझाव पर 10 दिनों के भीतर अमल नहीं करता है तो चालू शैक्षणिक सत्र में अस्थायी तौर पर स्कूल को बंद करने पर भी विचार किया जा सकता है.
यह आदेश तब तक जारी रह सकता है जब तक कि स्कूल में पर्याप्त पार्किंग स्थल का इंतजाम नहीं किया जाता. मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने नगर निगम शिमला द्वारा दायर स्टेटस रिपोर्ट के अवलोकन के बाद उपरोक्त आदेश पारित किए हैं. एडवर्ड स्कूल प्रबंधन को हाईकोर्ट के निर्देशानुसार गठित कमेटी के सुझावों की अनुपालना में हाई कोर्ट के समक्ष एक सप्ताह के भीतर शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश जारी किए गए हैं. कोर्ट ने शिमला के अन्य स्कूलों जीसस एंड मेरी स्कूल नाभाए लोरेटो कान्वेंट तारा हॉलए चेप्सलि स्कूल लोंगवुड़ एवं ऑकलैंड हाउस स्कूल से भी कमेटी द्वारा सुझाए गए पार्किंग स्थल व ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने संबंधित सुझावों को अमल में लाने को कहा है.
इस मामले में पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने नगर निगम शिमला में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए उचित कमेटी गठित करने के आदेश जारी किए थे. नगर निगम शिमला ने कोर्ट के आदेशों के मुताबिक 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया. कमेटी ने शिमला शहर के सडक़ के साथ लगते सभी स्कूलों का निरीक्षण किया और कमेटी ने सेंट एडवर्ड स्कूल में पार्किंग व्यवस्था व ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने बाबत महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. कमेटी ने सुझाव दिए कि पार्किंग स्थान को स्कूल में पुराने सिंगल स्टोरी बिल्डिंग एवं रिसेप्शन को तोड़कर व बास्केटबॉल कोर्ट के ऊपर आरसीसी स्लैब डालकर बढ़ाया जा सकता है. पार्किंग के लिए प्रवेश व निकासी गेट रखने का प्रावधान किया जाना आवश्यक है. पुराने ढांचे में गैराज व टीचर्स गेट के साथ अन्य आवास को भी हटाने की आवश्यकता है. इस स्थल को गाड़ियों के प्रवेश के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
गौर रहे कि 5 सदस्यीय कमेटी ने सुझाया है कि ट्रैफिक जाम न लगे या कोई परेशानी न हो इसके लिए स्कूल प्रबंधन की ओर से सुबह और दोपहर के वक्त सड़क पर कर्मचारी नियुक्त किया जाए. इसके अलावा स्कूल द्वारा अपनी इलेक्ट्रिक ट्रैवलर बसों को चलाने का भी सुझाव दिया गया है ताकि उन्हें निजी टैक्सी ऑपरेटर्स पर निर्भर न रहना पड़े.