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गेयटी थिएटर में दिखे शिमला के नजारे, विदेशियों को भी भाई 'शहर-ए-मुसाफिर' प्रदर्शनी

शिमला के गेयटी में डॉ. मुजीब हुसैन की 'शहर ए मुसाफिर' पेंटिंग प्रदर्शनी. सैलानियों और स्थानीयों को खूबह भाई शहर की जीवंत पेंटिंग्स. 100 के करीब चित्रों की लगीए गई थी प्रदर्शनी.

Painting exhibition
पेंटिंग प्रदर्शनी
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Published : Dec 15, 2019, 4:26 AM IST

शिमलाः पहाड़ों की रानी एक कलाकार के रचनाओं में और भी खूबसूरत हो जाती है. इसी का प्रमाण और शिमला के रंग बिरंगे नजारे देखने को मिले ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में. यहां सजी चित्रकार डॉ. मुजीब हुसैन की प्रदर्शनी 'शहर ए मुसाफिर' ना केवल शिमला के स्थानीय लोगों को भाई बल्कि विदेशी और बाहरी पर्यटक भी इनकी कला के मुरीद हो गए.

इस प्रदर्शनी में 100 के करीब चित्र शामिल किए गए थे जो सभी शिमला पर ही आधारित रहे. पेंटिंग्स में कहीं शिमला के रिज मैदान पर घुड़सवारी का लुत्फ उठाता बचपन, तो कहीं ऐतिहासिक चर्च देखने को मिले. चित्रकार मुजीब हुसैन ने अपने रंगों से शहर की खूबसूरती को ओर भी चार चांद लगा दिए. अपनी पेंटिंग में स्कैंडल पॉइंट का दृश्य दिखाने के साथ ही राजधानी शिमला में बर्फ का आनंद लेते सैलानियों को बर्फ में फिसलते और फोटोग्राफी करते हुए भी दिखाया गया.

वीडियो रिपोर्ट

पर्यटकों ने इस प्रदर्शनी को सराहा और बहुत सी पेंटिंग्स की खरीदारी भी की. डॉ.मुजीब हुसैन ने बताया कि उनका बचपन शिमला में ही बीता है. शिमला के रिज मैदान पर खेलना, लोअर बाज़ार की गलियों में घूमना, बर्फबारी में खेलना,फिसलना यह सब यादें आज भी उनके जहन में हैं और यही वजह है कि वह इस शहर की खूबसूरती को अपनी नज़र से लोगों के सामने लाना चाहते थे

उनकी कोशिश को लोगों ने भी बेहद सराहा है. इस प्रदर्शनी में रिज, माल रोड, चर्च, रिज पर घुड़सवारी, पेड़ के नीचे बैठे चने बेचने वाले, रिज मैदान पर घूमते पर्यटक, लोअर बाजार, सब्जी मंडी सहित शिमला रेलवे स्टेशन सहित शिमला पर ही आधारित अन्य चित्र शामिल किए हैं.

शिमलाः पहाड़ों की रानी एक कलाकार के रचनाओं में और भी खूबसूरत हो जाती है. इसी का प्रमाण और शिमला के रंग बिरंगे नजारे देखने को मिले ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में. यहां सजी चित्रकार डॉ. मुजीब हुसैन की प्रदर्शनी 'शहर ए मुसाफिर' ना केवल शिमला के स्थानीय लोगों को भाई बल्कि विदेशी और बाहरी पर्यटक भी इनकी कला के मुरीद हो गए.

इस प्रदर्शनी में 100 के करीब चित्र शामिल किए गए थे जो सभी शिमला पर ही आधारित रहे. पेंटिंग्स में कहीं शिमला के रिज मैदान पर घुड़सवारी का लुत्फ उठाता बचपन, तो कहीं ऐतिहासिक चर्च देखने को मिले. चित्रकार मुजीब हुसैन ने अपने रंगों से शहर की खूबसूरती को ओर भी चार चांद लगा दिए. अपनी पेंटिंग में स्कैंडल पॉइंट का दृश्य दिखाने के साथ ही राजधानी शिमला में बर्फ का आनंद लेते सैलानियों को बर्फ में फिसलते और फोटोग्राफी करते हुए भी दिखाया गया.

वीडियो रिपोर्ट

पर्यटकों ने इस प्रदर्शनी को सराहा और बहुत सी पेंटिंग्स की खरीदारी भी की. डॉ.मुजीब हुसैन ने बताया कि उनका बचपन शिमला में ही बीता है. शिमला के रिज मैदान पर खेलना, लोअर बाज़ार की गलियों में घूमना, बर्फबारी में खेलना,फिसलना यह सब यादें आज भी उनके जहन में हैं और यही वजह है कि वह इस शहर की खूबसूरती को अपनी नज़र से लोगों के सामने लाना चाहते थे

उनकी कोशिश को लोगों ने भी बेहद सराहा है. इस प्रदर्शनी में रिज, माल रोड, चर्च, रिज पर घुड़सवारी, पेड़ के नीचे बैठे चने बेचने वाले, रिज मैदान पर घूमते पर्यटक, लोअर बाजार, सब्जी मंडी सहित शिमला रेलवे स्टेशन सहित शिमला पर ही आधारित अन्य चित्र शामिल किए हैं.

Intro:पहाड़ों की रानी शिमला जिसकी खूबसूरती को देखने के लिए देश-विदेश से सैलानी यहां पहुंचते हैं। अगर वही खूबसूरती चित्रों के माध्यम से शिमला शहर की देखने को मिले तो यह शहर एक कलाकार के रचनाओं में और भी खूबसूरत हो जाता है। इसी का प्रमाण ओर शिमला के रंग बिरंगे नज़ारे देखने को मिले ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में। यहां सजी चित्रकार डॉ. मुजीब हुसैन की प्रदर्शनी शहर ए मुसाफिर ना केवल शिमला के स्थानीय लोगों को भा गई बल्कि विदेशी और बाहरी पर्यटक भी इनकी कला के मुरीद हो गए।


Body:इस प्रदर्शनी में 100 के करीब चित्र शामिल किए गए थे जो सभी शिमला पर ही आधारित रहे। कहीं शिमला के रिज़ मैदान पर घुड़सवारी का लुत्फ उठाता बचपन,तो कहीं ऐतिहासिक चर्च जिसे चित्रकार मुजीब हुसैन ने अपने रंगों में इस तरह ढाला था कि इससे शिमला शहर की खूबसूरती को ओर भी चार चांद लग गए। अपनी पेंटिंग में स्कैंडल पॉइंट का दृश्य दिखाने के साथ ही राजधानी शिमला में बर्फ का आनंद लेते सैलानी और बर्फ में फिसलते,फोटोग्राफी करते हुए भी दिखाया गया। इसके साथ ही उन्होंने लोअर बाजार का दृश्य भी अपने चित्रों के माध्यम से इस बखूबी से दर्शाया मानों की यह तस्वीरें शिमला की एक जीती-जागती तस्वीर प्रस्तुत कर रही हो।


Conclusion:पर्यटकों ने इस प्रदर्शनी को सराहा ओर बहुत से चित्रों की खरीदारी की। डॉ.मुजीब हुसैन ने बताया कि उनका बचपन शिमला में ही बीता हैं। शिमला के रिज़ मैदान पर खेलना,लोअर बाज़ार की गलियों में घूमना, बर्फ़बारी में खेलना,फिसलना यह सब यादें आज भी उनके जहन में है। यही वजह है कि वह इस शहर की खूबसूरती को अपनी नज़र से लोगों के सामने आना चाहते थे जो रंगो के माध्यम से ही संभव था इर उन्होंने यह किया जिसे लोगों ने भी बेहद सराहा है। इस प्रदर्शनी में रिज़, माल रोड,चर्च, रिज़ पर घुड़सवारी, पेड़ के नीचे बैठे चने बेचने वाले, रिज़ मैदान पर घूमते पर्यटक, लोअर बाजार, सब्जी मंडी सहित शिमला रेलवे स्टेशन सहित शिमला पर ही आधारित अन्य चित्र शामिल किए है।
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