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कोरोना कर्फ्यू गरीबों पर भारी, सहारनपुर के लिए 15 लोग पैदल रवाना

हिमाचल में कर्फ्यू के चलते प्रवासी मजदूरों को शिमला से पलायन करना पड़ रहा है. इन लोगों के पास अब न राशन खरीदने और मकान मालिक को किराया देने के लिए के लिए पैसे नहीं बचे हैं.

shimla curfew impact
कोरोना कर्फ्यू गरीबों पर भारी
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Published : Mar 29, 2020, 9:02 AM IST

शिमला: कोरोना कर्फ्यू अब गरीबों और मजूदरों पर भारी पड़ने लगा है. शिमला में सहारनपुर के 15 मजदूर फंस गए है. कर्फ्यू के चलते यह लोग कमाने नहीं जा पा रहे हैं. इन लोगों के पास अब न राशन खरीदने और मकान मालिक को किराया देने के लिए के लिए पैसे नहीं बचे हैं.

बता दें कि इस हालत में अब मकान मालिक भी इन लोगों को घरों से बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं. ऐसे में अब यह लोग पैदल ही शिमला से अपने घर सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) के लिए सामान बांध कर निकले, लेकिन उपायुक्त कार्यालय में कर्फ्यू पास नहीं बनने से यह लोग अब शिमला में ही फंस गए हैं.

यह लोग सुबह से पास बनाने की आस में उपायुक्त कार्यालय में बैठे रहे. वहीं कार्यालय में इन्हें शाम को ऑनलाइन पास बनाने की बात कही गई. इन लोगों का कहना है कि यह शिमला में काफी समय से मिस्त्री और मजदूरी का काम करते हैं, लेकिन कोरोना के चलते लगे कर्फ्यू से सात दिन से काम पर नहीं जा पा रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

गौर रहे कि सरकार ने कोरोना से बचाने के लिए कर्फ्यू लगाया है, लेकिन यह कर्फ्यू अब गरीबों पर भारी पड़ने लगा है. कर्फ्यू ने जहां मजदूरों से रोजगार छीन लिया है वहीं अब एक वक्त के खाने के लिए भी राशन नहीं बचा है. ऐसे में ये लोग अपने घरों की ओर निकलने लगे हैं.

ये भी पढ़ें: COVID-19: एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे राज्यपाल

शिमला: कोरोना कर्फ्यू अब गरीबों और मजूदरों पर भारी पड़ने लगा है. शिमला में सहारनपुर के 15 मजदूर फंस गए है. कर्फ्यू के चलते यह लोग कमाने नहीं जा पा रहे हैं. इन लोगों के पास अब न राशन खरीदने और मकान मालिक को किराया देने के लिए के लिए पैसे नहीं बचे हैं.

बता दें कि इस हालत में अब मकान मालिक भी इन लोगों को घरों से बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं. ऐसे में अब यह लोग पैदल ही शिमला से अपने घर सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) के लिए सामान बांध कर निकले, लेकिन उपायुक्त कार्यालय में कर्फ्यू पास नहीं बनने से यह लोग अब शिमला में ही फंस गए हैं.

यह लोग सुबह से पास बनाने की आस में उपायुक्त कार्यालय में बैठे रहे. वहीं कार्यालय में इन्हें शाम को ऑनलाइन पास बनाने की बात कही गई. इन लोगों का कहना है कि यह शिमला में काफी समय से मिस्त्री और मजदूरी का काम करते हैं, लेकिन कोरोना के चलते लगे कर्फ्यू से सात दिन से काम पर नहीं जा पा रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

गौर रहे कि सरकार ने कोरोना से बचाने के लिए कर्फ्यू लगाया है, लेकिन यह कर्फ्यू अब गरीबों पर भारी पड़ने लगा है. कर्फ्यू ने जहां मजदूरों से रोजगार छीन लिया है वहीं अब एक वक्त के खाने के लिए भी राशन नहीं बचा है. ऐसे में ये लोग अपने घरों की ओर निकलने लगे हैं.

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