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SFI ने हाथरस रेप पीड़िता को दी श्रद्धाजंलि, मामले में न्याय की मांग

एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने हाथरस में हुई बलात्कार पीड़िता की मौत पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान एसएफआई ने मामले में त्वरित न्याय की मांग की है.

SFI on Hathras rape case
हाथरस बलात्कार मामले पर एसएफआई
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Published : Sep 30, 2020, 7:10 PM IST

शिमला: एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने हाथरस में हुई बलात्कार पीड़िता की मौत पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान एसएफआई ने मामले में त्वरित न्याय की मांग की है.

एसएफआई ने आरोप लगाया कि पूरे देश में महिलाओं से बलात्कार और घरेलू हिंसा के मामले बढ़े हैं. उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक लड़की के साथ बलात्कार की घटना घटित हुई. वहीं, अब युवती की मौत हो गई. एसएफआई ने अपना रोष व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के तमाम वादों के बावजूद ऐसी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. कहीं ना कहीं सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए गंभीर नहीं है.

एसएफआई कैंपस सचिव गौरव नाथन ने कहा कि मामले में लड़की को गंभीर चोटें पहुंची थी, लेकिन उसे मरा हुआ जानकर छोड़ दिया गया. वहीं, पुलिस को पहली गिरफ्तारी करने में 10 दिन से ज्यादा का समय लग गया. हाल के महीनों में यूपी में ऐसी कई गंभीर घटनाएं हुई हैं. बाराबंकी में 13 साल की दलित लड़की की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी. हापुड़ में छह साल की बच्ची की बलात्कार के बाद आंखें फोड़ दी गई थीं. इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती है, लेकिन पुलिस-प्रशासन कोई गंभीर कदम नहीं उठा रहा है.

एसएफआई ने मांग की कि समाज में महिला सुरक्षा पर सरकार की ओर से ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि महिलाओं पर हो रहे जुल्म और अत्याचार को रोका जा सके. इसके लिए कड़े कदम उठाने चाहिए. साथ ही मामले में दोषियों को फांसी की सजा दे कर पीड़िता को इंसाफ दिया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें: खाई में गिरने से BSF के पूर्व DIG की मौत, हेलिकॉप्टर से घर पहुंचाया जाएगा शव

शिमला: एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने हाथरस में हुई बलात्कार पीड़िता की मौत पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान एसएफआई ने मामले में त्वरित न्याय की मांग की है.

एसएफआई ने आरोप लगाया कि पूरे देश में महिलाओं से बलात्कार और घरेलू हिंसा के मामले बढ़े हैं. उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक लड़की के साथ बलात्कार की घटना घटित हुई. वहीं, अब युवती की मौत हो गई. एसएफआई ने अपना रोष व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के तमाम वादों के बावजूद ऐसी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. कहीं ना कहीं सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए गंभीर नहीं है.

एसएफआई कैंपस सचिव गौरव नाथन ने कहा कि मामले में लड़की को गंभीर चोटें पहुंची थी, लेकिन उसे मरा हुआ जानकर छोड़ दिया गया. वहीं, पुलिस को पहली गिरफ्तारी करने में 10 दिन से ज्यादा का समय लग गया. हाल के महीनों में यूपी में ऐसी कई गंभीर घटनाएं हुई हैं. बाराबंकी में 13 साल की दलित लड़की की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी. हापुड़ में छह साल की बच्ची की बलात्कार के बाद आंखें फोड़ दी गई थीं. इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती है, लेकिन पुलिस-प्रशासन कोई गंभीर कदम नहीं उठा रहा है.

एसएफआई ने मांग की कि समाज में महिला सुरक्षा पर सरकार की ओर से ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि महिलाओं पर हो रहे जुल्म और अत्याचार को रोका जा सके. इसके लिए कड़े कदम उठाने चाहिए. साथ ही मामले में दोषियों को फांसी की सजा दे कर पीड़िता को इंसाफ दिया जाना चाहिए.

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