शिमला: हिमाचल प्रदेश के मैदानी जिला बिलासपुर के घुमारवीं से संबंध रखने वाले हरिमन शर्मा को बागवानी के क्षेत्र में नवीन प्रयोग करने पर पद्मश्री सम्मान का ऐलान हुआ है. देर शाम हरिमन शर्मा तक ये सूचना पहुंची तो उनके परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. ईटीवी से बातचीत में हरिमन शर्मा ने कहा कि उनकी लगन और प्रयोगधर्मिता को आखिरकार बड़ी पहचान मिली है.
हरिमन शर्मा को सेब सम्राट के नाम से भी जाना जाता है. उन्हें बागवानी में नए-नए प्रयोग करने के लिए अनेक पुरस्कार मिल चुके हैं. अब उन ईनामों की कड़ी में पद्म सम्मान भी जुड़ गया है. बिलासपुर की घुमारवीं तहसील के पनियाला ग्राम के रहने वाले हैं. उनके प्रयास से अब राज्य के सात गर्म जिलों यथा बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, ऊना, मंडी व सोलन में सेब उगाया जा रहा है.
उन्होंने निजी प्रयासों से इन सात जिलों में 1.90 लाख पौधे लगवाए हैं. करीब छह हजार बागवानों ने हरिमन शर्मा के सहयोग से पौधे रोप कर सेब उगाने में सफलता हासिल की है. हरिमन शर्मा अपनी नर्सरी भी संचालित करते हैं. हरिमन शर्मा को राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय स्तरीय सम्मान मिल चुके हैं. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान व परिषद की तरफ से उन्हें आईएआरआई फेलो अवार्ड भी मिला है. उन्हें सेब की एचआरएमएन-99 किस्म विकसित करने के लिए राष्ट्रीय सम्मान मिल चुका है.
इसी कड़ी में राष्ट्रीय नवोन्मेषी कृषि सम्मान भी वे हासिल कर चुके हैं. वर्ष 2017 में हरिमन शर्मा को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी सम्मानित किया था. हरिमन शर्मा ने अपने प्रयासों से ये साबित कर दिया कि सेब सिर्फ सर्द इलाकों में ही नहीं, बल्कि गर्म जलवायु में भी उगाया जा सकता है.
विदेश में भी लोकप्रिय हैं हरिमन शर्मा
हरिमन शर्मा की तरफ से विकसित की गई किस्म एचआरएमएन-99 विदेश में भी लोकप्रिय है. जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश, नेपाल सहित देश के अन्य राज्यों बेंगलुरू, तेलंगाना, पंजाब आदि में ये किस्म उगाई जा रही है. हरिमन शर्मा ने नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में भी इस किस्म को उगाने में सहायता की है. ये किस्म जून महीने में तैयार हो जाती है. उस समय मार्केट में ताजा सेब नहीं होता, लिहाजा ये किस्म बहुत पसंद की जाती है.
हरिमन शर्मा को अनेक संस्थान लेक्चर के लिए आमंत्रित करते हैं. देश के लगभग सभी राज्यों में हरिमन की विकसित की हुई किस्म उगाई जा रही है. हरिमन शर्मा ने 1998 में खुद के बगीचे में प्रयोग आरंभ किए थे. आरंभ में उन्होंने बेर के पेड़ पर सेब की ग्राफ्टिंग की थी. धीरे-धीरे प्रयोग सफल हुए और हरिमन शर्मा हिमाचल के एप्पल मैन कहे जाने लगे. अब उनकी लगन व प्रयोगधर्मिता को पद्म सम्मान मिलने से और भी पहचान मिलेगी.
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