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राष्ट्रपति ने IAAS प्रशिक्षुओं को किया सम्मानित, बोले- नागरिकों की सुविधा के लिए डिजिटल की जा रहीं सरकारी प्रक्रियाएं

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 4 दिवसीय दौरे पर शिमला पहुंचे हैं. शनिवार को राष्ट्रपति राष्ट्रीय लेखा परीक्षा तथा लेखा अकादमी द्वारा आयोजित भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा बैच 2018 और 2019 के प्रशिक्षु अधिकारियों के विदाई समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने मेधावी प्रशिक्षु अधिकारियों को सम्मानित किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 18 महीने देश के लिए बहुत कठिन रहे हैं. कोविड-19 महामारी के कारण अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई. इस दौरान सरकार ने संकट को कम करने और गरीबों के कल्याण के लिए विभिन्न वित्तीय उपाय किए.

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Published : Sep 18, 2021, 6:26 PM IST

Updated : Sep 18, 2021, 7:08 PM IST

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फोटो.

शिमला: भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद शिमला में राष्ट्रीय लेखा परीक्षा तथा लेखा अकादमी द्वारा आयोजित भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा बैच 2018 और 2019 के प्रशिक्षु अधिकारियों के विदाई समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. इस अवसर पर राष्ट्रपति ने मेधावी प्रशिक्षु अधिकारियों को पदक प्रदान किए. भारत की प्रथम महिला सविता कोविंद, राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित थे.

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक गिरीश चन्द्रा मुरमू ने राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री का स्वागत किया. राष्ट्रीय लेखा परीक्षा तथा लेखा अकादमी के महानिदेशक सुनील एस. दाढे ने अकादमी की विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी. मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले 18 महीने देश के लिए बहुत कठिन रहे हैं. कोविड-19 महामारी के कारण अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई. इस दौरान सरकार ने संकट को कम करने और गरीबों के कल्याण के लिए विभिन्न वित्तीय उपाय किए. इन्हें अक्सर पैसे के माध्यम से वित्तपोषित किया जाता है, जिसके बारे में कहा जा सकता है कि यह हमारे बच्चों और पोते-पोतियों से उधार लिया गया था. हम उनके ऋणी हैं कि इन दुर्लभ संसाधनों का सर्वोत्तम संभव उपयोग किया गया है और गरीबों और जरुरतमंदों के कल्याण के लिए सबसे प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाता है. इसमें सीएजी की बहुत अहम भूमिका है.

राष्ट्रपति ने कहा कि निरीक्षण कार्य करते समय सीएजी को प्रणालीगत सुधारों के लिए इनपुट प्रदान करने के अवसरों के बारे में पता होना चाहिए. लेखापरीक्षा कार्य प्रणाली की गहरी समझ हासिल करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है और सीएजी को सुधारों का सुझाव देने की एक अच्छी स्थिति में रखती है. सरकारें सीएजी जैसी संस्था द्वारा दी गई सलाह को गंभीरता से लेंगी. यह हमारे सार्वजनिक सेवा वितरण मानकों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा. राष्ट्रपति ने कहा कि नागरिकों की सुविधा के लिए सरकारी प्रक्रियाओं को तेजी से डिजिटल किया जा रहा है. तेजी से फैलती प्रौद्योगिकी सीमा ने राज्य और नागरिकों के बीच की दूरी को कम कर दिया है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल की सड़कों पर दौड़ रहे 18 लाख वाहन, कोरोना काल में अकेले शिमला में रजिस्टर्ड हुई 5216 गाड़ियां

इसके बाद राष्ट्रपति जाखू मंदिर गए और वहां पूजा अर्चना की. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रोप-वे के माध्यम से जाखू मंदिर गए. इस दौरान शहर में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध किए थे. राष्ट्रपति के साथ उनके परिवार के सदस्य भी मौजूद रहे. इससे पहले रामनाथ कोविंद के सम्मान में शुक्रवार शाम को राजभवन में रात्रि भोज का आयोजन किया गया. इस आयोजन में राष्ट्रपति ने परिवार के साथ शिरकत की. उनके अलावा इसमें मुख्यमंत्री, मंत्रियों, कई वरिष्ठ नेताओं, विधायकों और केंद्रीय व राज्य सरकार के प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए.

इस अवसर पर हिमाचली वाद्ययंत्रों की थाप पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए गए. राष्ट्रपति व मेहमानों को एचपीटीडीसी ने विभिन्न तरह के व्यंजन परोसे. इनमें हिमाचली व्यंजनों में गुच्छी की नजाकत, सेपू बड़ी, राजमा मदरा के अलावा राष्ट्रपति के लिए शुगर फ्री बाथू की खीर और भरवा आलू की तरकारी विशेष तौर पर परोसी गई. इसके बाद रविवार को राष्ट्रपति दिल्ली के लिए वापस रवाना हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें: स्वास्थ्य संस्थानों और डॉक्टर्स के मामले में देवभूमि 'सिरमौर', रिकॉर्ड वैक्सीनेशन में काम आया हिमाचल का शानदार हेल्थ नेटवर्क

शिमला: भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद शिमला में राष्ट्रीय लेखा परीक्षा तथा लेखा अकादमी द्वारा आयोजित भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा बैच 2018 और 2019 के प्रशिक्षु अधिकारियों के विदाई समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. इस अवसर पर राष्ट्रपति ने मेधावी प्रशिक्षु अधिकारियों को पदक प्रदान किए. भारत की प्रथम महिला सविता कोविंद, राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित थे.

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक गिरीश चन्द्रा मुरमू ने राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री का स्वागत किया. राष्ट्रीय लेखा परीक्षा तथा लेखा अकादमी के महानिदेशक सुनील एस. दाढे ने अकादमी की विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी. मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले 18 महीने देश के लिए बहुत कठिन रहे हैं. कोविड-19 महामारी के कारण अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई. इस दौरान सरकार ने संकट को कम करने और गरीबों के कल्याण के लिए विभिन्न वित्तीय उपाय किए. इन्हें अक्सर पैसे के माध्यम से वित्तपोषित किया जाता है, जिसके बारे में कहा जा सकता है कि यह हमारे बच्चों और पोते-पोतियों से उधार लिया गया था. हम उनके ऋणी हैं कि इन दुर्लभ संसाधनों का सर्वोत्तम संभव उपयोग किया गया है और गरीबों और जरुरतमंदों के कल्याण के लिए सबसे प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाता है. इसमें सीएजी की बहुत अहम भूमिका है.

राष्ट्रपति ने कहा कि निरीक्षण कार्य करते समय सीएजी को प्रणालीगत सुधारों के लिए इनपुट प्रदान करने के अवसरों के बारे में पता होना चाहिए. लेखापरीक्षा कार्य प्रणाली की गहरी समझ हासिल करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है और सीएजी को सुधारों का सुझाव देने की एक अच्छी स्थिति में रखती है. सरकारें सीएजी जैसी संस्था द्वारा दी गई सलाह को गंभीरता से लेंगी. यह हमारे सार्वजनिक सेवा वितरण मानकों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा. राष्ट्रपति ने कहा कि नागरिकों की सुविधा के लिए सरकारी प्रक्रियाओं को तेजी से डिजिटल किया जा रहा है. तेजी से फैलती प्रौद्योगिकी सीमा ने राज्य और नागरिकों के बीच की दूरी को कम कर दिया है.

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इसके बाद राष्ट्रपति जाखू मंदिर गए और वहां पूजा अर्चना की. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रोप-वे के माध्यम से जाखू मंदिर गए. इस दौरान शहर में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध किए थे. राष्ट्रपति के साथ उनके परिवार के सदस्य भी मौजूद रहे. इससे पहले रामनाथ कोविंद के सम्मान में शुक्रवार शाम को राजभवन में रात्रि भोज का आयोजन किया गया. इस आयोजन में राष्ट्रपति ने परिवार के साथ शिरकत की. उनके अलावा इसमें मुख्यमंत्री, मंत्रियों, कई वरिष्ठ नेताओं, विधायकों और केंद्रीय व राज्य सरकार के प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए.

इस अवसर पर हिमाचली वाद्ययंत्रों की थाप पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए गए. राष्ट्रपति व मेहमानों को एचपीटीडीसी ने विभिन्न तरह के व्यंजन परोसे. इनमें हिमाचली व्यंजनों में गुच्छी की नजाकत, सेपू बड़ी, राजमा मदरा के अलावा राष्ट्रपति के लिए शुगर फ्री बाथू की खीर और भरवा आलू की तरकारी विशेष तौर पर परोसी गई. इसके बाद रविवार को राष्ट्रपति दिल्ली के लिए वापस रवाना हो जाएंगे.

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Last Updated : Sep 18, 2021, 7:08 PM IST
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