शिमला: प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है. कोरोना संकट के समय में भी निजी स्कूल अभिभावकों से फीस की मोटी रकम लेने के नए नए हथकंडे अपना रहे हैं. वहीं, छात्र अभिभावक मंच के इन निजी स्कूलों की मनमानी के बारे में शिक्षा निदेशालय को अवगत करवाने के बाद अब विभाग ने निजी स्कूलों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है.
शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि कोई भी निजी स्कूल उपनिदेशकों की मंजूरी के बिना फीस नहीं ले सकेंगे. उपनिदेशक की मंजूरी के बाद ही निजी स्कूल अभिभावकों से फीस लेंगे.
इसके साथ ही निदेशालय ने जिन निजी स्कूलों ने सरकार के आदेशों को दरकिनार करते हुए अभिभावकों से ज्यादा फीस वसूली है उनका ब्यौरा भी तलब किया है. छात्र अभिभावक मंच ने जिन स्कूलों की शिकायत विभाग से की थी कि ये स्कूल नियमों के बाहर जा कर फीस ले थे है. उनसे अब पूरा रिकॉर्ड विभाग तलब करेगा. नियमों से बाहर जाकर अभिभावकों से अधिक फीस लेने वाले स्कूलों पर कार्रवाई भी विभाग की ओर से की जाएगी.
शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि स्कूलों को यह निर्देश जारी किए थे कि वह वर्ष 2019 की ट्यूशन फीस की दरों पर फीस अभिभावकों से लेंगे. उन्होंने कहा कि इन आदेशों से बाहर जा कर फीस लेने वाले स्कूलों के खिलाफ एपिडेमिक एक्ट के तहत कार्रवाई अमल में आई जाएगी.
सभी निजी स्कूलों को विभाग की ओर से यह आदेश जारी किए गए है कि वह अभिभावकों से फीस लेने से पहले इसकी जानकारी उपनिदेशकों को देंगे. इसके बाद जिस स्कूल की फीस सही होगी और 2019 की तय फीस पर ही अभिभावकों से फीस ले रहे स्कूलों को ही फीस वसूलने की मंजूरी उपनिदेशकों की ओर से दी जाएगी.
इसके अलावा तय नियमों या बीते वर्ष से अधिक फीस अभिभावकों से लेने वाले स्कूलों की जानकारी शिक्षा निदेशालय को भेजी जाएगी. विभाग अपने स्तर पर उन स्कूलों पर कार्रवाई करेगा. विभाग ने निजी स्कूलों को यह निर्देश दिए हैं कि वह सरकार के नियमों का पालन करें. साथ ही जारी आदेशों के अनुसार ही अभिभावकों से फीस लें.
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