ETV Bharat / state

लोग नहीं दे रहे डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन शुल्क, नगर निगम काटेगा सुपरवाइजर्स का वेतन

author img

By

Published : Jul 8, 2019, 9:27 PM IST

नगर निगम शिमला ने शहर में कूड़ा शुल्क एकत्रित न होने पर सैहब सोसायटी के सुपरवाइजरों का वेतन रोकने के फरमान जारी कर दिए हैं. निगम ने सुपरवाइजरों को कूड़ा शुल्क एकत्रित करने के सख्त निर्देश दिए हैं.

डिजाइन फोटो

शिमला: शहर में कूड़ा शुल्क एकत्रित न होने पर अब नगर निगम ने सैहब सोसायटी के सुपरवाइजरों का वेतन रोकने के फरमान जारी कर दिए हैं. निगम ने ये फैसला सुपरवाइजरों के कूड़ा शुल्क लेने न जाने की शिकायतों के बाद लिया है. निगम ने सुपरवाइजरों को कूड़ा शुल्क एकत्रित करने के सख्त निर्देश दिए हैं.

गौरतलब है कि जहां शहर में कई लोग कूड़ा शुल्क जमा नहीं करवा रहे हैं. वहीं, कई क्षेत्रों में नगर निगम के सुपरवाइजर ही कूड़ा शुल्क लेने नहीं जा रहे हैं. जिसकी शिकायत लोगों ने कई बार नगर निगम शिमला की महापौर कुसुम सदरेट को दी. जिसके चलते अब नगर निगम इसको लेकर सख्त कदम उठाने जा रहा है.

वीडियो

बता दें कि नगर निगम ने शहर में डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन करता है. इसके लिए सैहब सोसायटी का गठन किया गया है, जिसमें कर्मी लोगों के घरों से कूड़ा एकत्रित करते हैं. शुल्क एकत्रित करने का जिम्मा भी सुपरवाइजरों को दिया गया है.

ये भी पढे़ं-हादसों के बाद 'हो हल्ला' पर सबक नहीं! यहां 37 सीटर HRTC बस में ठूंस दी 60 सवारियां

नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट का कहना है कि हर महीने ये शिकायतें काफी आ रही हैं कि सुपरवाइजर शुल्क लेने नहीं आ रहे हैं. इसको देखते हुए अब कूड़ा शुल्क एकत्रित न करने पर सुपरवाइजरों के वेतन रोकने की चेतावनी दे दी है.

कुसुम सदरेट ने बताया कि शहर में 500 कूड़ा शुल्क न देने वाले डिफाल्टर है, जो काफी समय से कूड़ा शुल्क नहीं दे रहे है. उनका कहना है कि नगर निगम को कूड़ा शुल्क से 80 लाख एकत्रित होने चाहिए लेकिन हर माह 30 लाख ही एकत्रित हो रहे है जिससे निगम को अपनी आय से ही कर्मियों को वेतन देना पड़ रहा है.

ये भी पढे़ं-रोड सेफ्टी ऑडिट के बाद ही पास होंगी सड़कें, PWD की समीक्षा बैठक में CM ने दिए निर्देश

शिमला: शहर में कूड़ा शुल्क एकत्रित न होने पर अब नगर निगम ने सैहब सोसायटी के सुपरवाइजरों का वेतन रोकने के फरमान जारी कर दिए हैं. निगम ने ये फैसला सुपरवाइजरों के कूड़ा शुल्क लेने न जाने की शिकायतों के बाद लिया है. निगम ने सुपरवाइजरों को कूड़ा शुल्क एकत्रित करने के सख्त निर्देश दिए हैं.

गौरतलब है कि जहां शहर में कई लोग कूड़ा शुल्क जमा नहीं करवा रहे हैं. वहीं, कई क्षेत्रों में नगर निगम के सुपरवाइजर ही कूड़ा शुल्क लेने नहीं जा रहे हैं. जिसकी शिकायत लोगों ने कई बार नगर निगम शिमला की महापौर कुसुम सदरेट को दी. जिसके चलते अब नगर निगम इसको लेकर सख्त कदम उठाने जा रहा है.

वीडियो

बता दें कि नगर निगम ने शहर में डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन करता है. इसके लिए सैहब सोसायटी का गठन किया गया है, जिसमें कर्मी लोगों के घरों से कूड़ा एकत्रित करते हैं. शुल्क एकत्रित करने का जिम्मा भी सुपरवाइजरों को दिया गया है.

ये भी पढे़ं-हादसों के बाद 'हो हल्ला' पर सबक नहीं! यहां 37 सीटर HRTC बस में ठूंस दी 60 सवारियां

नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट का कहना है कि हर महीने ये शिकायतें काफी आ रही हैं कि सुपरवाइजर शुल्क लेने नहीं आ रहे हैं. इसको देखते हुए अब कूड़ा शुल्क एकत्रित न करने पर सुपरवाइजरों के वेतन रोकने की चेतावनी दे दी है.

कुसुम सदरेट ने बताया कि शहर में 500 कूड़ा शुल्क न देने वाले डिफाल्टर है, जो काफी समय से कूड़ा शुल्क नहीं दे रहे है. उनका कहना है कि नगर निगम को कूड़ा शुल्क से 80 लाख एकत्रित होने चाहिए लेकिन हर माह 30 लाख ही एकत्रित हो रहे है जिससे निगम को अपनी आय से ही कर्मियों को वेतन देना पड़ रहा है.

ये भी पढे़ं-रोड सेफ्टी ऑडिट के बाद ही पास होंगी सड़कें, PWD की समीक्षा बैठक में CM ने दिए निर्देश

Intro:शिमला शहर में कूड़ा शुल्क एकत्रित न होने पर अब नगर निगम ने सैहब सुसाईटी के सुपरवाइजरों का वेतन रोकने के फरमान जारी कर दिए है। सुपरवाइजरों के कूड़ा शुल्क लेने न जाने की शिकायतों के बाद निगम ने ये फैसला लिया है। निगम ने सुपरवाइजरों को सख्त निर्देश देते हुए कूड़ा शुल्क एकत्रित न करने पर उनके वेतन को रोकने चेतवानी दे दी है। जहा शहर में कई लोग कूड़ा शुल्क जमा नही करवा रहे है वही कई क्षेत्रों में नगर निगम के सुपरवाइजर ही कूड़ा शुल्क लेने तक नही जा रहे है। लोगो ने कई बार इसकी शिकायत नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट से भी की वही अब नगर निगम इसको लेकर सख्त कदम उठाने जा रहा है।


Body:बता दे नगर निगम ने शहर में डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन करता है। इसके लिए सैहब सुसाईटी का गठन किया गया है जिसमे कर्मी लोगो के घरों से कूड़ा एकत्रित करते है और शुल्क एकत्रित करने का जिम्मा भी सुपरवाइजरों को दिया गया है। शहर में हर माह 80 लाख कूड़ा शुल्क से नगर निगम को आय होती है लेकिन हर माह 30 लाख ही कूड़ा शुल्क से एकत्रित हो रहे है जिससे सैहब सुसाईटी के कर्मियों का वेतन भी पूरा नही हो रहा है। निगम को अपनी आय से कर्मियों को वेतन देना पड़ रहा है। शहर में 500 कूड़ा शुल्क न देने वाले डिफाल्टर है जो काफी समय से कूड़ा शुल्क ही नही दे रहे है।


Conclusion:नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट का कहना है कि काफी शिकायत मिल रही थी कि हर माह शुल्क लेने के लिए सुपरवाइजर नही आ रहे है। इसको देखते हुए अब कूड़ा शुल्क एकत्रित न करने पर सुपरवाइजरों के वेतन रोकने की चेतावनी दे दी है। उनका कहना है कि नगर निगम को कूड़ा शुल्क से 80 लाख एकत्रित होने चाहिए लेकिन हर माह 30 लाख ही एकत्रित हो रहे है जिससे निगम को अपनी आय से ही कर्मियों को वेतन देना पड़ रहा है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.