शिमला: हिमाचल में कर्मचरियों के ओपीएस की फाइल कुछए की चाल से सरक रही है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की पहली कैबिनेट को करीब एक माह हो गया है, लेकिन तब से लेकर अभी तक इसकी एसओपी जारी नहीं हुई है. इसकी फाइल अभी विधि विभाग तक ही पहुंची है, जहां से फिर से यह वित्त विभाग जाएगी और इसके बाद ही इसकी नोटिफिकेशन जारी हो पाएगी. इससे साफ है कि बजट से पहले ओपीएस की नोटिफिकेशन नहीं हो पाएगी.
हिमाचल में ओल्ड पेंशन स्कीम पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की 13 जनवरी को हुई पहली कैबिनेट में फैसला हो चुका है, लेकिन इस स्कीम को अंतिम रूप अभी नहीं दिया गया है. सरकार ने इससे पहले सिर्फ ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया था. इसके बाद एसओपी यानी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर और पेंशन रूल्ज तैयार किए जाने हैं जो कि अभी नहीं हुए हैं. इसकी फाइल अभी विधि विभाग के पास है. सरकार ने विधि विभाग से कुछ विषयों पर कानूनी राय मांगी है.
केंद्र सरकार के पास 8000 करोड़ एनपीएस कंट्रीब्यूशन के जमा: राज्य सरकार की सबसे बड़ी चिंता केंद्र के पास जमा एनपीएस कंट्रीब्यूशन के तहत जमा राशि को लेकर है. केंद्र सरकार के पास करीब 8000 करोड़ की राशि एनपीएस कंट्रीब्यूशन की जमा है. अगर राज्य सरकार एनपीएस अपने स्तर पर बंद करती है तो इस राशि के मिलने के आसार कम हो सकते हैं. यही वजह है कि सरकार ने इस बारे में विधि विभाग से कानूनी राय मांगी है. हालांकि राज्य सरकार पहले इस बारे में पत्राचार कर चुकी है जिसमें केंद्र के पास एनपीएस कंट्रीब्यूशन की राशि को वापस देने का आग्रह किया गया था. केंद्र सरकार ने इसको देने से साफ इंकार किया है और कहा है कि राज्य सरकार को यह राशि नहीं दी जा सकती. हालांकि व्यक्तिगत तौर पर कर्मचारी इस राशि को ले सकते हैं. यही नहीं ओल्ड पेंशन लागू करने के लिए सरकार को पेंशन रूल्ज बदलने पड़ेंगे.
कर्मचारियों को जमा करवानी होगी राज्य सरकार के हिस्से की राशि: हिमाचल में छत्तीसगढ़ पैटर्न पर ओल्ड पेंशन लागू करने की बात सरकार कर रही है. अगर यह पैटर्न लागू किया जाता है तो कर्मचारियों को पहले केंद्र सरकार के पास जमा राज्य सरकार के हिस्से की जमा राशि वापस देनी पड़ेगी. यही नहीं अगर रिटार्यड कर्मचारी भी ओपीएस के दायरे में आना चाहते हैं तो उनको भी अपनी यह राशि राज्य सरकार के पास जमा करवानी पड़ेगी. सरकार यह भी देख रही है कि क्या सभी कर्मचारी एक साथ केंद्र सरकार से कंट्रीब्यूशन के तौर पर जमा राशि वापस ले सकते हैं. इस तरह कई पहलुओं पर विचार विर्मश करने के बाद ही सरकार इस बारे में कोई फैसला लेगी. जाहिर है कि इस सारी प्रक्रिया में समय लगेगा और ऐसे में यह पूरी संभावना है कि ओपीएस की नोटिफिकेशन बजट तक ही लागू हो पाएगी.
हिमाचल में 1.36 लाख कर्मचारियों को मिलेगा OPS का फायदा: हिमाचल में करीब 1,36,000 कर्मचारी ओल्ड पेंशन के दायरे में आएंगे, जिसके लिए कर्मचारियों को नोटिफिकेशन का इंतजार है. कर्मचारियों में इसको लेकर भी उत्सुकता है कि हिमाचल में लागू की जा रही ओपीएस का क्या स्वरूप होगा. हालांकि कर्मचारी साफ कर चुके हैं कि वे 2003 से पहले की पेंशन चाहते हैं और सरकार से भी उनको यह आश्वासन मिला है. उधर हिमाचल प्रदेश न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ओपीएस के बारे में पॉजिटिव हैं. मुख्यमंत्री ने वादे के अनुसार अपनी सरकार की पहली कैबिनेट में ओपीएस पर मुहर लगाने का बड़ा फैसला किया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रदेश में लौटने के बाद कर्मचारी उनसे इस बारे में फिर से मिलेंगे. उन्होंने कहा कि कर्मचारी पूरी तरह से आश्वस्त है कि सरकार इस बारे में जल्दी नोटिफिकेशन जारी करेगी.
ये भी पढ़ें: CM सुक्खू का जयराम पर पलटवार, कहा- देनदारियों की परंपरा किसी ना किसी को तो खत्म करनी होगी