शिमला: शहर में कूड़ा शुल्क एकत्रित न होने पर अब नगर निगम ने सैहब सोसायटी के सुपरवाइजरों का वेतन रोकने के फरमान जारी कर दिए हैं. निगम ने ये फैसला सुपरवाइजरों के कूड़ा शुल्क लेने न जाने की शिकायतों के बाद लिया है. निगम ने सुपरवाइजरों को कूड़ा शुल्क एकत्रित करने के सख्त निर्देश दिए हैं.
गौरतलब है कि जहां शहर में कई लोग कूड़ा शुल्क जमा नहीं करवा रहे हैं. वहीं, कई क्षेत्रों में नगर निगम के सुपरवाइजर ही कूड़ा शुल्क लेने नहीं जा रहे हैं. जिसकी शिकायत लोगों ने कई बार नगर निगम शिमला की महापौर कुसुम सदरेट को दी. जिसके चलते अब नगर निगम इसको लेकर सख्त कदम उठाने जा रहा है.
बता दें कि नगर निगम ने शहर में डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन करता है. इसके लिए सैहब सोसायटी का गठन किया गया है, जिसमें कर्मी लोगों के घरों से कूड़ा एकत्रित करते हैं. शुल्क एकत्रित करने का जिम्मा भी सुपरवाइजरों को दिया गया है.
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नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट का कहना है कि हर महीने ये शिकायतें काफी आ रही हैं कि सुपरवाइजर शुल्क लेने नहीं आ रहे हैं. इसको देखते हुए अब कूड़ा शुल्क एकत्रित न करने पर सुपरवाइजरों के वेतन रोकने की चेतावनी दे दी है.
कुसुम सदरेट ने बताया कि शहर में 500 कूड़ा शुल्क न देने वाले डिफाल्टर है, जो काफी समय से कूड़ा शुल्क नहीं दे रहे है. उनका कहना है कि नगर निगम को कूड़ा शुल्क से 80 लाख एकत्रित होने चाहिए लेकिन हर माह 30 लाख ही एकत्रित हो रहे है जिससे निगम को अपनी आय से ही कर्मियों को वेतन देना पड़ रहा है.
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