शिमला: सुशांत सिंह राजपूत के मौत के बाद से कंगना महाराष्ट्र सरकार और बॉलीवुड को निशाने पर लेती आई है. अब यह कंगना बनाम महाराष्ट्र सरकार की चुकी है. कंगना की लगातार टिप्पणियों के बाद तमाम सियासी नेता भी इस लड़ाई में कूद गए हैं. कंगना के रिश्तेदारों से लेकर हिमाचल के सत्ता और विपक्षी नेताओं की ओर से भी जमकर प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं.
सोमवार को हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भी कंगना और महाराष्ट्र सरकार का मुद्दे पर बहस हुई. सीएम जयराम ने मुंबई में कंगना के ऑफिस को तोड़ने की निंदा करते हुए कहा कि कंगना रनौत ने अपनी सिर्फ आवाज बुलंद की और कुछ बातों का जिक्र किया है. जिस पर प्रतिशोध की भावना से महाराष्ट्र सरकार ने कंगना के ऑफिस पर कार्रवाई की है. मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं.
वहीं, वन मंत्री राकेश पठानिया ने कंगना के ऑफिस पर कार्रवाई को महाराष्ट्र सरकार की एक घटिया हरकत करार दिया है. साथ ही कहा कि हिमाचल के साथ पूरा देश कंगना रनौत के साथ है और हमें उन पर गर्व है.
दूसरी ओर विपक्षी नेता मुकेश अग्निहोत्री और सुखविंदर सिंह सुक्खू भी कंगना रनौत के सर्मथन करते नजर आए. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हमारी केवल इतनी सी चिंता थी कि हिमाचल की बेटी कंगना और उनके परिवार को सुरक्षा मुहैया करवाई जाए. केंद्र और प्रदेश सरकार ने इसका पूरा ख्याल रखा है.
इसके साथ ही सुक्खू ने कहा कि कंगना और महाराष्ट्र सराकर के इस मामले को कांग्रेस बीजेपी के चश्में से देखने की जरूरत नहीं है.
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