रामपुर: शिमला जिले के रामपुर उपमंडल में ज्यूरी के साथ लगते क्षेत्र नानण में प्राथमिक स्कूल को भारी नुकसान हुआ है. यहां बीते सोमवार रात हुई भारी बारिश के कारण स्कूल पर चट्टान आ गिरा, जिससे स्कूल पुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. मामले की सूचना लोगों ने अगले सुबह रामपुर प्रशासन को दी. जिसके बाद नायब तहसीलदार भीम सिंह नेगी मौके पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मौके का मुआयना किया. उन्होंने देखा कि प्राथमिक स्कूल और आंगनवाड़ी को भारी नुकसान हुआ है.
नायब तहसीलदार ने बताया भारी बारिश के कारण स्कूल की छत पर मलबा आने से यह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है. इस स्कूल में तीन कमरा और एक किचन था, जो क्षतिग्रस्त हो चुका है. तहसीलदार ने बताया कि राजस्व विभाग की टीम द्वारा नुकसान का आकलन किया गया है. जिसके अनुसार स्कूल का करीब 50 से 60 लाख के करीब नुकसान हुआ है. नायब तहसीलदार ने बताया यहां पर छात्रों की कक्षाएं लगती थी. स्थानीय लोगों और अभिभावकों से इस बारे में बातचीत की गई है. जहां पर सुरक्षित हो वहां पर छात्रों की कक्षाएं लगाई जाएगी.
वही, उन्होंने बताया कि क्षेत्र में बीती रात भारी बारिश से अन्य घरों को भी नुकसान हुआ है, जिसका वह मौके पर जाकर जायजा ले रहे हैं. साथ ही नुकसान का आकलन कर रहे हैं. अधिक प्रभावितों को राहत राशि भी प्रदान की जा रही है. वहीं पुलिस चौकी ज्यूरी पर भूस्खलन के साथ बड़ा पत्थर गिर गया. जिससे साथ लगते मकानों को भी नुकसान पहुंचा है. गनीमत ये रही कि इस प्राकृतिक आपदा में कोई जानी नुकसान नही हुआ. क्षेत्र में हो रही बारिश से हर दिन किसी न किसी तरह के नुकसान की खबरें आ रही है.
मंगलवार की सुबह ज्यूरी में पुलिस चौकी पर भारी भरकम बोल्डर आने से हवालात की दीवार ढह गई और तीन मंजिला भवन की खिड़कियों को खासा नुकसान पहुंचा है. वहीं, ज्यूरी स्थित आरएस कंपनी के दो भवन भी खतरे की जद में आ गए हैं. अरविंद सूद ने बताया मंगलवार सुबह हुई बारिश का सारा पानी उनके कॉम्प्लेक्स की ओर मुड़ गया, जिससे साथ लगती जमीन बह गई और मकान को खतरा पैदा हो गया.
उन्होंने ने बताया उनके कॉम्प्लेक्स के साथ लोनिवि का डंगा गिरने से सारा पानी उनके घर की ओर आ गया. इन दोनों मकानों में सात कमरे, दो दुकानें, दो स्टोर सहित किचन बाथरूम हैं. घर के बैक साइड से लैंडस्लाइड होने से दोनों को खतरा हो गया है. उन्होंने ने प्रशासन से मांग की कि समय रहते नुकसान का आंकलन किया जाए और उनके घर को बचाने के लिए जल्द डंगे का निर्माण किया जाए.
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