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EXCLUSIVE: निजी विश्वविद्यालयों को आवंटित की जाने वाली डिग्रियों का आयोग को देना होगा ब्यौरा

प्रदेश में दो निजी विश्वविद्यालयों में हजारों फर्जी डिग्रियां बांटने के मामले सामने आने के बाद आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे थे. उसी को देखते हुए अब आयोग ने बड़ा बदलाव किया है.

Dr. S.P. Katyal
डॉ. एस.पी कत्याल
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Published : Jun 29, 2020, 8:14 PM IST

शिमला: प्रदेश में अब निजी विश्वविद्यालयों को अपना एडमिशन डिस्क्लोजर निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग को देने के साथ ही छात्रों को डिग्रियां देने के लिए आयोजित किए जाने वाले दीक्षांत समारोह से पहले आवंटित की जाने वाली डिग्रियों का ब्यौरा भी आयोग की देना होगा.

आयोग की ओर से निजी विश्वविद्यालयों के लिए यह करना अनिवार्य कर दिया गया है. निजी विश्वविद्यालयों में फर्जी डिग्रियों के मामले उजागर होने के बाद अब इस तरह के फर्जीवाड़ों पर रोक लगाने के लिए निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने अपनी कार्यप्रणाली में यह बदलाव किया है.

वीडियो.

प्रदेश में दो निजी विश्वविद्यालयों में हजारों फर्जी डिग्रियां बांटने के मामले सामने आने के बाद आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे थे. उसी को देखते हुए अब आयोग ने बड़ा बदलाव किया है. आयोग के सदस्य डॉ. एस.पी कत्याल ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि निजी विश्वविद्यालयों को अब कन्वोकेशन से पहले आवंटित की जाने वाली डिग्रियों का ब्यौरा और उनकी एक-एक कॉपी आयोग में जमा करवानी होगी, जिससे आयोग के पास भी डिग्रियों का रिकॉर्ड रहे.

इसके साथ ही संस्थान में स्टॉफ की नियुक्ति से पहले उनकी डिग्रियों की जानकारी और रिकॉर्ड भी आयोग में जमा करवाना अनिवार्य होगा. वहीं एडमिशन का डिस्क्लोजर आयोग के पास आने के बाद जिन छात्रों को प्रवेश दिया गया है उनका ब्यौरा भी आयोग के पास उपलब्ध रहेगा.

आयोग की ओर से अपनी कार्यप्रणाली को सुदृढ़ किया गया है. निजी शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों की मनमानी पर नकेल कसने की तैयारी नए सिरे से की गई है. यही वजह भी है कि कोरोना संकट के बीच संस्थान बंद होने पर कैबिनेट में लिए गए निजी स्कूलों को छात्रों से मात्र ट्यूशन फीस लेने के फैसले के आधार पर ही आयोग ने भी निजी विश्वविद्यालयों को छात्रों से मात्र ट्यूशन फीस लेने के ही आदेश जारी किए है.

निजी यूनिवर्सिटीज को यह निर्देश जारी किए गए है कि वह छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखने के प्लान के साथ ही सरकार की ओर से तय फीस का ब्यौरा आयोग को भेजे. इसके बाद आयोग निजी विश्वविद्यालय के छात्रों से ली जाने वाली ट्यूशन फीस तय करेगा. उससे शिक्षकों को वेतन दिया जाएगा.

डॉ. कत्याल ने बताया कि निजी विश्वविद्यालयों की ओर से डिग्रियों के आवंटन में किए जा रहे फर्जीवाड़े को लेकर आयोग बेहद संजीदगी के साथ काम कर रहा है. दो निजी विश्वविद्यालयों के खिलाफ जहां फर्जी डिग्रियों के आवंटन में एसआईटी का गठन कर जांच की जा रही है. वहीं, दो अन्य निजी विश्वविद्यालयों के फर्जीवाड़े और अनियमितताओं को लेकर कमीशन में ही केस दर्ज किया गया है. वहीं, अन्य विश्वविद्यालयों को लेकर भी आ रही शिकायतें पर भी गहनता से जांच की जा रही है.

डॉ.कत्याल ने आयोग की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवालों के जवाब में भी यही कहा कि आयोग ने भी निजी विश्वविद्यालयों और संस्थानों पर अपना नजर रख रहा है. साथ ही आगे भी कड़े कदम इस दिशा में उठाए जा रहे है. इसके अलावा नए नियम तैयार किए जा रहे हैं, जिससे की फर्जीवाड़ों को रोका जा सके और निजी शिक्षण संस्थानों की कार्यप्रणाली पर नजर रखी जा सके.

कोविड के बचाव के लिए तैयारी के साथ ही ऑनलाइन कक्षाओं के लिए कमेटी का किया गया है गठन

कोविड के इस समय में निजी शिक्षण संस्थान और विश्वविद्यालय भी छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा देंगे. कोविड से बचाव के लिए संस्थानों में तैयारियों के साथ ही ऑनलाइन कक्षाओं के लिए कोविड 19 कमेटियों का गठन विश्वविद्यालयों में किया गया है.

आयोग ने इन कमेटियों को नियमित प्लान और एग्जिट प्लान बनाने के निर्देश दिए है. शिक्षा मंत्री ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कुलपतियों से बातचीत कर उन्हें आवश्यक निर्देश जारी किए है. इसके साथ ही आयोग ने भी रिसर्च और ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर चर्चा भी की है कि ऑनलाइन पढ़ाई को जारी रखने के लिए निर्देश दिए है.

ये भी पढ़ें: मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में सीटी स्कैन मशीन नहीं दे पाए CM जयराम व अनुराग ठाकुर: सुक्खू

शिमला: प्रदेश में अब निजी विश्वविद्यालयों को अपना एडमिशन डिस्क्लोजर निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग को देने के साथ ही छात्रों को डिग्रियां देने के लिए आयोजित किए जाने वाले दीक्षांत समारोह से पहले आवंटित की जाने वाली डिग्रियों का ब्यौरा भी आयोग की देना होगा.

आयोग की ओर से निजी विश्वविद्यालयों के लिए यह करना अनिवार्य कर दिया गया है. निजी विश्वविद्यालयों में फर्जी डिग्रियों के मामले उजागर होने के बाद अब इस तरह के फर्जीवाड़ों पर रोक लगाने के लिए निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने अपनी कार्यप्रणाली में यह बदलाव किया है.

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प्रदेश में दो निजी विश्वविद्यालयों में हजारों फर्जी डिग्रियां बांटने के मामले सामने आने के बाद आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे थे. उसी को देखते हुए अब आयोग ने बड़ा बदलाव किया है. आयोग के सदस्य डॉ. एस.पी कत्याल ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि निजी विश्वविद्यालयों को अब कन्वोकेशन से पहले आवंटित की जाने वाली डिग्रियों का ब्यौरा और उनकी एक-एक कॉपी आयोग में जमा करवानी होगी, जिससे आयोग के पास भी डिग्रियों का रिकॉर्ड रहे.

इसके साथ ही संस्थान में स्टॉफ की नियुक्ति से पहले उनकी डिग्रियों की जानकारी और रिकॉर्ड भी आयोग में जमा करवाना अनिवार्य होगा. वहीं एडमिशन का डिस्क्लोजर आयोग के पास आने के बाद जिन छात्रों को प्रवेश दिया गया है उनका ब्यौरा भी आयोग के पास उपलब्ध रहेगा.

आयोग की ओर से अपनी कार्यप्रणाली को सुदृढ़ किया गया है. निजी शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों की मनमानी पर नकेल कसने की तैयारी नए सिरे से की गई है. यही वजह भी है कि कोरोना संकट के बीच संस्थान बंद होने पर कैबिनेट में लिए गए निजी स्कूलों को छात्रों से मात्र ट्यूशन फीस लेने के फैसले के आधार पर ही आयोग ने भी निजी विश्वविद्यालयों को छात्रों से मात्र ट्यूशन फीस लेने के ही आदेश जारी किए है.

निजी यूनिवर्सिटीज को यह निर्देश जारी किए गए है कि वह छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखने के प्लान के साथ ही सरकार की ओर से तय फीस का ब्यौरा आयोग को भेजे. इसके बाद आयोग निजी विश्वविद्यालय के छात्रों से ली जाने वाली ट्यूशन फीस तय करेगा. उससे शिक्षकों को वेतन दिया जाएगा.

डॉ. कत्याल ने बताया कि निजी विश्वविद्यालयों की ओर से डिग्रियों के आवंटन में किए जा रहे फर्जीवाड़े को लेकर आयोग बेहद संजीदगी के साथ काम कर रहा है. दो निजी विश्वविद्यालयों के खिलाफ जहां फर्जी डिग्रियों के आवंटन में एसआईटी का गठन कर जांच की जा रही है. वहीं, दो अन्य निजी विश्वविद्यालयों के फर्जीवाड़े और अनियमितताओं को लेकर कमीशन में ही केस दर्ज किया गया है. वहीं, अन्य विश्वविद्यालयों को लेकर भी आ रही शिकायतें पर भी गहनता से जांच की जा रही है.

डॉ.कत्याल ने आयोग की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवालों के जवाब में भी यही कहा कि आयोग ने भी निजी विश्वविद्यालयों और संस्थानों पर अपना नजर रख रहा है. साथ ही आगे भी कड़े कदम इस दिशा में उठाए जा रहे है. इसके अलावा नए नियम तैयार किए जा रहे हैं, जिससे की फर्जीवाड़ों को रोका जा सके और निजी शिक्षण संस्थानों की कार्यप्रणाली पर नजर रखी जा सके.

कोविड के बचाव के लिए तैयारी के साथ ही ऑनलाइन कक्षाओं के लिए कमेटी का किया गया है गठन

कोविड के इस समय में निजी शिक्षण संस्थान और विश्वविद्यालय भी छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा देंगे. कोविड से बचाव के लिए संस्थानों में तैयारियों के साथ ही ऑनलाइन कक्षाओं के लिए कोविड 19 कमेटियों का गठन विश्वविद्यालयों में किया गया है.

आयोग ने इन कमेटियों को नियमित प्लान और एग्जिट प्लान बनाने के निर्देश दिए है. शिक्षा मंत्री ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कुलपतियों से बातचीत कर उन्हें आवश्यक निर्देश जारी किए है. इसके साथ ही आयोग ने भी रिसर्च और ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर चर्चा भी की है कि ऑनलाइन पढ़ाई को जारी रखने के लिए निर्देश दिए है.

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