शिमला: कुल्लू के एसपी गौरव सिंह यूं तो आम जनता में खूब लोकप्रिय हैं, लेकिन हाल की घटना से उनकी छवि भी प्रभावित होगी. युवा एसपी गौरव सिंह पूर्व एमएलए की पत्नी का टिप्पर जब्त किया था.
बद्दी में एसपी की पोस्ट पर रहते हुए उन्होंने खनन माफिया की कमर तोड़ दी थी. वीरभद्र सिंह सरकार के कार्यकाल में वे राजनीतिक तबादले का शिकार हुए थे. बाद में जयराम ठाकुर की सरकार आई तो गौरव सिंह को फिर से बद्दी भेजा गया था.
वर्ष 2018 में बद्दी में एसपी का कार्यभार संभालने के बाद वे फिर से एक्शन में आए थे और पहले ही दिन बद्दी में चार टिप्पर व एक जेसीबी मशीन को कब्जे में लिया था. साथ ही उनका चालान कर जुर्माना भी वसूला था. वीरभद्र सिंह सरकार के कार्यकाल में गौरव सिंह बद्दी के एएसपी थे.
खनन माफिया पर की थी कड़ी कार्रवाई
उन्होंने तब खनन माफिया पर ताबड़तोड़ प्रहार किए थे. यही नहीं, दून के तत्कालीन एमएलए चौधरी रामकुमार की पत्नी के नाम पर चल रहा टिप्पर भी कब्जे में लिया था. उसके बाद राम कुमार चौधरी इस युवा आईपीएस से खार खा बैठे और उनके तबादले के लिए तत्कालीन सीएम वीरभद्र सिंह के समक्ष तीन डीओ नोट दिए और गौरव सिंह का तबादला धर्मशाला करवा दिया.
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद गौरव सिंह का तबादला फिर से बद्दी किया गया था और वे पूरे पुलिस जिला बद्दी के एसपी नियुक्त हुए थे. गौरव सिंह ने अपनी पोस्टिंग जस्टीफाई करते हुए कुर्सी संभालते ही खनन माफिया के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया था.
तबादले के खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल की थी याचिका
बद्दी में पूर्व में एएसपी रहते हुए गौरव सिंह का खनन माफिया के दबाव में तबादला किया गया था. इस पर एक आरटीआई कार्यकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. ये अगस्त 2016 की बात है.
याचिका में बताया गया था कि एएसपी के तौर पर बद्दी में तैनात युवा अफसर गौरव सिंह ने छह महीने में खनन माफिया के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 25 लाख का जुर्माना वसूल किया था. तब के कांग्रेस विधायक रामकुमार की पत्नी के नाम पर एक टिप्पर बिना कागजात के चल रहा था.
राजनीतिक दबाव में धर्मशाला तबादला किया गया था
गौरव सिंह ने उसका चालान कर जुर्माना वसूल किया. राजनीतिक दबाव में गौरव सिंह का बद्दी से धर्मशाला तबादला कर दिया गया था. उनके तबादले को राजनीतिक साजिश बताकर बद्दी के आरटीआई कार्यकर्ता ने जनहित याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट से तबादला रद्द करने की गुहार लगाई थी. आरटीआई कार्यकर्ता राजीव कुमार कौंडल ने आरोप लगाया था कि यह तबादला आदेश राजनीति से प्रेरित है.
इस अधिकारी ने मात्र 6 महीने में ही 170 मामलों में अवैध खनन करने वाले वाहनों को जब्त कर 25 लाख रुपये की रिकवरी की. इसी कार्यकाल में 12 केस एनडीपीएस, 2 मर्डर, 2 चेन छीनने और चार डिपार्टमेंटल करप्शन से जुड़े मामलों के अलावा अन्य अधिनियमों के तहत मामले सुलझाए. ऐसे सक्षम अधिकारी का तबादला होने से जनता में गलत संदेश गया है. इस अफसर की धमक ऐसी थी कि रामकुमार चौधरी ने तबादले के लिए तीन डीओ नोट दिए थे.
गौरव की छवि भी धूमिल हुई है
फिलहाल, एसपी गौरव सिंह (SP Gaurav Singh) कुल्लू घटना से एक नए विवाद में घिरे हैं. सीएम के सुरक्षा अधिकारी को थप्पड़ मारने का कारण चाहे जो भी रहा हो, लेकिन इससे गौरव की छवि भी धूमिल हुई है. आखिरकार ऐसे युवा अफसर जो रोल मॉडल माने जाते हैं, उनसे गंभीर आचरण की उम्मीद रहती है.
वरिष्ठ मीडियाकर्मी धनंजय शर्मा के अनुसार एसपी के पद पर बैठे अफसर की तरफ सबकी निगाहें रहती हैं. वे पूरे जिला के पुलिस कप्तान होते हैं और उनकी छवि पद के अनुरूप होनी चाहिए. गौरव सिंह एक अच्छे और लोकप्रिय अफसर हैं, इससे इन्कार नहीं, परंतु आज के आचरण से उनकी छवि प्रभावित हुई है.
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