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'वर्ल्ड फोटोग्राफी डे' पर शिमला में फोटोग्राफर्स निराश, कोविड ने चौपट किया सारा काम

19 अगस्त को पूरी दुनिया में 'वर्ल्ड फोटोग्राफी डे' मनाया गया. 'वर्ल्ड फोटोग्राफी डे' इस पेशे से जुड़े लोगों ओर फोटोग्राफर्स के लिए बेहद खास दिन है, लेकिन इस खास दिन पर उनमें मायूसी देखने को मिल रही है. शिमला में पर्यटकों की तस्वीरें खींचने वाले फोटोग्राफर्स का कोरोना महामारी की वजह से काम काज ठप पड़ा हुआ है.

special story on World photography day in shimla
फोटो
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Published : Aug 19, 2020, 10:53 PM IST

शिमला: हर साल 19 अगस्त को पूरी दुनिया में 'वर्ल्ड फोटोग्राफी डे' मनाया जाता है. फोटो आपको दुनियाभर की चीजों को आसानी से समझने में न सिर्फ मदद करती है, बल्कि विज्युअल्स के सहारे किसी कहानी या फिर खबर को पढ़ने में मजेदार भी बनाती है. एक समय था जब लोगों के पास कैमरा तक नहीं होता था, लेकिन आज लगभग हर इंसान के पास या तो कैमरा है या फिर कैमरे वाला मोबाइल फोन, जिससे लोग आराम से कहीं भी कभी भी तस्वीरें खींच कर उन्हें सहेज कर रख सकते हैं.

वर्ल्ड फोटोग्राफी डे इस पेशे से जुड़े लोगों ओर फोटोग्राफर्स के लिए बेहद खास दिन है, लेकिन इस खास दिन पर उनमें मायूसी देखने को मिल रही है. शिमला में पर्यटकों की तस्वीरें खींचने वाले फोटोग्राफर्स का कोरोना महामारी की वजह से काम काज ठप पड़ा हुआ है, जिससे इन्हें आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

अनलॉक-3 के शुरू होते ही फोटोग्राफर्स में एक आस जगी थी कि शायद अब उनका काम-काज पटरी पर लौट आएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं, जिन आकर्षक पहाड़ी परिधानों में शिमला के रिज मैदान पर फोटोग्राफर्स फोटोज खींचते हैं उसकी अनुमति अभी तक सरकार ने दी ही नहीं है. ऐसे में इन फोटोग्राफर्स को अपना भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है.

फोटोग्राफर्स की माने तो कोविड से पहले भी काम ज्यादा अच्छा नहीं था, क्योंकि आज हर इंसान के पास कैमरे वाला मोबाइल फोन है, वह अपनी सहूलियत के मुताबिक जब चाहे फोटो खींच सकते हैं, लेकिन कोविड के बाद परिस्तिथियां ओर ज्यादा बुरी हो गई है.

पहले लोगों में फोटोज खिंचवाने में लोगों में था गजब क्रेज

शिमला के रिज मैदान पर फोटोग्राफी करने वाले शमशेर सिंह ने कहा कि पहले जब ब्लैक एंड व्हाइट फोटोग्राफ आते थे, तब लोगों में फोटोज खिंचवाने का बड़ा क्रेज होता था, लेकिन अब भले ही कैमरा एडवांस्ड तकनीक के हो गए हैं, लेकिन कैमरे से फोटोज लेने का क्रेज कम हो गया है. बेहतर कैमरे वाले फोन ने बड़े लेंस वाले कैमरा कि जगह ले ली है. लोग फोन से ज्यादा फोटोज लेना पसंद करते हैं.

शिमला की वादियों में पहाड़ी परिधान में फोटोज लेना नहीं भूलते पर्यटक

शिमला में घूमने आने वाले पर्यटक भले ही शिमला की यादों को अपने मोबाइल फोन के कैमरा में कैद कर ले जाएं, लेकिन रिज मैदान पर पहाड़ी परिधानों में फोटज कैमरा से खिंचवाने का उनका क्रेज अभी भी कम नहीं है. यहां आने वाले पर्यटक पहाड़ी परिधानों में फोटो फोटोग्राफर से ही खिंचवाते हैं और उसे याद के तौर पर अपने साथ ले जाते हैं. 100 के करीब फोटोग्राफर्स शिमला के रिज मैदान पर ही फोटोग्राफी का काम कर अपनी रोजी रोटी कमाते हैं.

शिमला: हर साल 19 अगस्त को पूरी दुनिया में 'वर्ल्ड फोटोग्राफी डे' मनाया जाता है. फोटो आपको दुनियाभर की चीजों को आसानी से समझने में न सिर्फ मदद करती है, बल्कि विज्युअल्स के सहारे किसी कहानी या फिर खबर को पढ़ने में मजेदार भी बनाती है. एक समय था जब लोगों के पास कैमरा तक नहीं होता था, लेकिन आज लगभग हर इंसान के पास या तो कैमरा है या फिर कैमरे वाला मोबाइल फोन, जिससे लोग आराम से कहीं भी कभी भी तस्वीरें खींच कर उन्हें सहेज कर रख सकते हैं.

वर्ल्ड फोटोग्राफी डे इस पेशे से जुड़े लोगों ओर फोटोग्राफर्स के लिए बेहद खास दिन है, लेकिन इस खास दिन पर उनमें मायूसी देखने को मिल रही है. शिमला में पर्यटकों की तस्वीरें खींचने वाले फोटोग्राफर्स का कोरोना महामारी की वजह से काम काज ठप पड़ा हुआ है, जिससे इन्हें आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

अनलॉक-3 के शुरू होते ही फोटोग्राफर्स में एक आस जगी थी कि शायद अब उनका काम-काज पटरी पर लौट आएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं, जिन आकर्षक पहाड़ी परिधानों में शिमला के रिज मैदान पर फोटोग्राफर्स फोटोज खींचते हैं उसकी अनुमति अभी तक सरकार ने दी ही नहीं है. ऐसे में इन फोटोग्राफर्स को अपना भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है.

फोटोग्राफर्स की माने तो कोविड से पहले भी काम ज्यादा अच्छा नहीं था, क्योंकि आज हर इंसान के पास कैमरे वाला मोबाइल फोन है, वह अपनी सहूलियत के मुताबिक जब चाहे फोटो खींच सकते हैं, लेकिन कोविड के बाद परिस्तिथियां ओर ज्यादा बुरी हो गई है.

पहले लोगों में फोटोज खिंचवाने में लोगों में था गजब क्रेज

शिमला के रिज मैदान पर फोटोग्राफी करने वाले शमशेर सिंह ने कहा कि पहले जब ब्लैक एंड व्हाइट फोटोग्राफ आते थे, तब लोगों में फोटोज खिंचवाने का बड़ा क्रेज होता था, लेकिन अब भले ही कैमरा एडवांस्ड तकनीक के हो गए हैं, लेकिन कैमरे से फोटोज लेने का क्रेज कम हो गया है. बेहतर कैमरे वाले फोन ने बड़े लेंस वाले कैमरा कि जगह ले ली है. लोग फोन से ज्यादा फोटोज लेना पसंद करते हैं.

शिमला की वादियों में पहाड़ी परिधान में फोटोज लेना नहीं भूलते पर्यटक

शिमला में घूमने आने वाले पर्यटक भले ही शिमला की यादों को अपने मोबाइल फोन के कैमरा में कैद कर ले जाएं, लेकिन रिज मैदान पर पहाड़ी परिधानों में फोटज कैमरा से खिंचवाने का उनका क्रेज अभी भी कम नहीं है. यहां आने वाले पर्यटक पहाड़ी परिधानों में फोटो फोटोग्राफर से ही खिंचवाते हैं और उसे याद के तौर पर अपने साथ ले जाते हैं. 100 के करीब फोटोग्राफर्स शिमला के रिज मैदान पर ही फोटोग्राफी का काम कर अपनी रोजी रोटी कमाते हैं.

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