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अंग्रेजों ने की शिवलिंग ले जाने की कोशिश तो जमीन से निकलने लगे सांप, रहस्यों से भरा है ये शिव मंदिर - शिवलिंग

इस मंदिर के अंदर एक शिवलिंग विराजमान है. हाटकोटी माता के दर्शन करने के बाद यहां हर श्रद्धालु शिवलिंग के दर्शन करने आते हैं. ये मंदिर सांस्‍कृतिक और ऐतिहासिक महत्‍व रखता है और प्राचीन संरचनाओं में से एक है.

Shiva temple of Mahamahi Hatkoti rohru
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Published : Jun 9, 2019, 12:08 PM IST

रामपुरः शिमला जिला के रोहडू क्षेत्र में स्थित शक्ति पीठ माता महामाही हाटकोटी के नाम से प्रसिद्ध मंदिर परिसर के साथ बना शिव मंदिर एक ऐतिहासिक व प्राचीन मंदिर है. जिसमें श्रद्धालुओं की अटूट आस्था है. इस मंदिर के अंदर एक शिवलिंग विराजमान है. माता के दर्शन करने के बाद यहां हर श्रद्धालु शिवलिंग के दर्शन करते हैं. ये मंदिर सांस्‍कृतिक और ऐतिहासिक महत्‍व रखता है.

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शिव मंदिर प्राचीन संरचनाओं में से एक है. मंदिर पुजारी के अनुसार यह शिव मंदिर प्राचीन काल के समय का है. इस मंदिर में जो शिवलिंग स्थापित किया गया है, उसे यहां से ले जाने के लिए अंग्रेजों ने कड़ी मशक्कत की थी. इस शिवलिंग को निकालकर अंग्रेज इसे कहीं और ले जाना चाहते थे.

मान्यता है कि जब अंग्रेजो द्वारा इस शिवलिंग को निकालने का कार्य शुरू किया गया तो उस समय इस जगह से सांप निकलने शुरू हो गए. इसके बावजूद भी अंग्रेजों ने हार नहीं मानी और वो शिवलिंग को निकालने का प्रयास करते रहे, लेकिन जब शिवलिंग की खुदाई कर कोई आधार नहीं मिला, तो उन्होंने अंत में इसे निकालना छोड़ दिया और क्षमा मांगकर वो वापस चले गए. यहां के लोगों के साथ-साथ बाहर के श्रद्धालुओं की इस मंदिर से अटूट विश्वास व आस्था है, जो आज भी यहां देखने को मिलती है.

रामपुरः शिमला जिला के रोहडू क्षेत्र में स्थित शक्ति पीठ माता महामाही हाटकोटी के नाम से प्रसिद्ध मंदिर परिसर के साथ बना शिव मंदिर एक ऐतिहासिक व प्राचीन मंदिर है. जिसमें श्रद्धालुओं की अटूट आस्था है. इस मंदिर के अंदर एक शिवलिंग विराजमान है. माता के दर्शन करने के बाद यहां हर श्रद्धालु शिवलिंग के दर्शन करते हैं. ये मंदिर सांस्‍कृतिक और ऐतिहासिक महत्‍व रखता है.

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शिव मंदिर प्राचीन संरचनाओं में से एक है. मंदिर पुजारी के अनुसार यह शिव मंदिर प्राचीन काल के समय का है. इस मंदिर में जो शिवलिंग स्थापित किया गया है, उसे यहां से ले जाने के लिए अंग्रेजों ने कड़ी मशक्कत की थी. इस शिवलिंग को निकालकर अंग्रेज इसे कहीं और ले जाना चाहते थे.

मान्यता है कि जब अंग्रेजो द्वारा इस शिवलिंग को निकालने का कार्य शुरू किया गया तो उस समय इस जगह से सांप निकलने शुरू हो गए. इसके बावजूद भी अंग्रेजों ने हार नहीं मानी और वो शिवलिंग को निकालने का प्रयास करते रहे, लेकिन जब शिवलिंग की खुदाई कर कोई आधार नहीं मिला, तो उन्होंने अंत में इसे निकालना छोड़ दिया और क्षमा मांगकर वो वापस चले गए. यहां के लोगों के साथ-साथ बाहर के श्रद्धालुओं की इस मंदिर से अटूट विश्वास व आस्था है, जो आज भी यहां देखने को मिलती है.

Intro:रामपुर बुशहर 9 जून मीनाक्षी


Body:हिमाचल प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों शिमला जिला के रोहडू क्षेत्र में स्थित शक्ति पीठ माता महामाही हाटकोटी माता के नाम से प्रसिद्ध मंदिर परिसर के साथ बना शिव मंदिर प्राचीन काल के समय का बताया जाता है । यहां पर शिवलिंग मंदिर के अंदर विराजमान हैं । माता के दर्शन करने के बाद यहां पर हर श्रधालु शिवलिंग के दर्शन करने के लिए आते है । यहां के पुजारी के अनुसार यह शिव मंदिर प्राचीन काल के समय का है । उन्होंने कहा कि इस मंदिर में जो शिवलिंग स्थापित किया गया है उसे यहां ले ले जाने के लिए अंग्रेजों ने कड़ी मशक्कत की थी । इस शिवलिंग को निकालकर वे इसे कहीं और ले जाना चाहते थे । जब इस शिवलिंग को निकालने का कार्य शुरू किया गया तो उस समय इस जगह से सर्फ निकलने शुरू हो गए । इसके बावजूद भी अंग्रेजों ने हार नहीं मानी वे शिवलिंग को निकालने का प्रयास करते रहे । लेकिन जब शिवलिंग का खुदाई करके कोई आधार नहीं मिला तब उन्होंने अंत में इसे निकालना छोड़ दिया और अंत में क्षमा मांग कर वापस चले गए । यहां के लोगों के साथ साथ बाहर के श्रधालुओ की इस मंदिर से अटूट विश्वास व आस्था है । जो आज भी यहां पर देखने को मिलती है ।

बाईट : पुजारी


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