शिमला: हिमाचल में बारिश कहर बरपा रही है. अब तक प्रदेश में 330 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं. प्रदेश के अन्य हिस्सों की तरह शिमला जिला व शिमला शहर में भी तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. शिमला में शिव मंदिर और फागली में एक ही दिन में करीब 19 लोगों जानें गई. वहीं, कई लोग अभी भी लापता है. इसके अलावा कृष्णा नगर में भी करीब आधा दर्जन मकान देखते ही देखते ढह गए. जिसमें दो लोगों की जान चली गई. यहां जिस तरह की परिस्थिति बन रही है. उससे लगता है कि कि शिमला शहर में अभी और भी बर्बादी होगी. शिमला शहर में कई मकान खाली करवाए गए हैं. देखिए शिमला शहर पर मंडरा रहे खतरे की ग्राउंड रिपोर्ट.
शिमला समरहिल में 8 मकान कराए गए खाली: शहर में भूस्खलन होने से कई जगह मकानों को खतरा पैदा हो गया है. कई इलाकों में लोग दहशत के साये में जी रहे हैं. बारिश तो पहले भी कई बार शिमला में आई, लेकिन इतनी तबाही पहली बार देखी गई. यह बरसात अबकी बार कई मकानों को जमींदोज कर गईं. कई इलाकों में भवनों को खतरा पैदा हो गया है. राजधानी के समरहिल क्षेत्र में एमआई रूम के साथ कुछ मकानों को खतरा पैदा हो गया है. बताया जा रहा है कि दरारें आने से 8 भवनों को खाली करवाया गया है, यहां रहने वाले परिवारों को प्रशासन ने सुरक्षित दूसरी जगह शिफ्ट करवाया है. भारी बारिश के कारण इस तरह की स्थिति पैदा हो रही है, लेकिन बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय और खेल मैदान से पानी यहां आ रहा है. इस पानी की निकासी के लिए उचित ड्रेनेज व्यवस्था न होने के कारण यहां दरारें आ गई हैं.
बैनमोर भी कई परिवार दूसरी जगह शिफ्ट: शिमला के बेनमोर इलाके में भी भूस्खलन होने से कुछ मकानों को खतरा पैदा हो गया है. यहां से भी करीब 10 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है. इसी इलाके में राजभवन के पास एक सरकारी आवास की छत्त भी देवदार के दो पेड़ गिरने से बुरी तरह यह क्षतिग्रस्त हुआ है. इसी तरह छोटा शिमला के पास खेल निदेशालय के दफ्तर के साथ भी जमीन धंसने की वजह से इस भवन को खतरा पैदा हो गया है. निदेशालय की ओर से सरकार से नई जगह उपलब्ध करवाने का आग्रह किया गया है. वहीं, टालैंड के पास शहरी विकास विभाग के निदेशालय के पीछे से पहाड़ी में भूस्खलन हुआ है. जिससे इसके भवन को खतरा पैदा हो गया है. यहां कर्मचारी दहशत के साये में काम कर रहे हैं. अगर यहां पर फिर से भूस्खलन हुआ तो इसकी चपेट में निदेशालय का भवन भी आ सकता है.
शिक्षा निदेशालय की आवासीय कॉलोनी के पास भूस्खलन: कृष्णानगर के साथ लगते लालपानी में भी कई जगह भूस्खलन हुआ है. यहां शिक्षा निदेशालय की आवासीय कॉलोनी के पास भूस्खलन हुआ है. यहां एक भवन के पास नीचे डंगा गिर रहा है. भूस्खलन वाले एरिया को तिरपाल से कवर किया गया है. ताकि ज्यादा नुकसान न हो, लेकिन यहां रहने वाले लोग सहमे हुए हैं.
हिमलैंड के पास बहुमंजिला इमारत को खतरा: सर्कुलर रोड पर हिमलैंड के पास एक बहुमंजिला इमारत को खतरा पैदा हो गया है. यहां रोड के साथ भूस्खलन हुआ है, जिससे इस इमारत की नींव को खतरा हो गया है. इस बहुमंजिला इमारत में सात फ्लैट हैं और लोगों ने यहां मकान छोड़ दिए हैं. भूस्खलन और मकान के खतरे को देखते हुए इस सड़क मार्ग से बसें नहीं चलाई जा रहीं. हालांकि छोटी गाड़ियां ही चल रही हैं. यहां से होकर ओल्ड बस स्टैंड से छोटा शिमला, संजौली, खलीणी, बीसीएस, विकासनगर, मैहली व पंथाघाटी की ओर बसें जाती हैं, लेकिन इनको बंद कर दिया गया है, ऐसे में लोग पैदल ही जा रहे हैं.
कई अन्य इलाकों में भी हो रहे भूस्खलन: शहर के कई अन्य इलाकों में भी भूस्खलन हो रहे हैं. राजभवन से रामचंद्र चौक की ओर से जाने वाली सड़क भी धंस रही है. इसके अलावा रुल्दुभट्टा में भी कुछ मकान जमीन धंसने से खतरे में आ गए. ढली, संजौली के सिमिट्री, चक्कर सहित कई अन्य जगहों पर भी भूस्खलन होने से लोग दहशत में हैं.