शिमला: 75 हजार करोड़ के कर्ज में डूबे हिमाचल को उबराने के लिए राज्य की सुखविंदर सिंह सरकार कई कड़े फैसले ले रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार यह कहते रहे हैं कि राज्य की आर्थिक स्थिति बहदाल है और ऐसे में लोगों को कड़े फैसले के लिए तैयार रहना पड़ेगा. यही वजह है कि सरकार अब कमाई बढ़ाने का हर जरिया ढूंढ रही है. हिमाचल में पन विद्युत परियोजनाओं पर सेस लगाया गया है, तो बाहरी राज्यों से आने वाली वाहनों की एंट्री फीस भी पहले सरकार बढ़ा चुकी है.
इसी कड़ी में अब सरकार ने वाहनों के प्रदूषण की जांच भी महंगी कर दी है. सरकार ने इसकी फीस तो बढ़ाई ही है, साथ में इस पर ग्रीन टेक्स भी लगाया गया है. सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने गाड़ियों में प्रदूषण की जांच को महंगा कर दिया है. इसके तहत सभी तरह के वाहनों की फीस बढ़ाई गई है. हिमाचल में बीते 24 सालों से प्रदूषण जांच की फीस नहीं बढ़ाई गई थी. सुखविंदर सरकार ने सत्ता संभालते ही 6 माह में फीस बढ़ा दी. प्रदूषण जांच की फीस को लगभग दोगुना कर दिया गया है. परिवहन विभाग की ओर से इस बारे में अधिसूचना जारी की गई है.
दोपहिया वाहनों को देनी होगी 100 रुपये की फीस: सरकार की अधिसूचना के अनुसार राज्य में पेट्रोल, सीएनजी और एलपीजी से चलने वाले दोपहिया वाहनों की प्रदूषण प्रमाण पत्र की फीस 100 रुपये होगी, इसमें 20 रुपये ग्रीन टैक्स रहेगा. इस तरह के तिपहिया वाहन से 120 रुपये की फीस वसूली जाएगी, जिसमें 20 रुपये ग्रीन टैक्स होगा. इसके अलावा पेट्रोल, सीएनजी, एलपीजी से चलने वाले चार पहिया वाहनों की प्रदूषण जांच की फीस 130 रुपये होगी, जिसमें 30 रुपये ग्रीन टैक्स होगा. जबकि डीजल से चलने वाले वाहनों के लिए प्रदूषण जांच की फीस 150 रुपये होगी, जिसमें 40 रुपये ग्रीन टैक्स होगा.
प्रदूषण जांच केंद्रों की फीस भी सरकार ने बढ़ाई: प्रदूषण जांच की फीस करने के साथ ही सरकार ने इन केंद्रों की सिक्योरिटी भी बढ़ाई दी है. इन केंद्रों को अब 5 हजार रुपए और 15 हजार की सिक्योरिटी देनी होगी.
परिवहन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक प्रदूषण प्रमाणपत्र जारी करने वाली एजेंसियां को शहरी इलाकों में जांच केंद्र के लिए 15,000 रुपये जमा कराने होंगी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के जांच केंद्रों के लिए सिक्योरिटी राशि 5,000 रुपये देनी होगी. सरकार ने ऑथराइजेशन रिन्यूअल फीस भी दोगुनी कर दी है, यह फीस 4,000 रुपये से 8,000 रुपये तक की होगी. इसी तरह ऑथराइजेशन फीस 4,000 रुपये से 8,000 रुपये की गई है.
अभी तक पेट्रोल की गाड़ियों के लिए प्रदूषण जांच फीस 60 रुपए ली जाती थी फिर चाहे दोपहिया वाहन हो या चौपहिया और ये सर्टिफिकेट 6 महीने के लिए मान्य होता था. डीजल गाड़ियों की प्रदूषण जांच भी 60 रुपये में होती थी लेकिन ये 3 महीने के लिए मान्य होता था.
उल्लेखनीय है मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी विभागों को अपनी आय बढ़ाने के निर्देश दे रखे हैं. इसके बाद ही विभाग अपनी आय बढ़ाने को लेकर इस तरह के फैसले ले रहे हैं. आबकारी विभाग पहले ही टोल टैक्स और शराब ठेकों की नीलामी कर आय बढ़ाने की दिशा में कदम उठा चुका है. हिमाचल का परिवहन विभाग भी सरकार के लिए कमाई का जरिया है. विभाग भी हिमाचल में बाहरी वाहनों की एंट्री फीस बढ़ा चुका है और अब प्रदूषण जांच की फीस भी बढ़ाई गई है.