शिमला: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हिमाचल प्रदेश आवास एवं शहरी विकास प्राधिकरण (हिमुडा) के निदेशक मंडल में शिमला के जुब्बड़हट्टी में ‘माउंटेन सिटी’ बसाने का निर्णय लिया गया. ₹1373 करोड़ की लागत से जुब्बड़हट्टी के पास ‘माउंटेन सिटी’ स्थापित की जाएगी. हिमुडा के निदेशक मंडल (बीओडी) में इसके लिए भूभि अधिग्रहण को मंजूरी दे दी गई. बोर्ड ने हिमुडा को शिमला में भीड़भाड़ को कम करने के लिए जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे के पास नये शहर ‘माउंटेन सिटी’ की स्थापना के लिए भूमि अधिगृहित करने को स्वीकृति प्रदान की.
इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना की अनुमानित लागत लगभग ₹1373 करोड़ रुपए है. परियोजना से क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. उन्नत भूकंप रोधी तकनीक का उपयोग करते हुए सुदृढ़ बुनियादी ढांचे के साथ एक अत्याधुनिक शहर का निर्माण किया जाएगा. सीएम ने जनता में अपनी उपस्थिति और सेवा बढ़ाने के दृष्टिगत हिमुडा को नवीनतम निर्माण तकनीकों को अपनाने और सूचना प्रौद्योगिकी तकनीकों का लाभ उठाने के लिए कहा है.
उन्होंने रिकॉर्ड-कीपिंग को सुव्यवस्थित करने और भौतिक दस्तावेजीकरण पर निर्भरता कम करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मैनेजमेंट बुक्स (ई-एमबी) को अपनाने के निर्देश दिए. सरकार के नवीनतम दिशा-निर्देशों के अनुसार ई-टेंडरिंग प्रणाली के माध्यम से निविदा प्रक्रिया में तेजी लाने के भी निर्देश दिए. उन्होंने हिमुडा को सतत् एवं समावेशी शहरी विकास की दृष्टि से आगे बढ़ने के निर्देश दिए. फ्लैट के आकार में सुधार करने और इसे उपयोगकर्ता के और अधिक अनुकूल बनाने को भी कहा.
सीएम ने हिमुडा की सभी परियोजनाओं की विस्तृत समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा हिमुडा को प्रतिस्पर्धात्मक तरीके से कार्य कर अपनी परियोजनाओं में नवीन पहल करनी चाहिए. उन्होंने हिमुडा के अधिकारियों को कर्मचारियों के लिए एक्सपोजर विजिट आयोजित करने और क्षमता निर्माण के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश भी दिए.
बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जो भविष्य में राज्य में आवास और शहरी विकास को आकार प्रदान करेंगे. हिमुडा ने राज्य के आवंटनकर्ताओं के प्रति उदार रवैया अपनाया है, जिन्हें बकाया भुगतान के संबंध में विवादों का सामना करना पड़ रहा है. निदेशक मंडल ने एकमुश्त निपटान (ओटीएस) नीति को मंजूरी प्रदान की है. इसके तहत लोगों को लंबित भुगतान बकाया को काफी कम दर पर निपटाने का अवसर प्राप्त होगा.
इससे न केवल जनता का वित्तीय बोझ कम होगा, साथ हिमुडा को समुचित संसाधन भी उपलब्ध होंगे. जिन्हें जनता की भलाई के लिए भविष्य की गतिविधियों में निवेश किया जाएगा. बोर्ड ने हिमुडा को एकमुश्त निपटान नीति (वन टाईम सेटलमेंट पॉलिसी) के तहत भवनों की एटीक को भी नियमित करने का प्रावधान करने के निर्देश दिए. बोर्ड ने निर्देश दिए कि एटीक को लेकर प्रदेश सरकार ने जो निर्णय लिया है, उसके अनुरूप हिमुडा भी अपनी नीति बनाए.
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