शिमला: एनजीटी द्वारा शिमला डेवलपमेंट प्लान (NGT cancelled Shimla Development Plan) को अवैध करार दिए जाने को लेकर अब सियासत गरमा गई है. कांग्रेस पार्टी ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि चुनावी वर्ष में सरकार बिना कानूनी सलाह और एक्सपर्ट की राय के बिना लोगों को बरगलाने के मकसद से शिमला डेवलपमेंट प्लान लेकर आई थी, जिस पर एनजीटी ने सरकार को फटकार लगाते हुए इसे रद्द कर दिया है.
शिमला कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक आदर्श सूद ने कहा कि 2017 में एनजीटी ने शिमला शहर के कोर एरिया में निर्माण को लेकर पाबंदी लगाई थी. लेकिन भाजपा सरकार इन आदेशों के खिलाफ अपना पक्ष उपयुक्त कोर्ट में नहीं रख पाई और चुनावों में फायदा लेने के मकसद से जल्दबाजी में चुनाव से ठीक पहले 20 वर्षों का आधा अधूरा शिमला डेवलपमेंट प्लान बनाया, जिसको एनजीटी ठुकरा दिया है.
वहीं, उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता में रहते हुए भाजपा ने सराकरी खर्च पर पार्टी की रैलियां करवाई हैं, जिस पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए. उन्होंने कहा कि भाजपा ने प्रदेश को कर्ज के बोझ तले दबा दिया है. इस सरकार के 5 सालों के कार्यकाल में काम कम और अपनी पब्लिसिटी ज्यादा की है. लेकिन अब जनता इन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए तैयार (Himachal assembly election 2022) है.
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