शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक आईएएस अधिकारी के नाम सोशल मीडिया पर भ्रष्टाचार को लेकर जारी हुए फर्जी पत्र मामले के तार भाजपा कार्यकर्ता से जुड़ गए है. शिमला पुलिस ने मामले में एक कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ता सहित तीन लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस ने जिन लोगों को हिरासत में लिया है, उनमें दो चंबा जिले के और एक शिमला का रहने वाला है. पुलिस ने खुलासा किया है कि चंबा भरमौर निवासी मनोज शर्मा कथित तौर पर बीजेपी कार्यकर्ता ने सबसे पहले सोशल मीडिया में फर्जी पत्र जारी किया. यह पत्र अनमोल सिंह ठाकुर के नाम से जारी किया गया था. मामले में जांच जारी है. पुख्ता सबूत मिलने पर संभवत: आरोपी को गिरफ्तार भी किया जा सकता है.
पुलिस ने फर्जी पत्र वायरल मामले में चंबा जिले से दो और शिमला से एक आरोपी को हिरासत में लिया है. पुलिस इन तीनों से पुछताछ कर रही है. पुलिस मामले यह जांच कर रही है कि आईएएस अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर पत्र लिखने वाला सुत्रधार कौन है और इसे किस कार्यालय में लिखा गया. यह भी जांच की जा रही है कि आईएएस अधिकारी के नाम सोशल मीडिया पर भ्रष्टाचार को लेकर जारी हुए पहले पत्र में भी यही लोग शामिल थे या फिर पहला पत्र किसी और ने जारी किया था. बताया यह भी जा रहा है कि आईएएस अधिकारी के नाम सोशल मीडिया पर भ्रष्टाचार को लेकर पत्र लिखने वाला सुत्रधार भाजपा का एक नेता है.
मामले में शिमला पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने बताया कि आईएएस अधिकारी के नाम सोशल मीडिया पर भ्रष्टाचार को लेकर जारी फर्जी पत्र मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है. बता दें कि आईएएस अधिकारी हरिकृष्ण मीणा की तरफ से बीते पांच दिन पहले बालूगंज थाना में शिकायत दी गई. पुलिस को दी शिकायत में कहा गया है कि किसी अज्ञात शख्स ने फर्जी पत्र इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर जारी किया है. पत्र अनमोल सिंह ठाकुर के नाम से जारी किया गया था. पत्र लिखने वाले ने खुद को हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में सहायक प्रबंधक बताया था. पत्र पर बाकायदा उनके हस्ताक्षर भी थे.
यह पत्र सीबीआई के निदेशक को लिखा गया था. जबकि इस नाम का कोई अधिकारी एचपीपीसीएल में कार्यरत ही नहीं है. पत्र में अधिकारी पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. आईएएस अधिकारी हरिकृष्ण मीणा की ओर से पुलिस को दी शिकायत में कहा गया है कि उनकी छवि को खराब करने के लिए जानबुझ कर यह पत्र इंटरनेट मीडिया के माध्यम से प्रसारित किया गया है. इससे उनका कोई लेना देना नहीं है. पुलिस ने शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 500, 505 (2) के तहत मामला दर्ज किया.
फर्जी पत्र में क्या लगाए थे आरोप: वायरल फर्जी पत्र में आरोप लगाए गए थे कि निजी क्षेत्र में स्थापित बिजली परियोजनाओं से करोड़ों रुपए लिए जा रहे हैं. यही नहीं इसमें यह भी आरोप लगाया गया था कि अधिकारी के जयपुर में बनाए जा रहे घर का काम भी एक कंपनी से करवाया जा रहा है. वहीं बड़े होटलों में पार्टियां करवाई जा रही है, जिसके बिलों का भुगतान करने को इन कंपनियों को कहा जा रहा है. यदि वह इसको लेकर विरोध करते हैं तो, उन्हें सस्पेंशन की धमकी दी जा रही है.
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