शिमला: प्रदेश सरकार ने अब हिमाचल में पर्यटन उद्योग को खोलने का फैसला लिया है, लेकिन सरकार के निर्णय का सभी जगह विरोध किया जा रहा है. इसी कड़ी में बुधवार को राजधानी के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने डीसी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और सरकार के इस फैसले को वापस लेने की मांग की. साथ ही चेतावनी दी कि अगर सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेते तो वो उग्र आंदोलन शुरू करेंगे.
सामाजिक कार्यकर्ता रवि कुमार दलित ने बताया कि कोरोना संकट काल के दौरान शिमला के लोगों ने सरकार का पूरा सहयोग दिया है, लेकिन अब सरकार पर्यटन उद्योग खोल कर स्थानीय जनता को मुसीबत में डाल रही है. उन्होंन कहा कि देश के हर राज्य से सैलानी घूमने के लिए प्रदेश में आएंगे, जिससे यहां के लोगों को कोरोना महामारी फैलने का डर सता रहा है. ऐसे में सरकार ने बिना सोचे समझे ये फैसला लिया है.
रवि कुमार दलित ने बताया कि पर्यटक फर्जी कोरोना की रिपोर्ट बना रहे हैं. ऐसे में एक भी संक्रमित व्यक्ति शिमला में प्रवेश करता है, तो शहर के कई लोग उसके संपर्क में आएंगे. उन्होंने कहा कि शिमला में होटल और व्यापार मंडल सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. जब तक कोरोना संक्रमण कम नहीं होता है तब तक प्रदेश की सीमाओं को पूरी तरह से सील किया जाना चाहिए.
बता दें कि सरकार ने प्रदेश में होटल खोलने और पर्यटकों को प्रवेश देने के फैसले का व्यापार मंडल समेत कई होटल संचालक विरोध कर रहे है साथ ही सरकार से इस निर्णय को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
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