शिमला: निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए शिक्षा विभाग रोज नए नए फरमान जारी कर रहा है. इसके बावजूद स्कूलों की मनमानी रुकने के नाम नहीं ले रही है. एक बार फिर से शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने का विकल्प तैयार किया है. इसके तहत निजी स्कूलों को फीस से जुड़ी जानकारी विभाग को देनी अनिवार्य की गई है.
इसके लिए एक परफॉर्मा भी विभाग की ओर से तैयार किया गया है. इस तैयार परफॉर्मा के आधार पर ही निजी स्कूलों को फीस का पूरा ब्यौरा विभाग को सौंपना होगा. छात्र अभिभावक मंच के लगातार विरोध और शिकायतों के बाद विभाग ने यह कदम उठाया है.
स्कूल कितनी फीस छात्रों से किस किस मद की ले रहे है. इसमें कितनी बढ़ोतरी की गई है. इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए विभाग ने यह परफॉर्मा तैयार किया है. अभी भी शिक्षा विभाग के पास इस तरह की शिकायतें आ रही हैं कि अभी भी स्कूल बढ़ाई गई दरों पर ही अभिभावकों से फीस ले रहे है.
इसके साथ ही कई निजी स्कूलों ने सरकार के फैसले आने से पहले ही अभिभावकों से तीन महीने की फीस ले ली है. अब इस फीस को ना तो आगामी किश्त में एडजस्ट किया जा रहा है और ना ही अतिरिक्त ली गई फीस को स्कूल वापिस लौटा रहे है. इसी के विरोध को लेकर छात्र अभिभावक मंच ने हाल ही में शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया था. इस प्रदर्शन के बाद ही विभाग ने निजी स्कूलों से फीस की जानकारी देने का फैसला लिया है.
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा की ओर से उपनिदेशकों को यह निर्देश जारी किए गए हैं कि निजी स्कूलों का निरीक्षण कर उनका फीस का ब्यौरा जुटाया जाए. ऐसे में नियमों के बाहर जाकर किसी निजी स्कूल के फीस लेने पर उसके खिलाफ कार्रवाई शिक्षा विभाग की ओर से अमल में लाई जाएगी. इस बार शिक्षा विभाग की ओर से यह कदम निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए उठाया गया है. अब देखना यह है कि विभाग कितने स्कूलों पर कार्रवाई अमल में लाता है.
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