किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में ठंड ने दस्तक दे दी है. ऐसे में रिकांगपिओ बाजार व एनएच-5 पर जगह-जगह बेसहारा पशु देखने को मिल रहे हैं. जिनके पास रहने के लिए कोई गौशाला नहीं है और न ही कोई खाने का विकल्प है.
बता दें कि इन दिनों जिला भर में सैकड़ों पशु सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं और इन पशुओं को अपनाने के लिए कोई तैयार नहीं है, बेसहारा पशुओं में अधिकतर गाय हैं. गाय जब तक दूध देती है तब तक मालिक इनसे पूरा फायदा ले लेते हैं और जब गाय दूध देना छोड़ देती है तो लोग इन्हें सड़कों पर बेसहारा छोड़ देते हैं.
पिछले वर्ष भी जिला भर में बर्फबारी के दौरान ठंड से कई पशु सड़कों पर मृत पाए गए थे. वहीं, इस साल भी जिला मुख्यालय के आसपास बेसहारा पशु देखे जा सकते हैं. अगर जिला की बात की जाए तो बेसहारा पशुओं की संख्या सैकड़ों में है.
प्रदेश सरकार ने पशुओं के लिए गौशाला बनाने की कई बार घोषणाएं की हैं, जिसके लिए धन उगाही भी की जा रही है, लेकिन अभी तक किन्नौर में एक भी गौशाला का निर्माण नहीं हुआ है. ऐसे में बेसहारा पशुओं को कोई ठिकाना नहीं होने के कारण वो खुले आसमान के नीचे ठंड में रहने को मजबूर हैं.