शिमला: हिमाचल सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में चलाई गई कई योजनाएं हैं जिनमें लोगों को उनके घर द्वार पर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है. वास्तव में मरीजों को इनका लाभ मिल रहा है कि नहीं यह जानने के लिए ईटीवी भारत ने जमीनी स्तर पर अपनी पड़ताल की. सरकार द्वारा लोगों को बेहतर सुविधा देने के लिए शिमला शहर में उपनगर स्तर पर स्वास्थ्य केंद्र बनाए हैं. जहां चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.
शिमला शहर में 11 स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं जिसमे डॉक्टर, फार्मासिस्ट व अन्य स्टाफ उपलब्ध कराए गए. अगर ओपीडी की बात की जाए तो 150 तक कि ओपीडी प्रतिदिन रहती हैं. यानी सभी उपनगरों में मरीज घर के समीप अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं.
पीएचसी स्वास्थ्य केंद्र का लाभ
विभिन्न उपनगर में बने स्वास्थ्य केंद्र का लाभ मरीज को यह है कि आईजीएमसी व जिला अस्पताल डीडीयू में भीड़ में भटकने से बच जाते हैं और घर के नजदीक ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल जाती है.
इस सम्बंध में जब ईटीवी भारत (ETV BHARAT) ने छोटा शिमला स्थित पीएचसी (Primary Health Centre) के जाकर डॉक्टर नीलम पठानिया से बात की तो उन्होंने बताया कि पीएचसी में छोटा शिमला व आसपास इलाके के मरीज इलाज लिए आते हैं.
उनका कहना था कि कोरोना से पहले 150 से 200 तक मरीज प्रतिदिन आते थे, लेकिन कोरोना काल में 30 से 35 मरीज आए और जब लॉकडाउन खुला और कोरोना के मामले कम आने लगे हैं. तब 60 से 70 मरीज प्रतिदिन आ रहे हैं.
घर के समीप ही अच्छा इलाज मिल रहा है
वहीं, पीएचसी (Primary Health Centre) छोटा शिमला में इलाज करवाने आए मरीजों से बात की गई तो सभी मरीजों का कहना था कि उन्हें घर के समीप ही अच्छा इलाज मिल रहा है और आईजीएमसी या रिपन अस्पताल नहीं जाना पड़ता है.
वहीं, अपने बच्चे का इलाज करवाने आए एक परिजन ने बताया कि वह अपने 4 साल के बच्चे को चेक करवाने आए हैं और यहां अच्छा इलाज मिल जाता है जिससे कहीं और नहीं जाना पड़ता.
क्या कहते हैं सीएमओ
जिला शिमला की सीएमओ डॉ. सुरेखा चोपड़ा ने बताया कि शहर में 11 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं. जिसमें मरीजों को सभी प्रकार का इलाज दिया जाता है. उनका कहना था कि सभी पीएचसी और सब सेंटर्स की बात की जाए तो लगभग 100,125,150 तक मरीज प्रतिदिन इलाज के लिए आते हैं.
उनका कहना था कि इसका लाभ यह है कि आईजीएमसी में यह मरीज जाने से बच जाते हैं और उन्हें घर पर ही स्वास्थ्य सुविधा मिल जाती है. उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का सबसे ज्यादा लाभ कोरोना के दौरान हुआ.
उनका कहना था कि कोरोना काल में जहां आईजीएमसी में लोग आने से डर रहे थे ऐसे में उन्हें उनके घर पर ही इलाज मिला. उनका कहना था कि छोटे बच्चों का टीकाकरण का काम भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में होता है.
गर्भवती महिलाओं के लिए लाभदायक पीएचसी
सीएमओ डॉ. सुरेखा चोपड़ा ने बताया कि केंद्र सरकार की योजना जिसमें प्रत्येक महीने की 9 तारीख को हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की जांच की जाती है और उन्हें उपचार दिया जाता है.
टेलीमेडीसन का लाभ
पीएचसी (Primary Health Centre) में एक लाभ यह भी है कि मरीजों को टेलीमेडिसन के माध्यम से घर पर ही इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके द्वारा पीएचसी में यह सुविधा है कि आईजीएमसी व नेरचौक मंडी के विशेज्ञ चिकित्सक से मरीज फोन पर वे वीडियो कॉलिंग से दवाई व अपने इलाज की जानकारी ले सकते हैं.
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