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छह महीने से जीएसटी नहीं भरने वालों का पंजीकरण हो सकता है रद्द

मुख्यमंत्री और राज्य कर एवं आबकारी विभाग के प्रधान सचिव संजय कुंडू ने रविवार शाम हिमाचल भवन चंडीगढ़ में विभागीय अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में राजस्व बढ़ाने को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जीएसटी के पंजीकृत करदाता पिछले छः महीने से अपना टैक्स रिटर्न नहीं भर रहे हैं, उनके पंजीकरण रद्द किए जाएं.

HP Tax and Excise Department review meeting
एचपी टैक्स और एक्साइज डिपार्टमेंट की समीक्षा बैठक
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Published : Dec 16, 2019, 11:14 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री और राज्य कर एवं आबकारी विभाग के प्रधान सचिव संजय कुंडू ने रविवार शाम हिमाचल भवन चंडीगढ़ में विभागीय अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में राजस्व बढ़ाने को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई.
संजय कुंडू ने जीएसटी राजस्व बढ़ाने के लिए निर्देश देते हुए इस बात पर विशेष बल दिया कि रिटर्न भरने की प्रतिशतता को वर्तमान की दर से बढ़ाते हुए 95 प्रतिशत तक लाया जाए, ताकि सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी की जा सके. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जीएसटी के पंजीकृत करदाता पिछले छः महीने से अपना टैक्स रिटर्न नहीं भर रहे हैं, उनके पंजीकरण रद्द किए जाएं.

संजय कुंडू ने कहा कि जीएसटी में जिन करदाताओं का दो बार पंजीकरण हुआ है उनको भी रद्द किया जाए. इसके अलावा उन ठेकेदारों के पंजीकरण को भी रद्द करने को कहा है जिन्होंने जीएसटी लागू होने के समय तो पंजीकरण करवाया, लेकिन वर्तमान में निष्क्रिय चल रहें है. उन्होंने निर्देश दिए कि जो करदाता केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आते हैं और अपनी रिटर्न नहीं भर रहे हैं, उनका मामला केंद्रीय जीएसटी आयुक्त से उठाया जाए.

प्रधान सचिव ने जीएसटी रिटर्न भरने को लेकर जागरूकता अभियान चलाने और समस्त जिला प्रभारियों को मीडिया के माध्यम से विज्ञापन और प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए.
इसके अतिरिक्त राज्य कर एवं आबकारी विभाग के प्रधान सचिव संजय कुंडू ने जिलावार जीएसटी के राजस्व एकत्रीकरण का अवलोकन किया. साथ ही राजस्व बढ़ाने बारे निर्देश दिए. राजस्व जिला दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणु ने नवंबर, 2018 में 6.92 करोड़ की तुलना में नवंबर, 2019 तक 633 प्रतिशत वृद्धि के साथ 50.72 करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व एकत्र किया. राजस्व जिला बीबीएन ने नवंबर, 2018 में 139.63 करोड़ रुपये की तुलना में नवंबर, 2019 में 252.53 करोड़ रुपये का राजस्व एकठ्ठा किया, जिसकी वृद्धि दर 80.85 प्रतिशत रही.

इसी तरह जिला सिरमौर ने पिछले साल नवंबर में 39.67 करोड़ का जीएसटी राजस्व इकट्ठा किया था, जो इस साल नवंबर तक 52.13 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 60.35 करोड़ रुपये रहा. जिला सोलन ने पिछले साल इस अवधि के दौरान 178.49 करोड़ रुपये का राजस्व इकठ्ठा किया, जो इस साल नवंबर तक बढ़कर 203.72 करोड़ हो गया.

जिला बिलासपुर ने नवंबर, 2018 तक 50.74 करोड़ रुपये का राजस्व इकठ्ठा किया था, जो इस साल नवंबर में बढ़कर 54.73 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. संजय कुंडू ने राजस्व बढ़ोतरी की अनुपालना के लिए अगले माह शिमला में एक बैठक आयोजित करने के निर्देश भी दिए. इसमें मुख्यतः आबकारी नीति, आबकारी राजस्व बढ़ाने और अवैध शराब की बिक्री रोकने के बारे में चर्चा की जाएगी.

ये भी पढ़ें: रामपुर में कामकाजी महिलाओं का धरना प्रदर्शन, बढ़ते अत्याचार को लेकर जताई चिंता

शिमला: मुख्यमंत्री और राज्य कर एवं आबकारी विभाग के प्रधान सचिव संजय कुंडू ने रविवार शाम हिमाचल भवन चंडीगढ़ में विभागीय अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में राजस्व बढ़ाने को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई.
संजय कुंडू ने जीएसटी राजस्व बढ़ाने के लिए निर्देश देते हुए इस बात पर विशेष बल दिया कि रिटर्न भरने की प्रतिशतता को वर्तमान की दर से बढ़ाते हुए 95 प्रतिशत तक लाया जाए, ताकि सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी की जा सके. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जीएसटी के पंजीकृत करदाता पिछले छः महीने से अपना टैक्स रिटर्न नहीं भर रहे हैं, उनके पंजीकरण रद्द किए जाएं.

संजय कुंडू ने कहा कि जीएसटी में जिन करदाताओं का दो बार पंजीकरण हुआ है उनको भी रद्द किया जाए. इसके अलावा उन ठेकेदारों के पंजीकरण को भी रद्द करने को कहा है जिन्होंने जीएसटी लागू होने के समय तो पंजीकरण करवाया, लेकिन वर्तमान में निष्क्रिय चल रहें है. उन्होंने निर्देश दिए कि जो करदाता केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आते हैं और अपनी रिटर्न नहीं भर रहे हैं, उनका मामला केंद्रीय जीएसटी आयुक्त से उठाया जाए.

प्रधान सचिव ने जीएसटी रिटर्न भरने को लेकर जागरूकता अभियान चलाने और समस्त जिला प्रभारियों को मीडिया के माध्यम से विज्ञापन और प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए.
इसके अतिरिक्त राज्य कर एवं आबकारी विभाग के प्रधान सचिव संजय कुंडू ने जिलावार जीएसटी के राजस्व एकत्रीकरण का अवलोकन किया. साथ ही राजस्व बढ़ाने बारे निर्देश दिए. राजस्व जिला दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणु ने नवंबर, 2018 में 6.92 करोड़ की तुलना में नवंबर, 2019 तक 633 प्रतिशत वृद्धि के साथ 50.72 करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व एकत्र किया. राजस्व जिला बीबीएन ने नवंबर, 2018 में 139.63 करोड़ रुपये की तुलना में नवंबर, 2019 में 252.53 करोड़ रुपये का राजस्व एकठ्ठा किया, जिसकी वृद्धि दर 80.85 प्रतिशत रही.

इसी तरह जिला सिरमौर ने पिछले साल नवंबर में 39.67 करोड़ का जीएसटी राजस्व इकट्ठा किया था, जो इस साल नवंबर तक 52.13 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 60.35 करोड़ रुपये रहा. जिला सोलन ने पिछले साल इस अवधि के दौरान 178.49 करोड़ रुपये का राजस्व इकठ्ठा किया, जो इस साल नवंबर तक बढ़कर 203.72 करोड़ हो गया.

जिला बिलासपुर ने नवंबर, 2018 तक 50.74 करोड़ रुपये का राजस्व इकठ्ठा किया था, जो इस साल नवंबर में बढ़कर 54.73 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. संजय कुंडू ने राजस्व बढ़ोतरी की अनुपालना के लिए अगले माह शिमला में एक बैठक आयोजित करने के निर्देश भी दिए. इसमें मुख्यतः आबकारी नीति, आबकारी राजस्व बढ़ाने और अवैध शराब की बिक्री रोकने के बारे में चर्चा की जाएगी.

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Intro:जीएसटी राजस्व बढ़ाने और रिटर्न प्रतिशतता दर बढ़ाने को दें प्राथमिकताः संजय कुंडू

मुख्यमंत्री और राज्य कर एवं आबकारी विभाग के प्रधान सचिव संजय कुंडू ने रविवार सायं हिमाचल भवन चण्डीगढ़ में विभागीय अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में राजस्व बढ़ाने को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।

Body:संजय कुंडू ने जीएसटी राजस्व बढ़ाने के लिए निर्देश देते हुए इस बात पर विशेष बल दिया कि रिटर्न भरने की प्रतिशतता को वर्तमान की दर से बढ़ाते हुए इसे 95 प्रतिशत तक लाया जाए ताकि सरकार के राजस्व में बढ़ौतरी की जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जीएसटी के जो पंजीकृत करदाता पिछले छः माह से अपना टैक्स रिटर्न नहीं भर रहे हैं, उनके पंजीकरण रद्द किए जाएं।

उन्होंने कहा कि जीएसटी में जिन करदाताओं का दो बार पंजीकरण हुआ है उनको भी रद्द किया जाए। इसके अलावा, उन ठेकेदारों के पंजीकरण को भी रद्द करने को कहा है जिन्होंने जीएसटी लागू होने के समय तो पंजीकरण करवाया लेकिन वर्तमान में निष्क्रिय चल रहें है। उन्होंने निर्देश दिए कि जो करदाता केन्द्र के अधिकार क्षेत्र में आते है और अपनी रिटर्न नहीं भर रहे हैं, उनका मामला केन्द्रीय जीएसटी आयुक्त से उठाया जाए।

प्रधान सचिव ने जीएसटी रिटर्न भरने को लेकर जागरूकता अभियान चलाने और समस्त जिला प्रभारियों को मीडिया के माध्यम से विज्ञापन व प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए।

इसके अतिरिक्त उन्होंने जिलावार जीएसटी के राजस्व एकत्रीकरण का अवलोकन किया व राजस्व बढ़ाने बारे निर्देश दिए। राजस्व जिला दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणु ने नवम्बर, 2018 में 6.92 करोड़ की तुलना में नवम्बर, 2019 तक 633 प्रतिशत वृद्धि के साथ 50.72 करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व एकत्र किया। राजस्व जिला बीबीएन ने नवम्बर, 2018 में 139.63 करोड़ रुपये की तुलना में नवम्बर, 2019 में 252.53 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्रित किया, जिसकी वृद्धि दर 80.85 प्रतिशत रही।

इसी प्रकार जिला सिरमौर ने पिछले वर्ष नवम्बर में 39.67 करोड़ का जीएसटी राजस्व एकत्र किया था, जो इस वर्ष नवम्बर माह तक 52.13 प्रतिशत की बढ़ौतरी के साथ 60.35 करोड़ रुपये रहा। जिला सोलन ने पिछले वर्ष इस अवधि के दौरान 178.49 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया, जो इस वर्ष नवम्बर माह तक बढ़कर 203.72 करोड़ हो गया। जिला बिलासपुर ने नवम्बर, 2018 तक 50.74 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया था, जो इस वर्ष नवम्बर माह में बढ़कर 54.73 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।Conclusion:कुंडू ने राजस्व बढ़ौतरी की अनुपालना के लिए अगले माह शिमला में एक बैठक आयोजित करने के निर्देश भी दिए, जिसमें मुख्यतः आबकारी नीति, आबकारी राजस्व बढ़ाने और अवैध शराब की बिक्री रोकने के बारे में चर्चा की जाएगी।

दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र के संयुक्त आयुक्त राज्य कर व आबकारी यू.एस राणा व जिला सोलन, सिरमौर, बिलासपुर व राजस्व जिला बीबीएन के प्रभारी तथा सहायक आयुक्त बैठक में उपस्थित थे।
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