शिमला: शिमला नगर निगम का वर्षों पुराना रिकॉर्ड अब डिजिटाइज होगा. इसको लेकर निगम ने भाषा एवं संस्कृत विभाग को पत्र लिखा है और वर्षों पुराने रिकॉर्ड को सहेज कर रखने के लिए राय मांगी है.
नगर निगम में 1870 से अब तक जन्म प्रमाण पत्र से लेकर मृत्यु का प्रमाण पत्र मौजूद है. निगम ने 150 सालों से ये रिकॉर्ड रजिस्टर में संभाल कर रखा है. ब्रिटिशकाल में हजारों लोगों के जन्म प्रमाण पत्र इसमें मौजूद है और उनके परिजन हर साल शिमला नगर निगम में रिकॉर्ड लेने आ रहे हैं.
हर साल 10 से 15 लोग अपने परिजनों के प्रमाण लेने के लिए यहां आ रहे है. उस समय हाथ से ही रजिस्टर पर लिखा जाता था और आज भी ये रिकॉर्ड वैसा ही है, लेकिन अब कागज खराब होने लगा है. अब तक नगर निगम इसे डिजिटल से नहीं जोड़ पाया है, जबकि नगर निगम का पूरा सिस्टम ऑनलाइन है.
निगम नए जन्म और मृत्य का रिकॉर्ड कंप्यूटर में रखता है, लेकिन पुराने रिकॉर्ड को डिजिटल फॉर्मेट में सहेज कर नहीं रख पाया है. वहीं, इन्हें बचाने के लिए अब नगर निगम इसे डिजिटल करने जा रहा है. रिकॉर्ड डिजिटल होने के बाद आसानी से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र मिलेंगे. वही, हमेशा के लिए ये रिकॉर्ड सुरक्षित भी रहेगा.
नगर निगम के संयुक्त आयुक्त अजीत भारद्वाज ने कहा कि निगम के 1870 से लेकर जन्म मृत्यु का प्रमाण मौजूद है. इसे सहेजकर रखने के लिए नगर निगम गंभीर है. इसके लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग को पत्र लिखा है और उनसे इस पुराने रिकॉर्ड को संभाल कर रखने को लेकर राय मांगी गई है.
अजीत भारद्वाज ने कहा कि 19वीं शताब्दी का रिकॉर्ड निगम के पास है. खास कर ब्रिटिशकाल के दौरान यहां जन्में लोगों का पूरा रिकॉर्ड निगम के पास है. आज भी इंग्लैंड के लोग यहां आ कर अपने परिजनों के प्रमाण पत्र लेते हैं.
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