शिमला: कोरोना महामारी के प्रकोप का देवभूमि हिमाचल की प्राचीन परंपराओं और रिवाजों पर भी गहरा असर पड़ रहा है. ठियोग में किसी भी व्यक्ति की मौत हो जाने पर उसका अंतिम संस्कार कर्फ्यू के नियमों का पालन करते हुए किया जा रहा है. श्मशान घाट और मृतक के घर पर ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी है और लोग इसका पालन भी कर रहे हैं. मृतक की अस्थियां हरिद्वार ले जाने में लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी सामने आ रही है.
हरिद्वार जाने के सभी रास्ते बंद होने और प्रशासन की ओर से अनुमति न मिलने की वजह से लोग चिंता में है. ऐसे में ठियोग के लोग नजदीक के माईपूल तीर्थ स्थल पर अस्थियों को प्रवाहित कर रहे हैं, जिसके लिए एसडीएम ठियोग से अनुमति ली जा रही है. लोगों का कहना कि ऐसे हालात में हरिद्वार जाना मुश्किल है, लेकिन वो माईपुल जाकर गिरीगंगा में अस्थियों को प्रवाहित कर अपनी रस्म निभा रहे हैं.
वहीं, लोगों की इस परम्परा को पूरा करने में सहयोग देते हुए एसडीएम ठियोग कृष्ण कुमार का कहना है कि देश में हालात अच्छे नहीं है. ऐसे में हरिद्वार जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है, लेकिन अगर किसी को नजदीक ही अपनी रस्में निभानी है तो वो एसडीएम की ओर से जारी नम्बरों पर सम्पर्क कर अनुमति ले सकता है. एसडीएम का कहना है कि इन हालातों में अगर किसी की मौत हो जाये तो लोग सयंम बरते और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए भीड़ इकठ्ठी न करें, ताकि महामारी को फैलने से रोका जा सके.