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राहत! ब्लैक फंगस का हिमाचल में अभी तक कोई मामला नहीं, विशेषज्ञों ने सतर्क रहने की दी सलाह - igmc hospital

ब्लैक फंगस क्या है और हिमाचल में क्या स्थिति है इस बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत ने प्रदेश के सबसे बड़े अस्प्ताल आइजीएमसी के आई-वार्ड के एचओडी डॉ. राम लाल के साथ बातचीत की. उन्होंने बताया कि बताया कि ब्लैक फंगस कोविड के बाद होने वाली बीमारी है. कोरोना संक्रमित होने पर मरीज लंबे समय से ऑक्सीजन पर रहा हो, शुगर हो और इम्युनिटी कमजोर हो, ऐसे लोगों में 4 से 6 सप्ताह बाद ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई देते हैं.

SHIMLA
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Published : May 17, 2021, 1:04 PM IST

Updated : May 17, 2021, 1:33 PM IST

शिमला: देश मे कोरोना के बाद ब्लैक फंगस के मामले सामने आने लगे हैं. राजस्थान, दिल्ली और महाराष्ट्र में इस तरह के मामले सामने आए हैं, लेकिन हिमाचल में अभी तक इस तरह का कोई भी मामला नही आया है. विशेषज्ञ का मानना है कि आने वाले 4 से 6 सप्ताह में हिमाचल में भी इस तरह के मामले सामने आ सकते हैं.

हिमाचल में नहीं ब्लैक फंगस का मामला

ब्लैक फंगस क्या है और हिमाचल में क्या स्थिति है इस बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत ने प्रदेश के सबसे बड़े अस्प्ताल आइजीएमसी के आई-वार्ड के एचओडी डॉ. राम लाल के साथ बातचीत की. उन्होंने बताया कि बताया कि ब्लैक फंगस कोविड के बाद होने वाली बीमारी है. कोरोना संक्रमित होने पर मरीज को लंबे से समय से ऑक्सीजन पर रहा हो, शुगर हो और इम्युनिटी कमजोर हो. ऐसे मरीजों में कोरोना संक्रमण ठीक होने के 4 से 6 सप्ताह बाद ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई देते हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

ब्लैक फंगस के लक्षण

ब्लैक फंगस में बुखार का आना आंखों के पीछे दर्द रहना, शरीर मे काले निशान बन जाना, सिर में दर्द रहना, दांत में दर्द होना का चेहरे पर काले निशान का होना, थूक के साथ खून आना जैसे कई अन्य लक्षण पाए जाते है. ऐसे लक्षण दिखने पर मरीजों को अस्प्ताल में दिखाना चाहिए ये ब्लैक फंगस हो सकता है.

बरतनी चाहिए ये सावधानियां

  • खुद या किसी गैर विशेषज्ञ डॉक्टरों, दोस्तों, मित्रों, रिश्तेदारों के कहने पर स्टेरॉयड दवा कतई शुरू न करें.
  • लक्षण के पहले 5 से 7 दिनों में स्टेरॉयड देने के दुष्परिणाम हो सकते हैं. बीमारी शुरू होते स्टेरॉयड शुरू न करें. इससे बीमारी बढ़ सकती है.
  • स्टेरॉयड का प्रयोग विशेषज्ञ डॉक्टर कुछ ही मरीजों को केवल 5 से 10 दिनों के लिए देते हैं, वह भी बीमारी शुरू होने के 5 से 7 दिनों बाद, केवल गंभीर मरीजों को. इससे पहले बहुत सी जांच होना जरूरी है.
  • इलाज शुरू होने पर डॉक्टर से पूछें की इन दवाओं में स्टेरॉयड तो नहीं है, अगर है तो ये दवाएं मुझे क्यों दी जा रही हैं.
  • स्टेरॉयड शुरू होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर के नियमित संपर्क में रहें.
  • घर पर अगर ऑक्सीजन लगाया जा रहा है तो उसकी बोतल में उबालकर ठंडा किया हुआ पानी डालें या नॉर्मल स्लाइन डालें, बेहतर हो अस्पताल में भर्ती हों.

कहां-कहां अटैक करता है ब्लैक फंगस ?
विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड के बाद ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस कोविड से ठीक हो चुके लोगों को घेर रहा है. इस रोग में काले रंग की फंगस नाक, साइनस, आंख और दिमाग में फैलकर उन्हें नष्ट कर रही है और मरीजों की जान पर बन रही है.

हिमाचल में आने वाले दिनों में दिख सकते है मामले

गौरतलब है कि देश के कई राज्य में ब्लैक फंगस दस्तक दे चुका है. हिमाचल प्रदेश में अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है. लेकिन एहतियात बरतने की जरूरत है. विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले 4 से 6 सप्ताह में हिमाचल में भी इस तरह के मामले सामने आ सकते हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में 26 मई तक बढ़ाया गया कोरोना कर्फ्यू, जानें कैबिनेट के फैसले

शिमला: देश मे कोरोना के बाद ब्लैक फंगस के मामले सामने आने लगे हैं. राजस्थान, दिल्ली और महाराष्ट्र में इस तरह के मामले सामने आए हैं, लेकिन हिमाचल में अभी तक इस तरह का कोई भी मामला नही आया है. विशेषज्ञ का मानना है कि आने वाले 4 से 6 सप्ताह में हिमाचल में भी इस तरह के मामले सामने आ सकते हैं.

हिमाचल में नहीं ब्लैक फंगस का मामला

ब्लैक फंगस क्या है और हिमाचल में क्या स्थिति है इस बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत ने प्रदेश के सबसे बड़े अस्प्ताल आइजीएमसी के आई-वार्ड के एचओडी डॉ. राम लाल के साथ बातचीत की. उन्होंने बताया कि बताया कि ब्लैक फंगस कोविड के बाद होने वाली बीमारी है. कोरोना संक्रमित होने पर मरीज को लंबे से समय से ऑक्सीजन पर रहा हो, शुगर हो और इम्युनिटी कमजोर हो. ऐसे मरीजों में कोरोना संक्रमण ठीक होने के 4 से 6 सप्ताह बाद ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई देते हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

ब्लैक फंगस के लक्षण

ब्लैक फंगस में बुखार का आना आंखों के पीछे दर्द रहना, शरीर मे काले निशान बन जाना, सिर में दर्द रहना, दांत में दर्द होना का चेहरे पर काले निशान का होना, थूक के साथ खून आना जैसे कई अन्य लक्षण पाए जाते है. ऐसे लक्षण दिखने पर मरीजों को अस्प्ताल में दिखाना चाहिए ये ब्लैक फंगस हो सकता है.

बरतनी चाहिए ये सावधानियां

  • खुद या किसी गैर विशेषज्ञ डॉक्टरों, दोस्तों, मित्रों, रिश्तेदारों के कहने पर स्टेरॉयड दवा कतई शुरू न करें.
  • लक्षण के पहले 5 से 7 दिनों में स्टेरॉयड देने के दुष्परिणाम हो सकते हैं. बीमारी शुरू होते स्टेरॉयड शुरू न करें. इससे बीमारी बढ़ सकती है.
  • स्टेरॉयड का प्रयोग विशेषज्ञ डॉक्टर कुछ ही मरीजों को केवल 5 से 10 दिनों के लिए देते हैं, वह भी बीमारी शुरू होने के 5 से 7 दिनों बाद, केवल गंभीर मरीजों को. इससे पहले बहुत सी जांच होना जरूरी है.
  • इलाज शुरू होने पर डॉक्टर से पूछें की इन दवाओं में स्टेरॉयड तो नहीं है, अगर है तो ये दवाएं मुझे क्यों दी जा रही हैं.
  • स्टेरॉयड शुरू होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर के नियमित संपर्क में रहें.
  • घर पर अगर ऑक्सीजन लगाया जा रहा है तो उसकी बोतल में उबालकर ठंडा किया हुआ पानी डालें या नॉर्मल स्लाइन डालें, बेहतर हो अस्पताल में भर्ती हों.

कहां-कहां अटैक करता है ब्लैक फंगस ?
विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड के बाद ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस कोविड से ठीक हो चुके लोगों को घेर रहा है. इस रोग में काले रंग की फंगस नाक, साइनस, आंख और दिमाग में फैलकर उन्हें नष्ट कर रही है और मरीजों की जान पर बन रही है.

हिमाचल में आने वाले दिनों में दिख सकते है मामले

गौरतलब है कि देश के कई राज्य में ब्लैक फंगस दस्तक दे चुका है. हिमाचल प्रदेश में अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है. लेकिन एहतियात बरतने की जरूरत है. विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले 4 से 6 सप्ताह में हिमाचल में भी इस तरह के मामले सामने आ सकते हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में 26 मई तक बढ़ाया गया कोरोना कर्फ्यू, जानें कैबिनेट के फैसले

Last Updated : May 17, 2021, 1:33 PM IST
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