शिमला: कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन के बाद अब अनलॉक का तीसरा चरण शुरू हो गया है. इसके चलते सारे व्यवसाय खोल दिए गए हैं, लेकिन अभी तक धार्मिक स्थलों को नहीं खोला गया है. वहीं, अब लोग त्योहारों को देखते हुए मंदिरों को खोलने की मांग कर रहे है.
मंदिर के पुजारी भी इस बात को मान रहे हैं कि अनलॉक के तीसरे चरण में सरकार ने प्रदेश में मंदिरों को खोलने की बात कही थी. इसके बावजूद भी अभी तक मंदिर नहीं खुल पाए हैं, जिसके कारण लोग मंदिरों में आकर पूजा अर्चना नहीं कर पा रहे हैं.
वहीं, मंदिर पुजारी का कहना है कि सावन खत्म होने को है. सरकार को अब मंदिर खोल देने चाहिए. सब कुछ खोल दिया गया है तो मंदिर भी बंद नहीं रखे जाने चाहिए. जन्माष्टमी आने वाली है. ऐसे में सरकार को एसओपी जारी करते हुए सही गाइडलाइंस के साथ मंदिरों को खोलने को लेकर निर्देश जारी करने चाहिए.
बता दें कि कोरोना वायरस के चलते मार्च में नवरात्रों के दौरान ही सभी धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया गया था. अब सावन मास की शुरुआत पर भी मंदिर बंद ही थे. ऐसे में सावन का महीना खत्म होने और जन्माष्टमी का त्यौहार नजदीक आने पर लोग सरकार से मंदिरों को खोलने की मांग कर रहे हैं.
लोगों का कहना है कि काफी समय से मंदिर बंद है. लोग मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना नहीं कर पा रहे है. सावन में भी लोगों ने अपने घरों पर ही भगवान शिव की पूजा अर्चना की है. वहीं, अब लोग जन्माष्टमी पर मंदिरों को खोलने की बात कह रहे हैं.
हालांकि, लोगों का यह भी कहना है कि मंदिरों को पूरे तय नियमों के साथ खोला जाना चाहिए. एसओपी जारी की जानी चाहिए, ताकि मंदिर खुलने पर भीड़ इकट्ठी ना हो और सारी व्यवस्था बनी रहे.
वहीं, मंदिर ना खुलने से सबसे ज्यादा परेशानी मंदिरों के बाहर दुकान लगाने वाले लोगों को हो रही है. इन्हीं दुकानों को चला कर दुकानदारों के परिवार का भरण पोषण होता है, लेकिन कोरोना के चलते मंदिर बंद है. इसके कारण उनका कारोबार भी पूरी तरह से चौपट हो गया है. दुकानें खोलने के बावजूद मंदिरों में भक्तों के न आने से इन दुकानदारों की आमदनी भी नहीं हो रही है, जिससे ये लोग घर का किराया भी नहीं दे पा रहे हैं.
ये दुकानदार अब सरकार के मंदिरों को खोलने के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनकी आमदनी मंदिरों पर ही निर्भर करती है. ऐसे में मंदिरों के बंद रहने पर कमरों का किराया भी नहीं दे पा रहे हैं. इसके चलते परिवार का भरण पोषण करना भी मुश्किल हो रहा है.
दुकानदारों का कहना है कि सरकार ने सब कुछ खोल दिया है. बसों में लोग भर-भर कर जा रहे हैं. इसके अलावा जिम भी खोल दिए गए हैं, लेकिन मंदिरों को खोलने में सरकार इतनी देर क्यों कर रही है. इसलिए दुकानदारों की हालत को देखते हुए सरकार को जल्द मंदिर खोल देने चाहिए.
एसओपी ही नहीं हो पाई है तैयार
सरकार की ओर से अनलॉक के तीसरे चरण में मंदिरों को खोलने का फैसला लिया था. इसके लिए एसओपी तैयार करने का काम भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग को सौंपा गया था, लेकिन विभाग की ओर से अभी तक एसओपी तैयार नहीं की गई है. ऐसे में एसओपी तैयार न होने और मंदिरों को खोलने को लेकर नियम न बनने तक प्रदेश में मंदिर नहीं खुल पाएंगे.
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