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एसएफआई ने समरहिल चौक पर किया प्रदर्शन, विश्वविद्यालय प्रबंधन से की ये मांग

राजधानी शिमला में अकादमिक रिकॉर्ड के आधार पर प्रमोट करने की मांग को लकेर एसएफआई समरहिल चौक पर प्रदर्शन किया. इस दौरान कहा गया कि कोरोना मामले प्रदेश में लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षाएं कराने की बात कहकर सभी को खतरे में डालने की कोशिश कर रहा है.

Protest  at Summerhill Chowk in Shimla
समरहिल चौक पर प्रदर्शन
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Published : Aug 10, 2020, 8:15 PM IST

शिमला: सोमवार को अकादमिक रिकार्ड के आधार पर प्रमोट करने की मांग को लेकर एसएफआई ने समरहिल चौक पर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई.

सभी विद्यार्थियों को पिछले अकादमिक रिकार्ड के आधार पर प्रमोट करने की मांग की. विश्वविद्यालय इकाई उपाध्यक्ष पविन्दर कुमार ने बताया कि कोरोना संकट के चलते शैक्षणिक संस्थानों को बंद किया गया है. संस्थानों ने ऑनलाइन नाम मात्र ही कक्षाएं संचालित की गई, लेकिन आज कोरोना संक्रमितों की संख्या कम होनी चाहिए, लेकिन लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

वीडियो

अभी नहीं होना चाहिए परिक्षाएं

विश्वविद्यालय प्रशासन दावा कर रहा हम यूजी फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं 17 अगस्त से करने जा रहे हैं. इस समय परीक्षाएं कराना सही नहीं है. छात्रों को क्वारंटाइन भी किया गया. उन्हें भी परीक्षा केंद्रों में ही परिक्षाएं देनी होंगी. ऐसे में सभी को संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा.

एसएफआई लंबे समय से ऑनलाइन ज्ञापनों, ऑफलाइन ज्ञापनों और प्रदर्शनों के माध्यम से लगातार मांग की जा रही है कि संक्रमण को ध्यान में रखते हुए छात्रों को पिछले अकादमिक रिकॉर्ड के आधार पर प्रमोट किया जाए, ताकि छात्रों को संक्रमण से बचाया जा सके. विश्वविद्यालय प्रशासन पीजी कक्षाओं की भी सितंबर में परीक्षाएं कराने जा रहा है, जबकि इन कक्षाओं के अभी तो 40 प्रतिशत सिलेबस भी पूरा नहीं हुआ है. एसएफआई की मांग है कि सभी छात्रों को पिछले अकादमिक रिकॉर्ड्स के आधार पर प्रमोट किया जाए. अगर ऐसा नहीं किया जाता तो आंदोलन को तेज कर विरोध किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: प्रदेश में कोरोना से 14वीं मौत, बुजुर्ग ने नेरचौक मेडिकल कॉलेज में तोड़ा दम

शिमला: सोमवार को अकादमिक रिकार्ड के आधार पर प्रमोट करने की मांग को लेकर एसएफआई ने समरहिल चौक पर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई.

सभी विद्यार्थियों को पिछले अकादमिक रिकार्ड के आधार पर प्रमोट करने की मांग की. विश्वविद्यालय इकाई उपाध्यक्ष पविन्दर कुमार ने बताया कि कोरोना संकट के चलते शैक्षणिक संस्थानों को बंद किया गया है. संस्थानों ने ऑनलाइन नाम मात्र ही कक्षाएं संचालित की गई, लेकिन आज कोरोना संक्रमितों की संख्या कम होनी चाहिए, लेकिन लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

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अभी नहीं होना चाहिए परिक्षाएं

विश्वविद्यालय प्रशासन दावा कर रहा हम यूजी फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं 17 अगस्त से करने जा रहे हैं. इस समय परीक्षाएं कराना सही नहीं है. छात्रों को क्वारंटाइन भी किया गया. उन्हें भी परीक्षा केंद्रों में ही परिक्षाएं देनी होंगी. ऐसे में सभी को संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा.

एसएफआई लंबे समय से ऑनलाइन ज्ञापनों, ऑफलाइन ज्ञापनों और प्रदर्शनों के माध्यम से लगातार मांग की जा रही है कि संक्रमण को ध्यान में रखते हुए छात्रों को पिछले अकादमिक रिकॉर्ड के आधार पर प्रमोट किया जाए, ताकि छात्रों को संक्रमण से बचाया जा सके. विश्वविद्यालय प्रशासन पीजी कक्षाओं की भी सितंबर में परीक्षाएं कराने जा रहा है, जबकि इन कक्षाओं के अभी तो 40 प्रतिशत सिलेबस भी पूरा नहीं हुआ है. एसएफआई की मांग है कि सभी छात्रों को पिछले अकादमिक रिकॉर्ड्स के आधार पर प्रमोट किया जाए. अगर ऐसा नहीं किया जाता तो आंदोलन को तेज कर विरोध किया जाएगा.

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