शिमला: HRTC के ड्राइवर और कंडक्टरों को आश्वासन के बाद में समय पर सैलरी ना मिलने से मायूसी छाई हुई है. कर्मचारियों में रोष है कि सरकार ने 7 तारीख को सैलरी देने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज 12 तारीख हो गई है, अभी तक सैलरी का कोई पता नहीं है कि कब तक आएगी. ऐसी स्थिति में चालक परिचालक संघ 19, 20 और 21 जून को चंबा में एक बैठक का आयोजन करने जा रहा है. जिसमें कर्मचारी कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.
एचआरटीसी ड्राइवर यूनियन के अध्यक्ष मान सिंह ने बताया कि सरकार उनकी मांगों को अनदेखी कर रही है और मुख्य रूप से सैलरी समय पर नहीं दे रही है. जिसके कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में बैठक का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है. मान सिंह ने कहा कि एचआरटीसी कर्मचारियों को अभी तक वेतन जारी नहीं हुआ है. ऐसे में निगम के तकनीकी कर्मचारियों ने समय पर वेतन ना दिए जाने को लेकर सरकार व निगम प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर दी है. समय से वेतन ना मिलने से खफा तकनीकी कर्मचारियों ने वर्क टू रूल (यानी आउट ऑफ ट्रेड काम नहीं करेंगे)करने की चेतावनी जारी की है.
तकनीकी कर्मचारियों ने कहा कि यदि निगम वेतन दिए जाने की व्यवस्था को नहीं सही करता है और माह की 1 तारीख को वेतन नहीं जारी करता है तो तकनीकी कर्मचारी वर्क टू रूल पर चले जाएंगे. जिससे निगम की सभी वर्कशॉप में काम प्रभावित होगा. हिमाचल परिवहन तकनीकी कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि मासिक वेतन न मिलने से कर्मचारियों को अपने परिवार का पालन पोषण करने में खासी दिकतों का सामना कर पड़ रहा है.
परिवहन निगम की कर्मशालाओं में अब कुल स्टाफ 20 से 25 प्रतिशत ही है. जिससे कर्मशाला के कर्मचारियों पर काम का अत्यधिक बोझ पड़ा हुआ है. फिर भी कर्मशालाओं के कर्मचारी अपनी जान की परवाह किए बिना कड़ी मेहनत के साथ ईमानदारी से दिन रात एक करके निरंतर सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन यह सब जानने के बावजूद भी निगम प्रबंधन कर्मशाला कर्मचारियों पर भारी दबाब बनाने की निरंतर कोशिश में लगा रहता है.
प्रबंधन अनेकों कर्मशाला कर्मचारियों से जबरन आउट ऑफ ट्रेड काम ले रहा है. वहीं, वेतन भी समय से नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि अब कर्मशालाओं के कर्मचारियों के सब्र का बांध टूट रहा है और कर्मचारियों में भारी रोष पनपा हुआ है. इसलिए समय रहते निगम प्रबंधन तकनीकी कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करें. अन्यथा परिवहन तकनीकी कर्मचारियों को मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.
'इन मांगों को भी पूरा करे सरकार': तकनीकी कर्मचारियों ने प्रबंधन व सरकार वेतन सहित अन्य मांगों को पूरा करने की मांग की है. कर्मचारी संघ ने मांग कि है कि परिवहन निगम की कर्मशालाओं में स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए निगम में तकनीकी वर्ग के पदों को 3300 बसों के फ्लीट के हिसाब से पुन: समीक्षा कर उन्हें तुरंत भरा जाए. इसके अतिरिक्त पीसमील कर्मचारी परिवहन निगम में 5 व 6 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर चुके हैं उनके लिये रिक्त पदों का प्रावधान कर उन्हें भी तुरन्त अनुबंध में परिवर्तित कर लिया जाए.
इसके अतिरिक्त सभी तकनीकी वर्गों की पदोन्नतियों को जुलाई 2021 से नियमों में संशोधन करके समाप्त कर दिया गया है और पदोन्नति के स्थान पर प्लेसमेंट शब्द को नियमों में जोड़ा गया है. जिससे सभी तकनीकी कर्मचारियों को पदोन्नती पर मिलने वाले वितीय लाभ से वंचित किया गया है. तकनीकी कर्मचारी संगठन मांग करता है कि जिस प्रकार निगम के अस्तित्व में आने से लेकर 2021 तक तकनीकी कर्मचारियों को पदोन्नती का लाभ मिल रहा था उसे बहाल किया जाए.
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