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कोरोना संकट: निजी बस चालकों-परिचालकों को नहीं मिला वेतन, HRTC निदेशक को सौंपा ज्ञापन

कोरोनाकाल में निजी बस चालकों-परिचलकों को वेतन न मिलने से अब उन्होंने ऑपरेटरों के खिलाफ मोर्चा खोलने की चेतवानी दे दी है. निजी बस चालकों-परिचालकों ने परिवहन निगम के निदेशक जेएम पठानिया को ज्ञापन सौंपा और बस ऑपरेटरों को दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की.

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Published : Jul 4, 2020, 6:41 PM IST

शिमला: कोरोना काल में निजी बस चालकों-परिचलकों को वेतन न मिलने से अब उन्होंने ऑपरेटरों के खिलाफ मोर्चा खोलने की चेतवानी दे दी है. प्रदेशभर के निजी बस चालकों-परिचालकों ने परिवहन निगम के निदेशक जेएम पठानिया को ज्ञापन सौंपा और बस ऑपरेटरों को दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की.

चालकों का कहना है कि कोरोना संकट में चालक-परिचालक बेरोजगार रहे और उनकी कमाई का कोई भी साधन नहीं था, लेकिन इस दौरान बस मालिकों ने किसी भी चालक-परिचालक को कोई वेतन नहीं दिया जबकि वह सालों से बसें चला रहे थे और इस संकट की घड़ी में कोई ऑपरेटर मदद के लिए आगे नहीं आया है.

वीडियो.

प्राइवेट मिनी बस चालक-परिचालक संघ शिमला के अध्यक्ष विकास राणा ने कहा की बस ऑपरेटरों ने कोविड फंड में राशि दी है, लेकिन अपने कर्मियों को वेतन नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि अगर बस ऑपरेटर जल्द वेतन नहीं देते है तो चालक-परिचालक सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होगें.

उनका कहना है कि कई चालक-परिचालक छंटनी कर रहे हैं और उन्हें वेतन नहीं दे रहे. उनका कहना है कि कोरोना के कारण महीनों से उन्हें वेतन नहीं दिया गया. उन्होंने कहा की विभिन्न जिलों के चालकों-परिचालकों ने अपनी मांगों को लेकर परिवहन निदेशक को 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है और उन्हें आश्वाशन दिलाया गया है कि उनकी मांगे पूरी की जाएगी.

गौरतलब है कि 1000 के लगभग निजी बस चालको-परिचालको को काम करने के बाद भी 4 महीने का वेतन नही दिया गया और शनिवार को विभिन्न जिलों से आए निजी बस चालक-परिचालक ने अपनी मांगों को लेकर वेतन के मुद्दे को परिवहन निदेशक को ज्ञापन सौंपा.

ये भी पढ़ें- ढली में शिक्षा मंत्री ने कोरोना वॉरियर्स को किया सम्मानित, कही ये बात

शिमला: कोरोना काल में निजी बस चालकों-परिचलकों को वेतन न मिलने से अब उन्होंने ऑपरेटरों के खिलाफ मोर्चा खोलने की चेतवानी दे दी है. प्रदेशभर के निजी बस चालकों-परिचालकों ने परिवहन निगम के निदेशक जेएम पठानिया को ज्ञापन सौंपा और बस ऑपरेटरों को दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की.

चालकों का कहना है कि कोरोना संकट में चालक-परिचालक बेरोजगार रहे और उनकी कमाई का कोई भी साधन नहीं था, लेकिन इस दौरान बस मालिकों ने किसी भी चालक-परिचालक को कोई वेतन नहीं दिया जबकि वह सालों से बसें चला रहे थे और इस संकट की घड़ी में कोई ऑपरेटर मदद के लिए आगे नहीं आया है.

वीडियो.

प्राइवेट मिनी बस चालक-परिचालक संघ शिमला के अध्यक्ष विकास राणा ने कहा की बस ऑपरेटरों ने कोविड फंड में राशि दी है, लेकिन अपने कर्मियों को वेतन नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि अगर बस ऑपरेटर जल्द वेतन नहीं देते है तो चालक-परिचालक सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होगें.

उनका कहना है कि कई चालक-परिचालक छंटनी कर रहे हैं और उन्हें वेतन नहीं दे रहे. उनका कहना है कि कोरोना के कारण महीनों से उन्हें वेतन नहीं दिया गया. उन्होंने कहा की विभिन्न जिलों के चालकों-परिचालकों ने अपनी मांगों को लेकर परिवहन निदेशक को 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है और उन्हें आश्वाशन दिलाया गया है कि उनकी मांगे पूरी की जाएगी.

गौरतलब है कि 1000 के लगभग निजी बस चालको-परिचालको को काम करने के बाद भी 4 महीने का वेतन नही दिया गया और शनिवार को विभिन्न जिलों से आए निजी बस चालक-परिचालक ने अपनी मांगों को लेकर वेतन के मुद्दे को परिवहन निदेशक को ज्ञापन सौंपा.

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