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नागजुब्बड़ स्कूल में मूलभूत सुविधाओं से महरूम छात्र, क्लास रूम और ग्रांउड के लिए बजट का इंतजार - राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल नागजुब्बड़

जिला शिमला की ठियोग तहसील की कंदरू पंचायत का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल नागजुब्बड़ में छात्रों को गुणात्मक शिक्षा के साथ उन्हें मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं.

no basic facilities in Nagajubbad School
नागजुब्बड़ स्कूल में मूलभूत सुविधाओं से महरुम छात्र
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Published : Mar 2, 2021, 5:05 PM IST

शिमलाः सरकार अक्सर छात्रों को गुणात्मक शिक्षा के साथ साथ उन्हें मूलभूत सुविधाएं देने की बात करती है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के कई स्कूल ऐसे हैं जहां छात्रों को इन सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है. जिला शिमला की ठियोग तहसील की कंदरू पंचायत का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल नागजुब्बड़ इसका एक उदाहरण है. स्कूल में छात्रों के बैठने के लिए कमरे तक पर्याप्त नहीं है.

स्कूल प्रशासन को करनी पड़ रही मशक्कत

स्कूल में पहले शिक्षकों की भी कमी चल रही थी. आलम यह था कि यहां चार शिक्षक ही सेवांए दे रहे थे, जबकि जरूरत आठ शिक्षकों की थी. इससे छात्रों की भी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही थी. इस समस्या को लेकर कंदरू पंचायत के लोग सरकार के नुमाइंदों से कई बार मिले और प्रदर्शन भी किए. इसके बाद अब स्कूल में शिक्षकों की कमी तो पूरी हो गई है, लेकिन स्कूल के नए भवन और ग्राउंड को लेकर स्कूल प्रशासन को मशक्कत करनी पड़ रही है.

अनुमति मिली, बजट नहीं

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल नागजुब्बड़ में छठी से 12वीं के छात्र पढ़ रहे हैं, लेकिन स्कूल मात्र छह कमरों के सहारे चल रहा है. इसके चलते छात्रों की कक्षाएं बाहर ही लगानी पड़ती हैं. कमरों की कमी को लेकर स्कूल प्रशासन की ओर से साल 2019 में शिक्षा विभाग को स्कूल के नए भवन को बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था. इसके लिए विभाग की ओर से सेंक्शन दी गई, लेकिन नए भवन के कार्य के लिए बजट नहीं आया. इससे अब तक समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है.

मिट्टी-पत्थर से भरा है स्कूल ग्रांउड

इसके अलावा स्कूल ग्राउंड में बास्केटबॉल कोट की भी आवश्यकता है. इसके कार्य के लिए स्कूल ग्रांउड पत्थर और मिट्टी से भरा है. स्कूल प्रशासन के अनुसार यहां बास्केटबाॅल के लिए ग्रांउड बनना था, जिसके लिए खेल विभाग की ओर से जो एक लाख का बजट दिया गया. इसे स्कूल ग्राउंड के सुधार पर खर्च किया गया क्योंकि इतने बजट में बास्केटबॉल कोट बनना संभव नहीं था.

जल्द जारी किया जाए बजट

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल नागजुब्बड़ के डीपीई विरेंद्र वर्मा का कहना है कि साल 2019 में स्कूल के नए भवन के लिए प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन अभी तक बजट नहीं मिला है. स्कूल के पुराने भवन में सिर्फ छह ही कमरे हैं. ऐसे में बजट जल्द जारी किया जाए, ताकि भवन का कार्य शुरू हो सके.

ये भी पढे़ंः वीरेंद्र कश्यप को बनाया गया बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

शिमलाः सरकार अक्सर छात्रों को गुणात्मक शिक्षा के साथ साथ उन्हें मूलभूत सुविधाएं देने की बात करती है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के कई स्कूल ऐसे हैं जहां छात्रों को इन सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है. जिला शिमला की ठियोग तहसील की कंदरू पंचायत का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल नागजुब्बड़ इसका एक उदाहरण है. स्कूल में छात्रों के बैठने के लिए कमरे तक पर्याप्त नहीं है.

स्कूल प्रशासन को करनी पड़ रही मशक्कत

स्कूल में पहले शिक्षकों की भी कमी चल रही थी. आलम यह था कि यहां चार शिक्षक ही सेवांए दे रहे थे, जबकि जरूरत आठ शिक्षकों की थी. इससे छात्रों की भी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही थी. इस समस्या को लेकर कंदरू पंचायत के लोग सरकार के नुमाइंदों से कई बार मिले और प्रदर्शन भी किए. इसके बाद अब स्कूल में शिक्षकों की कमी तो पूरी हो गई है, लेकिन स्कूल के नए भवन और ग्राउंड को लेकर स्कूल प्रशासन को मशक्कत करनी पड़ रही है.

अनुमति मिली, बजट नहीं

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल नागजुब्बड़ में छठी से 12वीं के छात्र पढ़ रहे हैं, लेकिन स्कूल मात्र छह कमरों के सहारे चल रहा है. इसके चलते छात्रों की कक्षाएं बाहर ही लगानी पड़ती हैं. कमरों की कमी को लेकर स्कूल प्रशासन की ओर से साल 2019 में शिक्षा विभाग को स्कूल के नए भवन को बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था. इसके लिए विभाग की ओर से सेंक्शन दी गई, लेकिन नए भवन के कार्य के लिए बजट नहीं आया. इससे अब तक समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है.

मिट्टी-पत्थर से भरा है स्कूल ग्रांउड

इसके अलावा स्कूल ग्राउंड में बास्केटबॉल कोट की भी आवश्यकता है. इसके कार्य के लिए स्कूल ग्रांउड पत्थर और मिट्टी से भरा है. स्कूल प्रशासन के अनुसार यहां बास्केटबाॅल के लिए ग्रांउड बनना था, जिसके लिए खेल विभाग की ओर से जो एक लाख का बजट दिया गया. इसे स्कूल ग्राउंड के सुधार पर खर्च किया गया क्योंकि इतने बजट में बास्केटबॉल कोट बनना संभव नहीं था.

जल्द जारी किया जाए बजट

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल नागजुब्बड़ के डीपीई विरेंद्र वर्मा का कहना है कि साल 2019 में स्कूल के नए भवन के लिए प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन अभी तक बजट नहीं मिला है. स्कूल के पुराने भवन में सिर्फ छह ही कमरे हैं. ऐसे में बजट जल्द जारी किया जाए, ताकि भवन का कार्य शुरू हो सके.

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