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हिमाचल में 19 अक्टूबर से खुलेंगे बोर्ड कक्षाओं के लिए स्कूल, कोरोना पॉजिटिव आने पर अभिभावक जिम्मेदार

प्रदेश सरकार ने 19 अक्टूबर से बोर्ड कक्षाओं के लिए दसवीं और बारहवीं के छात्रों के लिए स्कूल खोलने का फैसला लिया. सरकार ने यह फैसला छात्रों के अभिभावकों से बातचीत के बाद लिया,लेकिन कोई छात्र कोरोना पॉजिटिव आता है तो सारी जिम्मेदारी अभिभावकों की ही होगी.

board classes will open in Himachal from October 19
कोरोना पॉजिटिव आने पर अभिभावक जिम्मेदार
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Published : Oct 17, 2020, 10:48 AM IST

शिमला : प्रदेश में 19 अक्टूबर से बोर्ड की कक्षाओं के लिए स्कूल खुल जाएंगे. 10वीं और बारहवीं के छात्रों की नियमित कक्षाएं स्कूलों में लगेंगी. इस संबंध में सरकार की ओर से आदेश सभी स्कूल प्रधानाचार्य को जारी कर दिए गए.,वहीं सरकार ने यह भी तय किया है कि छात्र अपनी अभिभावकों की अनुमति से ही स्कूल में नियमित कक्षाएं लगाने के लिए आ सकेंगे.

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए और केंद्र सरकार की ओर से जारी एसओपी का पालन करते हुए छात्रों की नियमित कक्षाएं स्कूलों में लगाई जाएंगी. सरकार की ओर से बोर्ड की कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने का फैसला अभिभावकों से हुई बातचीत के बाद लिया गया.

शिक्षा मंत्री ने की ऑनलाइन बात
शिक्षा मंत्री ने खुद अभिभावकों और छात्रों से ऑनलाइन माध्यम से संवाद किया. जिसमें अभिभावकों ने बोर्ड कक्षाओं को नियमित रूप से लगाने को लेकर सहमति जताई थी. इसी को देखते हुए सरकार ने अब यह फैसला लिया कि 19 अक्टूबर से दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्र नियमित रूप से स्कूलों में अपनी कक्षाएं लगाने के लिए आ सकेंगे, हालांकि यह फैसला सरकार ने अभी भी अभिभावकों पर छोड़ा अगर अभिभावकों की सहमति नहीं होगी तो वह अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं तो बच्चें ऑनलाइन माध्यम से ही घर बैठे भी अपनी पढ़ाई को जारी रख सकते है.

ऑनलाइन कक्षाओं को भी सरकार लगातार छात्रों के लिए जारी रखेगी. अभी मात्र बोर्ड कक्षाओं के छात्रों के लिए ही नियमित रुप से कक्षाएं लगाने का फ़ैसला सरकार ने लिया है ,जबकि पहली से नौंवी कक्षा ओर ग्यारहवीं कक्षा की नियमित कक्षाएं लगाने का फ़ैसला कैबिनेट की बैठक में लिया जाएगा.

जिम्मेदारी अभिभावकों की होगी
बता दें कि सरकार ने छात्रों के लिए स्कूल तो खोल दिए हैं ,लेकिन अगर कोई छात्र कोरोना पॉजिटिव होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की ओर से अभिभावकों पर छोड़ दी गई है. सरकार की ओर से अभिभावकों की सहमति के लिए जो पत्र जारी किया गया उसमें यह स्पष्ट लिखा गया है कि स्कूल में यदि किसी बच्चें को कोरोना होता है तो उसके लिए अभिभावक और स्कूल जिम्मेदार होगा.

अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल आने की अनुमति देते हैं और सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करते हैं तो इसके बाद छात्र के कोरोना पॉजिटिव आने पर सरकार की उसमें कोई जिम्मेदारी नहीं होगी. ना ही माता पिता स्कूल को जिम्मेदार नहीं ठहरा पाएंगे. ऐसे में अब अभिभावकों को ही अपने बच्चों को स्कूल भेजने का फ़ैसला लेना होगा.

शिमला : प्रदेश में 19 अक्टूबर से बोर्ड की कक्षाओं के लिए स्कूल खुल जाएंगे. 10वीं और बारहवीं के छात्रों की नियमित कक्षाएं स्कूलों में लगेंगी. इस संबंध में सरकार की ओर से आदेश सभी स्कूल प्रधानाचार्य को जारी कर दिए गए.,वहीं सरकार ने यह भी तय किया है कि छात्र अपनी अभिभावकों की अनुमति से ही स्कूल में नियमित कक्षाएं लगाने के लिए आ सकेंगे.

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए और केंद्र सरकार की ओर से जारी एसओपी का पालन करते हुए छात्रों की नियमित कक्षाएं स्कूलों में लगाई जाएंगी. सरकार की ओर से बोर्ड की कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने का फैसला अभिभावकों से हुई बातचीत के बाद लिया गया.

शिक्षा मंत्री ने की ऑनलाइन बात
शिक्षा मंत्री ने खुद अभिभावकों और छात्रों से ऑनलाइन माध्यम से संवाद किया. जिसमें अभिभावकों ने बोर्ड कक्षाओं को नियमित रूप से लगाने को लेकर सहमति जताई थी. इसी को देखते हुए सरकार ने अब यह फैसला लिया कि 19 अक्टूबर से दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्र नियमित रूप से स्कूलों में अपनी कक्षाएं लगाने के लिए आ सकेंगे, हालांकि यह फैसला सरकार ने अभी भी अभिभावकों पर छोड़ा अगर अभिभावकों की सहमति नहीं होगी तो वह अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं तो बच्चें ऑनलाइन माध्यम से ही घर बैठे भी अपनी पढ़ाई को जारी रख सकते है.

ऑनलाइन कक्षाओं को भी सरकार लगातार छात्रों के लिए जारी रखेगी. अभी मात्र बोर्ड कक्षाओं के छात्रों के लिए ही नियमित रुप से कक्षाएं लगाने का फ़ैसला सरकार ने लिया है ,जबकि पहली से नौंवी कक्षा ओर ग्यारहवीं कक्षा की नियमित कक्षाएं लगाने का फ़ैसला कैबिनेट की बैठक में लिया जाएगा.

जिम्मेदारी अभिभावकों की होगी
बता दें कि सरकार ने छात्रों के लिए स्कूल तो खोल दिए हैं ,लेकिन अगर कोई छात्र कोरोना पॉजिटिव होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की ओर से अभिभावकों पर छोड़ दी गई है. सरकार की ओर से अभिभावकों की सहमति के लिए जो पत्र जारी किया गया उसमें यह स्पष्ट लिखा गया है कि स्कूल में यदि किसी बच्चें को कोरोना होता है तो उसके लिए अभिभावक और स्कूल जिम्मेदार होगा.

अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल आने की अनुमति देते हैं और सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करते हैं तो इसके बाद छात्र के कोरोना पॉजिटिव आने पर सरकार की उसमें कोई जिम्मेदारी नहीं होगी. ना ही माता पिता स्कूल को जिम्मेदार नहीं ठहरा पाएंगे. ऐसे में अब अभिभावकों को ही अपने बच्चों को स्कूल भेजने का फ़ैसला लेना होगा.

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