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अब हिमाचल में गाय देगी सिर्फ मादा बछड़े! करोड़ों से स्थापित होगा सेक्स सॉर्टिड सीमन फैसिलिटी सेंटर - पशु पालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर

पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत बताया कि हिमाचल में पशुपालन और डेयरी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए प्रदेश में 47.50 करोड़ रुपये की लागत से एक सेक्स सॉर्टिड सीमन फैसिलिटी केन्द्र स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए केंद्र सरकार से स्वीकृति मिल गई है.

पंचायती राज मंत्री, वीरेंद्र कंवर
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Published : Sep 19, 2019, 10:43 AM IST

शिमला: प्रदेश में पशुपालन एवं डेयरी गतिविधियों को व्यापक बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर योजनाएं चलाई जा रही हैं ताकि कृषकों को आय के अतिरिक्त साधन प्राप्त हो सके. हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां प्रदेश को पशु पालन एवं डेयरी गतिविधियों के लिए उपयुक्त बनाती हैं.

पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत बताया कि जल्द ही प्रदेश में 47.50 करोड़ रुपये की लागत से एक सेक्स सॉर्टिड सीमन फैसिलिटी केन्द्र स्थापित किया जा रहा है. केंद्र सरकार की सहायता से स्थापित किए जा रहे इस केन्द्र के लिए स्वीकृति मिल गई है.

ईटीवी भारत से पंचायती राज मंत्री की खास बातचीत

इस केन्द्र में देसी नस्ल की गाय के ऐसे इंजेक्शन तैयार किए जाएंगे, जिससे केवल मादा बछड़े ही पैदा होंगे, इससे सड़क पर बेसहारा पशुओं की समस्या से भी काफी हद तक छुटकारा मिलेगा और किसान पशुधन गतिविधियां अपनाने के लिए भी प्रेरित होंगे.

पशु पालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि इस केन्द्र को स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार कुल निर्धारित राशि की 90 प्रतिशत सहायता प्रदान करेगी. प्रदेश सरकार को केवल 10 प्रतिशत धन ही खर्च करना होगा.

प्रदेश में सेक्स सोर्टिड सीमन फैसिलिटी केन्द्र स्थापित करने के लिए कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के लमलैहड़ी में 740 कनाल भूमि का चयन कर लिया गया है. यह सरकारी भूमि है, जिसे पशु पालन विभाग के नाम पर स्थानांतरित किया जाएगा और यहां पर ये स्टेशन स्थापित होगा.

राज्य सरकार ने प्रदेश में दूध की गुणवत्ता में सुधार के लिए सभी डेयरी सहकारी समितियों को चरणबद्ध तरीके से स्वचालित दूध संग्रह इकाई प्रदान की जाएंगी. प्रथम चरण में 40 नई स्वचालित दूध संग्रह इकाइयां और मिल्क एनालाईजर सहकारी समितियों को प्रदान की जाएंगी.

दुग्ध उत्पादन से जुड़े परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए दूध के खरीद मूल्य को इस वर्ष 2 रुपये प्रतिलीटर बढ़ाया गया है. इसके अतिरिक्त, दूध उत्पादकों की सुविधा के लिए जिला शिमला में दत्तनगर एवं जिला मण्डी में चक्कर में 50,000 लीटर प्रतिदिन क्षमता के दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किए जाएंगे.

प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन के लिए देसी नस्ल की गाय खरीदने के लिए 50 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है. राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत प्रदेश में दो करोड़ रुपये की लागत से साहिवाल व रेडसिंधी नस्ल की गायों के संरक्षण एवं प्रसार के लिए भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक आरम्भ की जाएगी. 11 करोड़ रुपये की लागत से साहीवाल व रेडसिंधी पशुधन प्रजनन फार्म स्थापित किया जाएगा.

शिमला: प्रदेश में पशुपालन एवं डेयरी गतिविधियों को व्यापक बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर योजनाएं चलाई जा रही हैं ताकि कृषकों को आय के अतिरिक्त साधन प्राप्त हो सके. हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां प्रदेश को पशु पालन एवं डेयरी गतिविधियों के लिए उपयुक्त बनाती हैं.

पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत बताया कि जल्द ही प्रदेश में 47.50 करोड़ रुपये की लागत से एक सेक्स सॉर्टिड सीमन फैसिलिटी केन्द्र स्थापित किया जा रहा है. केंद्र सरकार की सहायता से स्थापित किए जा रहे इस केन्द्र के लिए स्वीकृति मिल गई है.

ईटीवी भारत से पंचायती राज मंत्री की खास बातचीत

इस केन्द्र में देसी नस्ल की गाय के ऐसे इंजेक्शन तैयार किए जाएंगे, जिससे केवल मादा बछड़े ही पैदा होंगे, इससे सड़क पर बेसहारा पशुओं की समस्या से भी काफी हद तक छुटकारा मिलेगा और किसान पशुधन गतिविधियां अपनाने के लिए भी प्रेरित होंगे.

पशु पालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि इस केन्द्र को स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार कुल निर्धारित राशि की 90 प्रतिशत सहायता प्रदान करेगी. प्रदेश सरकार को केवल 10 प्रतिशत धन ही खर्च करना होगा.

प्रदेश में सेक्स सोर्टिड सीमन फैसिलिटी केन्द्र स्थापित करने के लिए कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के लमलैहड़ी में 740 कनाल भूमि का चयन कर लिया गया है. यह सरकारी भूमि है, जिसे पशु पालन विभाग के नाम पर स्थानांतरित किया जाएगा और यहां पर ये स्टेशन स्थापित होगा.

राज्य सरकार ने प्रदेश में दूध की गुणवत्ता में सुधार के लिए सभी डेयरी सहकारी समितियों को चरणबद्ध तरीके से स्वचालित दूध संग्रह इकाई प्रदान की जाएंगी. प्रथम चरण में 40 नई स्वचालित दूध संग्रह इकाइयां और मिल्क एनालाईजर सहकारी समितियों को प्रदान की जाएंगी.

दुग्ध उत्पादन से जुड़े परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए दूध के खरीद मूल्य को इस वर्ष 2 रुपये प्रतिलीटर बढ़ाया गया है. इसके अतिरिक्त, दूध उत्पादकों की सुविधा के लिए जिला शिमला में दत्तनगर एवं जिला मण्डी में चक्कर में 50,000 लीटर प्रतिदिन क्षमता के दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किए जाएंगे.

प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन के लिए देसी नस्ल की गाय खरीदने के लिए 50 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है. राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत प्रदेश में दो करोड़ रुपये की लागत से साहिवाल व रेडसिंधी नस्ल की गायों के संरक्षण एवं प्रसार के लिए भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक आरम्भ की जाएगी. 11 करोड़ रुपये की लागत से साहीवाल व रेडसिंधी पशुधन प्रजनन फार्म स्थापित किया जाएगा.

Intro:किसानों को पशुधन गतिविधियां अपनाने को प्रेरित करेगा 47.50 करोड़ का सेक्स सॉर्टिड सीमन फैसिलिटी सेंटर

प्रदेश में पशुपालन एवं डेयरी गतिविधियों को व्यापक बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर योजनाएं चलाई जा रही हैं ताकि कृषकों को आय के अतिरिक्त साधन प्राप्त हो सके। हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां प्रदेश को पशु पालन एवं डेयरी गतिविधियों के लिए उपयुक्त बनाती हैं।

प्रदेश में शीघ्र ही 47.50 करोड़ रुपये की लागत से एक सेक्स सॉर्टिड सीमन फैसिलिटी केन्द्र स्थापित किया जा रहा है। केन्द्र सरकार की सहायता से स्थापित किए जा रहे इस केन्द्र के लिए स्वीकृति मिल गई है। इस केन्द्र में देसी नस्ल की गाय के ऐसे इंजेक्शन तैयार किए जाएंगे, जिससे केवल मादा बछड़े ही पैदा होंगे, इससे सड़क पर बेसहारा पशुओं की समस्या से भी काफी हद तक छुटकारा मिलेगा तथा किसान पशुधन गतिविधियां अपनाने के प्रति भी प्रेरित होंगे।

पशु पालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि इस केन्द्र को स्थापित करने पर कुल 47.50 करोड़ रुपये की लागत आएगी जिसमें केंद्र सरकार 90 प्रतिशत सहायता प्रदान करेगी। हिमाचल प्रदेश सरकार को 10 प्रतिशत धन ही खर्च करना होगा।Body:प्रदेश में सेक्स सोर्टिड सीमन फैसिलिटी केन्द्र स्थापित करने के लिए कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के लमलैहड़ी में 740 कनाल भूमि का चयन कर लिया गया है। यह सरकारी भूमि है, जिसे पशु पालन विभाग के नाम पर स्थानांतरित किया जाएगा और यहां पर यह स्टेशन स्थापित होगा।


राज्य सरकार ने प्रदेश में दूध की गुणवत्ता में सुधार के लिए सभी डेयरी सहकारी समितियों को चरणबद्ध तरीके से स्वचालित दूध संग्रह इकाई प्रदान की जाएंगी। प्रथम चरण में 40 नई स्वचालित दूध संग्रह इकाइयां तथा मिल्क एनालाईजर सहकारी समितियों को प्रदान की जाएंगी। दुग्ध उत्पादन से जुड़े परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए दूध के खरीद मूल्य को इस वर्ष 2 रुपये प्रतिलीटर बढ़ाया गया है। इसके अतिरिक्त, दूध उत्पादकों की सुविधा के लिए जिला शिमला में दत्तनगर एवं जिला मण्डी में चक्कर में 50,000 लीटर प्रतिदिन क्षमता के दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।

प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन के लिए देसी नस्ल की गाय खरीदने के लिए 50 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत प्रदेश में दो करोड़ रुपये की लागत से साहिवाल व रेडसिंधी नस्ल की गायों के संरक्षण एवं प्रसार के लिए भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक आरम्भ की जाएगी। 11 करोड़ रुपये की लागत से साहीवाल व रेडसिंधी पशुधन प्रजनन फार्म स्थापित किया जाएगाConclusion:
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