रामपुर: हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में स्थित देश की सबसे दुर्गम धार्मिक यात्राओं में से एक श्रीखंड महादेव यात्रा 7 जुलाई से शुरू होने जा रही है. जिससे पूर्व श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए कुल्लू जिले में निरमंड के दशनामी जूना अखाड़ा से अम्बिका माता और दत्तात्रेय स्वामी की 28वीं छड़ी यात्रा रवाना हो गई है. निरमंड से छड़ी यात्रा को अखिल भारतीय पंच दशनामी जूना अखाड़ा जींद के महंत रामचन्द गिरी ने दावत गिरी की अध्यक्षता में विधिवत पूजा अर्चना के बाद वाद्य यंत्रों की ध्वनि, शंखनाद और हर हर महादेव के जयकारों के साथ रवाना किया.
श्रीखंड महादेव के लिए छड़ी यात्रा रवाना: श्रीखंड महादेव के दर्शनों के लिए रवाना हुई इस छड़ी यात्रा में देश के विभिन्न अखाड़ों के दर्जनों साधु संतों ने भाग लिया. छड़ी यात्रा समिति के अध्यक्ष टकेश्वर शर्मा ने बताया कि यह छड़ी यात्रा गुरुवार सांय तक जाओं, सिंहगाड होते हुए, भराटीनाला पहुंची. जबकि 3 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के दिन श्रीखंड महादेव के दर्शन करने के बाद छड़ी 8 जुलाई की शाम को वापिस जूना अखाड़ा निरमंड पहुंच जाएगी. इसके पश्चात 9 जुलाई को जूना अखाड़ा निरमंड में विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा.
'1996 में शुरू हुई थी छड़ी यात्रा': इस अवसर पर कारदार पुष्पेंद्र शर्मा, छड़ी यात्रा समिति के सचिव योगेश भार्गव योगी, उपाध्यक्ष खेम राज सोनी, कपिल शर्मा, विकास शर्मा, हेम दिवाकर दत्ता, गोरिक शर्मा सहित निरमंड क्षेत्र के सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया. उन्होंने बताया कि श्रीखंड महादेव के दर्शनों के लिए निरमंड के जूना अखाड़े से माता अम्बिका और दतात्रेय स्वामी की छड़ी यात्रा साल 1996 में शुरू की गई थी. उन्होंने बताया कि छड़ी यात्रा प्राचीन समय से जाती है, जो हर साल देव शयनी एकादशी को निरमंड से रवाना होती है और गुरु पूर्णिमा के दिन श्रीखंड महादेव के दर्शन करके वापस आती है.
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