शिमला: सीटू ने प्रदेश सरकार के बस किरायों में की गई पच्चीस प्रतिशत वृद्धि और न्यूनतम किराया की दरें पांच से बढ़ाकर सात रुपये करने के निर्णय के खिलाफ डीसी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया. सीटू ने प्रदेश सरकार को चेताया कि अगर बस किराया वृद्धि को वापस न लिया गया तो जनता और मजदूर वर्ग को लामबंद करके प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा. इस दौरान सड़कों पर उतरकर ब्लॉक और जिला मुख्यालय स्तर पर विरोध किया जाएगा.
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने प्रदेश सरकार से मांग की बस किराया वृद्धि को तुरंत वापस लिया जाए. भाजपा सरकार के सत्तासीन होने के बाद बस किरायों में पचास प्रतिशत वृद्धि की गई है. न्यूनतम किराए में बढ़ोतरी हो चुकी. भाजपा सरकार के सत्तासीन होने के समय बस किराया लगभग डेढ़ रुपया प्रति किलोमीटर था जो आज बढ़कर लगभग सवा दो रुपये हो चुका है. न्यूनतम किराया तीन से बढ़कर सात रुपये हो चुका है.
पेट्रोल-डीजल दामों की आड़ में वृद्धि
सरकार ने पेट्रोल-डीजल के भारी दामों की आड़ में बस किराए में वृद्धि की. दुनिया में कच्चे तेल की कीमतों में पिछले सालों की अपेक्षा भारी गिरावट, लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार आसमान छू रही. यह सब केंद्र सरकार की लगाई गई भारी एक्साइज ड्यूटी और प्रदेश सरकार के भारी भरकम वैट के कारण हो रहा है. पेट्रोल-डीजल की कुल कीमत का आधे से ज्यादा तो एक्साइज ड्यूटी और वैट ही है. अगर केंद्र और प्रदेश सरकार इसको कम करती तो बस किराए का बोझ जनता पर टाला जा सकता था.
प्रदेश में ज्यादा किराया
उन्होंने कहा कि पूरे देश की अपेक्षा पहले ही प्रदेश में किराया बहुत ज्यादा है. यह उत्तर-पूर्व भारत के पहाड़ी राज्यों के मुकाबले कहीं ज़्यादा है. सात रुपये न्यूनतम किराया होने से मजदूर और गरीब किसानों को बस में बैठने से पहले दस बार सोचना पड़ेगा. मेहरा ने कहा कि अगर बढ़ा हुआ बस किराया वापस नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में तेज आंदोलन किया जाएगा. इस मौके पर सलमान, दलीप, मदन, हनी, भूपेंद्र, पंकज, राकेश, बसन्त, दर्शन, अमित, गौरव, ओमप्रकाश आदि मौजूद रहे.
ये भी पढ़ें :बस किराये में बढ़ोतरी के खिलाफ सड़कों पर उतरी कांग्रेस, शिमला में किया चक्का जाम