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सरहदों में सेवाएं देने के बाद राजनीति में उतरे ये रण बांकुर, अब उठाते हैं जनता के मुद्दे - इंद्र सिंह

हिमाचल प्रदेश को वीरभूमि के नाम से भी जाना जाता है. देश के इतिहास में ऐसा कोई युद्ध नहीं जिसमें हिमाचल के वीरों ने अपनी अमिट छाप नहीं छोड़ी हो. इतिहास पर एक नजर दौड़ाएं तो प्रथम परवीर चक्र विजेता शहीद मेजर सोमनाथ शर्मा से लेकर परमवीर चक्र विजेता शहीद कै. विक्रम बत्रा तक हिमाचल का इतिहास वीरों की गौरव गाथा से भरा पड़ा है.

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Published : Jun 12, 2019, 9:03 AM IST

शिमला: सेना में रहकर देश की रक्षा के बाद अब राजनीति के माध्यम से रण वाकुरों की चमक से हिमाचल विधानसभा भी जगमगा रही है. मौजूदा हिमाचल विधानसभा में सेना से रिटायर सिपाही से लेकर कर्नल रैंक तक कई योद्धा मौजूद हैं.


हिमाचल प्रदेश को वीरभूमि के नाम से भी जाना जाता है. देश के इतिहास में ऐसा कोई युद्ध नहीं जिसमें हिमाचल के वीरों ने अपनी अमिट छाप नहीं छोड़ी हो. इतिहास पर एक नजर दौड़ाएं तो प्रथम परवीर चक्र विजेता शहीद मेजर सोमनाथ शर्मा से लेकर परमवीर चक्र विजेता शहीद कै. विक्रम बत्रा तक हिमाचल का इतिहास वीरों की गौरव गाथा से भरा पड़ा है.

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देश की सेना से रिटायर होने के बाद भी ये जवान देश सेवा और समाज सेवा का अपना जज्बा छोड़ते नहीं. इसका जीता जागता उदाहरण प्रदेश की विधानसभा में पूर्व सैनिकों की मौजूदगी है.

dhani ram shandil
कर्नल धनी राम शांडिल, विधायक


कांग्रेस से विधायक धनी राम शांडिल सेना से कर्नल रैंक से रिटायर हैं. 1962 से 1996 तक शांडिल ने अनेक युद्धों में भी भाग लिया है. कर्नल शांडिल सेना में जिम्मेदारियों का सफलता पूर्वक निर्वहन करने का बाद हिमाचल की राजनीति में भी कद्दावर नेता की भूमिका निभा रहे हैं. प्रदेश सरकार में मंत्री रहने के अलावा कर्नल शांडिल सांसद के रूप में भी प्रदेश की सेवा कर चुके हैं.

inder singh
कर्नल इंद्र सिंह, विधायक


भाजपा से विधायक इंद्र सिंह भी सेना से कर्नल रैंक से रिटायर हैं. IIT Delhi से M.Tec. कर्नल इंद्र सिंह सेना में राडार इंजीनियर रहे हैं और लंबे समय तक सेना में रहकर देश सेवा की है. कर्नल सिंह लगातार तीसरी बार सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं.

mahender singh
महेंद्र सिंह ठाकुर, IPH मंत्री


धर्मपुर से विधायक और जयराम मंत्रिमंडल में नंबर दो के औहदे पर विराजमान महेंद्र सिंह ठाकुर भी सेना में सेवाएं दे चुके हैं. महेंद्र सिंह ठाकुर ने 1971 का युद्ध भी लड़ा है और 1973 में सेना से वापसी कर अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया है. महेंद्र सिंह अलग-अलग राजनीतिक दलों में रहकर भी कभी विधायक का चुनाव नहीं हारे हैं. इनके नाम सबसे अधिक अलग-अलग चुनाव चिन्हों से चुनाव जीतने का विश्व रिकॉर्ड दर्ज है.

nand laal
नंद लाल, विधायक


रामपुर से विधायक और कांग्रेस के दिग्गज नेता नंदलाल ने कई वर्षों तक आईटीबीपी में रहकर देश की सेवा की है. नंदलाल कई वर्षों तक प्रतिष्ठित SPG में भी तैनात रहे हैं और देश के प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा भी संभाल चुके हैं.

suresh kashyap
सुरेश कश्यप, सांसद


पच्छाद से विधायक और वर्तमान में लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद पहुंचे सरेश कश्यप भी भारतीय वायुसेना के माध्यम से कई वर्षों तक देश की सेवा करते रहे. सुरेश कश्यप ने कई देश के दुर्गम क्षेत्रों में एयर फोर्स के माध्यम से देश की सेवा और इस जज्बे के कायम रखते हुए अब राजनीति के माध्यम से समाज सेवा में लगे हुए हैं.

vikram singh
विक्रम सिंह जरयाल, विधायक
भाजपा के भटियात से विधायक विक्रम सिंह जरयाल भी 1-पैरा कमांडो स्पेश्ल फोर्स में तैनात रहकर देश की सेवा कर चुके हैं. जरयाल 1981 में देश सेवा के लिए सेना में भर्ती हुए थे और सेवानिवृत होने के बाद अब विधानसभा के माध्यम से समाज सेवा में लगे हुए हैं.

ये भी पढ़ेंः प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों में बारिश का दौर शुरू, बागवानों और किसानों के खिले चेहरे

शिमला: सेना में रहकर देश की रक्षा के बाद अब राजनीति के माध्यम से रण वाकुरों की चमक से हिमाचल विधानसभा भी जगमगा रही है. मौजूदा हिमाचल विधानसभा में सेना से रिटायर सिपाही से लेकर कर्नल रैंक तक कई योद्धा मौजूद हैं.


हिमाचल प्रदेश को वीरभूमि के नाम से भी जाना जाता है. देश के इतिहास में ऐसा कोई युद्ध नहीं जिसमें हिमाचल के वीरों ने अपनी अमिट छाप नहीं छोड़ी हो. इतिहास पर एक नजर दौड़ाएं तो प्रथम परवीर चक्र विजेता शहीद मेजर सोमनाथ शर्मा से लेकर परमवीर चक्र विजेता शहीद कै. विक्रम बत्रा तक हिमाचल का इतिहास वीरों की गौरव गाथा से भरा पड़ा है.

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देश की सेना से रिटायर होने के बाद भी ये जवान देश सेवा और समाज सेवा का अपना जज्बा छोड़ते नहीं. इसका जीता जागता उदाहरण प्रदेश की विधानसभा में पूर्व सैनिकों की मौजूदगी है.

dhani ram shandil
कर्नल धनी राम शांडिल, विधायक


कांग्रेस से विधायक धनी राम शांडिल सेना से कर्नल रैंक से रिटायर हैं. 1962 से 1996 तक शांडिल ने अनेक युद्धों में भी भाग लिया है. कर्नल शांडिल सेना में जिम्मेदारियों का सफलता पूर्वक निर्वहन करने का बाद हिमाचल की राजनीति में भी कद्दावर नेता की भूमिका निभा रहे हैं. प्रदेश सरकार में मंत्री रहने के अलावा कर्नल शांडिल सांसद के रूप में भी प्रदेश की सेवा कर चुके हैं.

inder singh
कर्नल इंद्र सिंह, विधायक


भाजपा से विधायक इंद्र सिंह भी सेना से कर्नल रैंक से रिटायर हैं. IIT Delhi से M.Tec. कर्नल इंद्र सिंह सेना में राडार इंजीनियर रहे हैं और लंबे समय तक सेना में रहकर देश सेवा की है. कर्नल सिंह लगातार तीसरी बार सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं.

mahender singh
महेंद्र सिंह ठाकुर, IPH मंत्री


धर्मपुर से विधायक और जयराम मंत्रिमंडल में नंबर दो के औहदे पर विराजमान महेंद्र सिंह ठाकुर भी सेना में सेवाएं दे चुके हैं. महेंद्र सिंह ठाकुर ने 1971 का युद्ध भी लड़ा है और 1973 में सेना से वापसी कर अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया है. महेंद्र सिंह अलग-अलग राजनीतिक दलों में रहकर भी कभी विधायक का चुनाव नहीं हारे हैं. इनके नाम सबसे अधिक अलग-अलग चुनाव चिन्हों से चुनाव जीतने का विश्व रिकॉर्ड दर्ज है.

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नंद लाल, विधायक


रामपुर से विधायक और कांग्रेस के दिग्गज नेता नंदलाल ने कई वर्षों तक आईटीबीपी में रहकर देश की सेवा की है. नंदलाल कई वर्षों तक प्रतिष्ठित SPG में भी तैनात रहे हैं और देश के प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा भी संभाल चुके हैं.

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सुरेश कश्यप, सांसद


पच्छाद से विधायक और वर्तमान में लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद पहुंचे सरेश कश्यप भी भारतीय वायुसेना के माध्यम से कई वर्षों तक देश की सेवा करते रहे. सुरेश कश्यप ने कई देश के दुर्गम क्षेत्रों में एयर फोर्स के माध्यम से देश की सेवा और इस जज्बे के कायम रखते हुए अब राजनीति के माध्यम से समाज सेवा में लगे हुए हैं.

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विक्रम सिंह जरयाल, विधायक
भाजपा के भटियात से विधायक विक्रम सिंह जरयाल भी 1-पैरा कमांडो स्पेश्ल फोर्स में तैनात रहकर देश की सेवा कर चुके हैं. जरयाल 1981 में देश सेवा के लिए सेना में भर्ती हुए थे और सेवानिवृत होने के बाद अब विधानसभा के माध्यम से समाज सेवा में लगे हुए हैं.

ये भी पढ़ेंः प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों में बारिश का दौर शुरू, बागवानों और किसानों के खिले चेहरे

Intro:सीमा की सुरक्षा के बाद समाज सेवा को उतरे ये रण बांकुरे
शिमला. सेना में रहकर देश की रक्षा के बाद अब राजनीति के माध्यम से जनसेवा में जुटे रण वाकुरों की चमक से हिमाचल विधानसभा भी जगमगा रही है. मौजूदा हिमाचल विधानसभा में सेना से रिटायर सिपाही से लेकर कर्नल रैंक तक कई योद्धा मौजूद हैं.



Body:हिमाचल प्रदेश को वीरभूमि के नाम से भी जाना जाता है. देश के इतिहास में ऐसा कोई युद्ध नहीं जिसमें हिमाचल के वीरों ने अपनी अमिट छाप नहीं छोड़ी हो. इतिहास पर एक नज़र दौड़ाएं तो प्रथम परवीर चक्र विजेता शहीद मेजर सोमनाथ शर्मा से लेकर परमवीर चक्र विजेता शहीद कै.विक्रम बत्ता तक हिमाचल का इतिहास वीरों की गौरव गाथा से भरा पड़ा है.
देश की सेना से रिटायर होने के बाद भी ये जवान देश सेवा और समाज सेवा का अपना जज्वा छोड़ते नहीं. इसका जीता जागता उदाहरण प्रदेश की विधानसभा में पूर्व सैनिकों की मौजूदगी है.
कांग्रेस से विधायक धनी राम शांडिल सेना से कर्नल रैंक से रिटायर हैं 1962 से 1996 तक शांडिल ने अनके युद्धों में भी भाग लिया है. कर्नल शांडिल सेना में जिम्मेदारियों का सफलता पूर्वक निर्वहन करने का बाद हिमाचल की राजनीति में भी कद्दावर नेता की भूमिक निभा रहे हैं प्रदेश सरकार में मंत्री रहने के अलावा कर्नल शांडिल सांसद के रूप में भी प्रदेश की सेवा कर चुके हैं.
भाजपा से विधायक इंद्र सिंह भी सेना से कर्नल रैंक से रिटायर हैं. IIT Delhi से M.Tec. कर्नल इंद्र सिंह सेना में राडार इंजीनियर रहे हैं और लंबे समय तक सेना में रहकर देश सेवा की है. कर्नल सिंह लगातार तीसरी बार सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र विधायक हैं.



Conclusion:धर्मपुर से विधायक और जयराम मंत्रिमंडल में नंबर दो के औहदे पर विराजमान महेंद्र सिंह ठाकुर भी सेना में सेवाएं दे चुके हैं. महेंद्र सिंह ठाकुर ने 1971 का युद्ध भी लड़ा है और 1973 में सेना से वापसी कर अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया है. महेंद्र सिंह अलग-अलग राजनीतिक दलों में रहकर भी कभी विधायक का चुनाव नहीं हारे हैं. इनके नाम सबसे अधिक अलग-अलग चुनाव चिन्हों से चुनाव जीतने का विश्व रिकॉर्ड दर्ज है.
रामपुर से विधायक और कांग्रेस के दिग्गज नेता नंदलाल ने कई वर्षों तक आईटीबीपी में रहकर देश की सेवा की है. नंदलाल कई वर्षों तक प्रतिष्ठित  SPG में भी तैनात रहे हैं और देश के प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा भी संभाल चुके हैं.
पच्छाद से विधायक और वर्तमान में लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद पहुंचे सरेश कश्यप भी भारतीय वायुसेना के माध्यम से कई वर्षों तक देश की सेवा करते रहे. सुरेश कश्यप ने कई देश के दुर्गम क्षेत्रों में एयर फोर्स के माध्यम से देश की सेवा और इस जज्बे के कायम रखते हुए अब राजनीति के माध्यम से समाज सेवा में लगे हुए हैं.            
भाजपा के भटियात से विधायक विक्रम सिंह जरयाल भी 1-पैरा कमांडो स्पैश्ल फोर्स में तैनात रहकर देश की सेवा कर चुके हैं जरयाल 1981 में देश सेवा के लिए सेना में भर्ती हुए थे और सेवा निवृत होने के बाद अब विधानसभा के माध्यमं से समाज सेवा में लगे हुए हैं.          
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