शिमला: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. रेडिएंट सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा नियमों की अवहेलना करने और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्रवाई न करने पर ट्रिब्यूनल ने ये जुर्माना लगाया है.
एक सप्ताह के अंदर ग्रीन ट्रिब्यूनल बार एसोसिएशन के पास बोर्ड को दिल्ली में जुर्माना जमा करवाना पड़ेगा. सिरमौर में स्थापित कंपनी को एनजीटी ने आदेश दिए हैं कि कंपनी एनवायर्नमेंटल इंपेक्ट असेसमेंट करवाए. इसके बाद ईआईए 2006 की नोटिफिकेशन के अनुसार, पर्यावरण स्वीकृति भी ले.
जब तक पर्यावरण स्वीकृति नहीं मिलती तब तक कंपनी की सभी गतिविधियों पर ट्रिब्यूनल ने रोक लगा दी है. न्यायमूर्ति रघुवेंद्र एस राठौर और विशेषज्ञ सदस्य एस एस गार्ब्याल की पीठ ने आयुष गर्ग द्वारा दायर याचिका पर ये आदेश दिए हैं.
याचिका में सीमेंट कंपनी द्वारा किए जा रहे पर्यावरण प्रदूषण को उजागर किया गया है. याचिका के अनुसार कम्पनी में स्टेनलेस स्टील के उत्पाद तैयार किये जाते हैं. कम्पनी प्रतिदिन अनुमति से अधिक उत्पादन कर रही है, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है साथ ही ईआईए अधिसूचना, 2006 के प्रावधान का भी कंपनी उल्लंघन कर रही है. याचिकाकर्ता का कहना है कंपनी नियमों की जानकारी होने के बाद भी जानबूझ कर उल्लंघन कर रही है, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है.
ये भी पढ़ें: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर दिए गए विवादित बयानों का विक्रमादित्य ने किया विरोध, कार्रवाई की मांग