शिमलाः जनजातीय जिला किन्नौर के छितकुल गांव में भारी बर्फबारी ने लोगों को घरों में कैद कर दिया है. क्षेत्र में 5 फुट बर्फबारी हुई है, जिसके चलते लोगों का घरों से बाहर निकलना दुश्वार हो गाय है. वहीं सड़कों पर बर्फबारी के कारण वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है.
छितकुल के पूर्व प्रधान मुकेश नेगी का कहना है कि छितकुल गांव पिछले दो महीनों से बुनियादी सुविधाओं से दूर है, लेकिन प्रशासन सुध नहीं ले रहा है. उन्होंने कहा कि पीड्ब्ल्यूडी की तरफ से एक जेसीबी मशीन छितकुल में भेजी गई है, लेकिन एक मशीन से अभी तक भी बर्फ साफ नहीं हुआ है. छितकुल में अभी भी करीब 5 फुट बर्फ ऐसे ही है, जिससे वाहनों में अभी भी फिसलन हो रही है. जिस कारण लोग वाहनों को छोड़ पैदल ही सफर कर रहे हैं.
छितकुल में भारी बर्फबारी के कारण लोगों को लगभग 4 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ रहा है. पूर्व प्रधान ने कहा कि पहले भी 8 फिट तक छितकुल में बर्फबारी होती थी, लेकिन प्रशासन द्वारा इसको महीने भर में खोल दिया जाता था, लेकिन इस बार छितकुल गांव में लगभग 2 महीने हो गए, लेकिन अभी तक बर्फबारी के कारण सड़कें अवरूद्ध हैं.
हालांकि पीड्ब्ल्यूडी भावानगर की तरफ से एक जेसीबी मशीन लगाई गई है, लेकिन मशीन की कार्यप्रणाली ठीक न होने से 2 महीने से सड़कों पर बर्फ ऐसे ही पड़ी हुई है. यहां पर बर्फ हटाने का कार्य कछुआ चाल से चल रहा है. गांववासियों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि छितकुल के ग्रामीण पिछले दो महीनों से परेशान हैं. वहीं बाहर पढा़ई करने वाले बच्चों को बर्फबारी के कारण बाहर निकलना मुश्किल हो गया है.
पढा़ई करने वाले बच्चों को पैदल चलकर रकच्छम तक जाना पड़ रहा है, जो कि छितकुल से करीब 10 किलोमीटर पैदल मार्ग है. ऐसे में नालों में ग्लेशियर का खतरा भी बना हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रशासन जल्द से जल्द एक और अतिरिक्त मशीन भेजें, ताकि छितकुल गांव के मार्ग को जल्द खोला जा सके.
अधिशाषी अभियंता भावानगर आरएल चौहान का कहना है कि छितकुल गांव में दो जेसीबी भेजी थी, लेकिन एक मशीन में टेक्निकल खराबी आई थी. अभी मशीन ठीक है उस मशीन को छितकुल भी भेजा जाएगा. बाकि छितकुल में बहुत बर्फ है, जिस कारण काम करने में थोड़ी दिक्कत आ रही है. बर्फबारी को साफ करने का कार्य युद्ध स्तर पर चला है, जल्द ही छितकुल संपर्क मार्ग से बर्फ साफ कर खोला जाएगा.