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100% सवारी पर सरकार तैयार, फिर भी अधिसूचना के बाद ही चलाएंगे बसें: निजी बस ऑपरेटर यूनियन

निजी बस ऑपरेटर के महासचिव रमेश कमल ने कहा कि ऑपरेटरों को उम्मीद थी कि कैबिनेट की बैठक में उनके लिए सरकार कुछ राहत देगी, लेकिन उन्हें असमंजश की स्थित ही मिलीं है. जिससे निजी बस ऑपरेटर अभी बस चलाने से गुरेज कर रहे है.

bus stand shimla
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Published : Jun 29, 2020, 7:56 PM IST

शिमला: कोरोना संकट की मार झेल रहे निजी बस ऑपरेटरों की समस्या जस की तस बनी हुई है. ऑपरेटरों को उम्मीद थी कि कैबिनेट की बैठक में उनके लिए सरकार कुछ राहत देगी, लेकिन उन्हें असमंजश की स्थित ही मिलीं है. जिससे निजी बस ऑपरेटर अभी बस चलाने से गुरेज कर रहे है.

निजी बस ऑपरेटर के महासचिव रमेश कमल ने बताया कि उन्होंने पहले से ही अपनी मांग सरकार के पास लिखित में दी है और छह सूत्रीय मांग पत्र सरकार को सौंपा है. सरकार 100 फीसदी सवारी पर बस चलाने को तैयार है, लेकिन सरकार ने अभी उनके साथ मसौदा नहीं तय किया है कि 100 फीसदी सवारी कहा से लाएंगे.

वीडियो.

रमेश कमल ने कहा कि प्रदेश में स्कूल बंद है, कॉलेज बंद हैं, विवि बंद हैं, मंदिर बंद हैं, शादी में 50 लोग से ज्यादा जा नहीं सकते, ऐसे स्थित में 100 फीसदी सवारी कहा मिलेंगे. सरकार एक तरफ कहती है, घर में रहो सुरक्षित रहो और दूसरी तरफ 100 फीसदी सवारी उठाने की बात कर रही है.

जब 60 फीसदी सवारी में निजी बस ऑपरेटरों को 15 से 20 फीसदी ही सवारी ही मिलती है, तो 100 फीसदी करने से सवारी कहा से आएंगी. निजी बस ऑपरेटर ने कहा कि जब सरकार लिखित में कोई अधिसूचना जारी करेगी उसके बाद निर्णय करेंगे कि बस सेवा कब शुरू की जाएगी.

निजी बस ऑपरेटर यूनियन है कि मुख्य मांग में किराए के 50 फीसदी की बढ़ोतरी की जाए. जिसमें पहले 5 किलोमीटर तक 10 रुपये इसी तरह 20 व 30 रुपय बढ़ाया जाना है.निजी बस ऑपरेटर के महासचिव रमेश कमल ने बताया की लॉकडाउन के कारण निजी बस ऑपरेटर का काम बिल्कुल ठप हो गया है. इस व्यवस्था को फिर से शुरू करना पड़ेगा.

इसलिए जरूरी है कि बस ऑपरेटरों को फिर काम शुरू करने के लिए वर्किंग केपिटल दिया जाए. जब तक कोरोना संकट चल रहा है किराया 50 फीसदी बढ़ाया जाए और जब सबकुछ ठीक हो जाए फिर चाहे तो सरकार बढ़ा हुआ किराया वापिस ले ले.

पढ़ें: CM ने पांगी को दी करोड़ों की सौगात, शिमला से ऑनलाइन रखी विकास कार्यों की आधारशिला

शिमला: कोरोना संकट की मार झेल रहे निजी बस ऑपरेटरों की समस्या जस की तस बनी हुई है. ऑपरेटरों को उम्मीद थी कि कैबिनेट की बैठक में उनके लिए सरकार कुछ राहत देगी, लेकिन उन्हें असमंजश की स्थित ही मिलीं है. जिससे निजी बस ऑपरेटर अभी बस चलाने से गुरेज कर रहे है.

निजी बस ऑपरेटर के महासचिव रमेश कमल ने बताया कि उन्होंने पहले से ही अपनी मांग सरकार के पास लिखित में दी है और छह सूत्रीय मांग पत्र सरकार को सौंपा है. सरकार 100 फीसदी सवारी पर बस चलाने को तैयार है, लेकिन सरकार ने अभी उनके साथ मसौदा नहीं तय किया है कि 100 फीसदी सवारी कहा से लाएंगे.

वीडियो.

रमेश कमल ने कहा कि प्रदेश में स्कूल बंद है, कॉलेज बंद हैं, विवि बंद हैं, मंदिर बंद हैं, शादी में 50 लोग से ज्यादा जा नहीं सकते, ऐसे स्थित में 100 फीसदी सवारी कहा मिलेंगे. सरकार एक तरफ कहती है, घर में रहो सुरक्षित रहो और दूसरी तरफ 100 फीसदी सवारी उठाने की बात कर रही है.

जब 60 फीसदी सवारी में निजी बस ऑपरेटरों को 15 से 20 फीसदी ही सवारी ही मिलती है, तो 100 फीसदी करने से सवारी कहा से आएंगी. निजी बस ऑपरेटर ने कहा कि जब सरकार लिखित में कोई अधिसूचना जारी करेगी उसके बाद निर्णय करेंगे कि बस सेवा कब शुरू की जाएगी.

निजी बस ऑपरेटर यूनियन है कि मुख्य मांग में किराए के 50 फीसदी की बढ़ोतरी की जाए. जिसमें पहले 5 किलोमीटर तक 10 रुपये इसी तरह 20 व 30 रुपय बढ़ाया जाना है.निजी बस ऑपरेटर के महासचिव रमेश कमल ने बताया की लॉकडाउन के कारण निजी बस ऑपरेटर का काम बिल्कुल ठप हो गया है. इस व्यवस्था को फिर से शुरू करना पड़ेगा.

इसलिए जरूरी है कि बस ऑपरेटरों को फिर काम शुरू करने के लिए वर्किंग केपिटल दिया जाए. जब तक कोरोना संकट चल रहा है किराया 50 फीसदी बढ़ाया जाए और जब सबकुछ ठीक हो जाए फिर चाहे तो सरकार बढ़ा हुआ किराया वापिस ले ले.

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