ETV Bharat / state

Vijayadashami: शिमला कालीबाड़ी मंदिर में विजयादशमी की धूम, बंगाली महिलाओं ने माता की पूजा के बाद खेली सिंदूर की होली - शिमला बंगाली महिलाओं ने खेली सिंदूर की होली

विजयादशमी पर शिमला के कालीबाड़ी मंदिर में बंगाली महिलाओं ने माता दुर्गा की पूजा-अर्चना की. इसके बाद महिलाओं ने सिंदूर खेला कर जमकर नृत्य किया. पढ़िए पूरी खबर... (Shimla Kalibari Temple) (Shimla Kalibari temple Vijayadashami celebration)

Vijayadashami
शिमला कालीबाड़ी मंदिर में विजयादशमी की धूम
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 24, 2023, 1:43 PM IST

Updated : Oct 24, 2023, 1:49 PM IST

शिमला: देशभर में विजयादशमी की धूम है. देश-प्रदेश के मंदिरों में भक्त माता दुर्गा की के लिए दर्शन करने पहुंच रहे हैं. वहीं, शिमला के कालीबाड़ी मंदिर में भी विजयदशमी पर माता की मूर्तियों की विशेष पूजा अर्चना की गई. इसके बाद माता का वरण किया गया, जिसमें महिलाओं ने परिक्रमा की. इस मौके पर बंगाली समुदाय की सुहागिन महिलाओं ने पान पत्ता, सुपारी, मिठाइयों से दुर्गा माता की मूर्तियों को भोग लगाया. इस मौके पर महिलाओं ने एक दूसरे को सिदुंर लगाकर सिंदुर खेला.

विजयादशमी पर कालीबाड़ी मंदिर में बंगाली महिलाओं ने पहले माता की पूजा की, उसके बाद एक-दूसरे को सिंदूर लगाकार सदा सुहागिन होने की शुभकामनाएं दी. साथ ही एक दूसरे को मिठाई भी खिलाई और गले लगाया. इसके बाद महिलाओं ने सिंदुर की होली खेली और जमकर डांस किया. बता दें कि षष्ठी नवरात्र उत्सव से विजय दशमी तक हर रोज पूजा में आमलान, गोस्वामी, जयदेव चक्रवर्ती व अन्य पंडितों ने विधि विधान से पूजा अर्चना की.

कालीबाड़ी मंदिर में हर साल शारदीय नवरात्रि में मूर्तियों की विशेष पूजा की जाती है. इस मौके पर बंगाली मूल की महिलाओं ने माता का श्रृंगार करती हैं और परिवार के लिए सुख शांति का आशीर्वाद मांगती हैं. बंगाली महिलाओं का कहना है कि नवरात्रि के मौके पर 9 दिन मायके में रहने के बाद आज माता को विदाई दी जाती है. इसलिए आज के दिन नाच गाकर और सिंदूर की होली खेल कर माता को विदाई दी गई. उन्होंने बताया कि एक तरफ विदाई का दुःख होता है तो दूसरे तरफ मां फिर आएगी इसकी खुशी भी है.

ढोल नगाड़े के साथ दुर्गा माता को दी गई विदाई: कालीबाड़ी हॉल से दुर्गा माता की मूर्तियों का विदाई समारोह दोपहर बाद कोलकत्ता से लाए गए ढोल नगाड़े के साथ हुआ. बंगाली समाज के लोगों ने माता की मूर्तियों को गाड़ी से तारादेवी के तालाब ले गए. इस दौरान माता की मूर्तियां आगे और पीछे लोग नाचते गाते तालाब पहुंचे. वहीं, शाम के समय माता की मूर्तियां का विसर्जन किया जाएगा. बंगाली समुदाय कि महिलाओं ने माता को खुशी-खुशी विदाई देंगे.

ये भी पढ़ें: International Kullu Dussehra: दुर्गा पूजा समापन के साथ होगा अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का आगाज, जानें क्या है धार्मिक मान्यता और महत्व?

शिमला: देशभर में विजयादशमी की धूम है. देश-प्रदेश के मंदिरों में भक्त माता दुर्गा की के लिए दर्शन करने पहुंच रहे हैं. वहीं, शिमला के कालीबाड़ी मंदिर में भी विजयदशमी पर माता की मूर्तियों की विशेष पूजा अर्चना की गई. इसके बाद माता का वरण किया गया, जिसमें महिलाओं ने परिक्रमा की. इस मौके पर बंगाली समुदाय की सुहागिन महिलाओं ने पान पत्ता, सुपारी, मिठाइयों से दुर्गा माता की मूर्तियों को भोग लगाया. इस मौके पर महिलाओं ने एक दूसरे को सिदुंर लगाकर सिंदुर खेला.

विजयादशमी पर कालीबाड़ी मंदिर में बंगाली महिलाओं ने पहले माता की पूजा की, उसके बाद एक-दूसरे को सिंदूर लगाकार सदा सुहागिन होने की शुभकामनाएं दी. साथ ही एक दूसरे को मिठाई भी खिलाई और गले लगाया. इसके बाद महिलाओं ने सिंदुर की होली खेली और जमकर डांस किया. बता दें कि षष्ठी नवरात्र उत्सव से विजय दशमी तक हर रोज पूजा में आमलान, गोस्वामी, जयदेव चक्रवर्ती व अन्य पंडितों ने विधि विधान से पूजा अर्चना की.

कालीबाड़ी मंदिर में हर साल शारदीय नवरात्रि में मूर्तियों की विशेष पूजा की जाती है. इस मौके पर बंगाली मूल की महिलाओं ने माता का श्रृंगार करती हैं और परिवार के लिए सुख शांति का आशीर्वाद मांगती हैं. बंगाली महिलाओं का कहना है कि नवरात्रि के मौके पर 9 दिन मायके में रहने के बाद आज माता को विदाई दी जाती है. इसलिए आज के दिन नाच गाकर और सिंदूर की होली खेल कर माता को विदाई दी गई. उन्होंने बताया कि एक तरफ विदाई का दुःख होता है तो दूसरे तरफ मां फिर आएगी इसकी खुशी भी है.

ढोल नगाड़े के साथ दुर्गा माता को दी गई विदाई: कालीबाड़ी हॉल से दुर्गा माता की मूर्तियों का विदाई समारोह दोपहर बाद कोलकत्ता से लाए गए ढोल नगाड़े के साथ हुआ. बंगाली समाज के लोगों ने माता की मूर्तियों को गाड़ी से तारादेवी के तालाब ले गए. इस दौरान माता की मूर्तियां आगे और पीछे लोग नाचते गाते तालाब पहुंचे. वहीं, शाम के समय माता की मूर्तियां का विसर्जन किया जाएगा. बंगाली समुदाय कि महिलाओं ने माता को खुशी-खुशी विदाई देंगे.

ये भी पढ़ें: International Kullu Dussehra: दुर्गा पूजा समापन के साथ होगा अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का आगाज, जानें क्या है धार्मिक मान्यता और महत्व?

Last Updated : Oct 24, 2023, 1:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.