ETV Bharat / state

बिंदल हिमाचल BJP के नए बॉस, जानिए कैसा रहा उनका राजनीतिक सफर - भाजपा के नये प्रदेशाध्यक्ष

भाजपा के नए प्रदेश पद पर डॉ. राजीव बिंदल की ताजपोशी हो गई है. बिंदल ने अपना राजनीतिक सफर सोलन नगर परिषद का चुनाव लड़ने के साथ शुरू हुआ. एक के बाद एक कदम वो राजनीति में बढ़ाते चले गए. उनका पूरा परिवार संघ और संघ के संगठनों से जुड़ा रहा. उन्होंने अपने बड़े भाई राम किशोर बिंदल की प्रेरणा लेकर संघ से जुड़े.

new state president of himachal rajiv bindal
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल
author img

By

Published : Jan 18, 2020, 4:16 PM IST

शिमला: डॉ. राजीव बिंदल हिमाचल भाजपा के नए अध्यक्ष बने हैं. उनके कंधों पर अब हिमाचल भाजपा को आगे ले जाने की जिम्मेदारी आई है. आरएसएस की पृष्ठभूमि वाले परिवार से संबंध रखने वाले डॉ. राजीव बिंदल कुशल राजनेता और अनुभवी संगठनकर्ता के तौर पर भी पहचान रखते हैं. यहां जानते हैं उनके अब तक के सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन के बारे में.

राजीव बिंदल के पिता वैद्य बालमुकंद सोलन सहित पूरे हिमाचल में एक चर्चित नाम रहे हैं. परिवार में आरएसएस का माहौल था और उसी माहौल में राजीव बिंदल की परवरिश हुई. ये आरएसएस के अलावा वनवासी कल्याण आश्रम से भी जुड़े रहे. यदि चुनावी राजनीति की बात करें तो उनका सफर सोलन नगर परिषद से शुरू होता है.

बिंदल का जन्म 12 जनवरी 1955 को सोलन में हुआ. सिरमौर जिले के नाहन से वो वर्तमान में विधायक हैं. परिवार की पृष्ठभूमि संघ से जुड़ी होने के कारण उनका रूझान भी संघ के प्रति रहा. 1975 में आपातकाल के दौरान राजीव बिंदल ने हरियाणा के करनाल में 4 महीने से अधिक समय कारावास काटा. 1977 में आपातकाल हटने के बाद बिंदल ने लोकतांत्रिक युवा मोर्चा के विभिन्न दायित्वों पर रहकर काम किया.

इस दौरान बिंदल ने हरियाणा प्रदेश आयुर्वेद छात्र संघ के अध्यक्ष पद पर भी रहे. लोकतंत्र सेनानी के नाते हरियाणा सरकार ने ताम्र पत्र से उन्हें सम्मानित भी किया. 1978 में जीएएमएस (आयुर्वेदाचार्य) की डिग्री हासिल करने के बाद संघ की प्रेरणा से आदिवासी इलाकों में सेवा करने का फैसला किया.

संघ के प्रचारक के तौर पर वनवासी कल्याण आश्रम के मागर्दशन में करीब 2 साल तक झारखंड की 'हो' नामक जनजाति में नि:शुल्क चिकित्सालय, छात्रावास सहित अन्य सेवा प्रकल्प चला कर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया. इस दौरान बिंदल पर अनेक बार हमले भी हुए.

डॉ. बिंदल का चुनावी सफर

बिंदल साल 1995 में पहली बार नगर परिषद सोलन के अध्यक्ष बनें. अपने कार्यकाल के दौरान बिंदल ने शहर के विकास की नई इबारत लिखी. वहीं, 1997 से 2000 तक भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष का कार्यभार संभाला.

2000 में सोलन मे भाजपा की टिकट से विधानसभा चुनाव जीता. तीन साल बाद 2003 में जनता ने दौबारा जीत का सेहरा राजीव बिंदल के नाम बांध दिया. बिंदल विधायकी के दौरान प्रदेश प्रवक्ता और प्रदेश उपाध्यक्ष के पदों पर भी आसीन रहकर संगठन को मजबूत बनाते रहे.

2007 में तीसरी बार वह फिर विधायक बने. प्रदेश की प्रेम कुमार धूमल सरकार में वह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व आर्युर्वेद मंत्री बनाए गए. स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर काम करके बिंदल ने हिमाचल को देश में बेहतरीन स्थान पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई.

बिंदल के मंत्री के तौर पर काम

  • इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 65 से 100 और टांडा मेडिकल कॉलेज में 50 से 100 सीटें की गई.

  • पहली बार सुपर स्पेशलिटी की 8 सीटें आईजीएमसी में शुरू हुई.

  • स्पेशलिस्ट डॉक्टर की कमी नहीं नहीं रहे इसके लिए एमडी/एमएस की सीट 149 की गई. पहले इनकी संख्या मात्र 39 थी.

  • 1000 पैरा मेडिकल कर्मचारियों और 1800 नर्सों की भर्ती की गई.

  • काफी समय से लंबित विभिन्न कर्मचारी वर्ग की 800 से ज्यादा पदोन्नतियां की गई.

  • दो नए मेडिकल कॉलेज बनाकर तैयार किए गए. 40 नर्सिंग प्रशिक्षण संस्थान खुले.

  • अटल स्वास्थ्य योजना के तहत-108 नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा के माध्यम से लोगों को घरों तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने का काम किया.

  • मातृ सेवा योजना, स्वास्थ्य बीमा योजना, मुस्कान योजना, बेटी है अनमोल, तंबाकु मुक्त हिमाचल सहित कई महत्वपूर्ण योजानाओं का संचालन किया गया.

  • 600 नए आयुर्वेद चिकित्सकों को भर्ती किया गया.

  • 29 आयुर्वेद चिकित्सालयों मं पंचकर्म चिकित्सा की शुरूआत की गई. आयुर्वेद मैडिकल कॉलेज पपरोला में पांच पीजी सीटें बढ़ाई गई.

सोलन के बाद नाहन से लड़ा विधानसभा चुनाव

साल 2012 में सोलन विधानसभा क्षेत्र आरक्षित हो गया. सिरमौर जिले के लोगों से स्नेह के चलते बिंदल नाहन विधानसभा से चुनाव लड़े और चौथी बार विधायक बनकर आए. इस बीच बिदंल ने कांग्रेस सरकार के नकारात्मक खिलाफ कई आंदोलन किए. वहीं, साल 2017 में बिंदल पांचवी बार विधायक बने.

डॉ. बिंदल में संगठनात्मक कौशल के कारण उन्हें भाजपा ने हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, गुजरात, जम्मू-कश्मीर में चुनाव की बागडोर भी सौंपी. बिंदल ने पहली बार शिमला नगर निगम में चुनाव प्रभारी की भूमिका में रहकर पार्टी को निगम का अध्यक्ष बनाने का किरदार भी बखूभी निभाया.

दो साल तक संभाला हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष का कार्यभार

बिंदल ने दो साल तक विधानसभा के संवैधानिक पद को भी संभाला. सन 2019 में अफ्रिका के युगांडा में राष्ट्र मंडल संसदीय संगठन के महासम्मेलन में भाग लेकर देश का प्रतिनिधत्व किया.

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में ई-विधान मॉडल की बात पूरे देश में हो रही है. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल ने इसे आरंभ किया. डॉ. बिंदल ने इसे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाने का काम किया.

ये भी पढ़ें: डॉ. बिंदल पर दोहरी जिम्मेदारी, हिमाचल में मिशन रिपीट और देश में नड्डा का हाथ मजबूत करने की चुनौती

शिमला: डॉ. राजीव बिंदल हिमाचल भाजपा के नए अध्यक्ष बने हैं. उनके कंधों पर अब हिमाचल भाजपा को आगे ले जाने की जिम्मेदारी आई है. आरएसएस की पृष्ठभूमि वाले परिवार से संबंध रखने वाले डॉ. राजीव बिंदल कुशल राजनेता और अनुभवी संगठनकर्ता के तौर पर भी पहचान रखते हैं. यहां जानते हैं उनके अब तक के सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन के बारे में.

राजीव बिंदल के पिता वैद्य बालमुकंद सोलन सहित पूरे हिमाचल में एक चर्चित नाम रहे हैं. परिवार में आरएसएस का माहौल था और उसी माहौल में राजीव बिंदल की परवरिश हुई. ये आरएसएस के अलावा वनवासी कल्याण आश्रम से भी जुड़े रहे. यदि चुनावी राजनीति की बात करें तो उनका सफर सोलन नगर परिषद से शुरू होता है.

बिंदल का जन्म 12 जनवरी 1955 को सोलन में हुआ. सिरमौर जिले के नाहन से वो वर्तमान में विधायक हैं. परिवार की पृष्ठभूमि संघ से जुड़ी होने के कारण उनका रूझान भी संघ के प्रति रहा. 1975 में आपातकाल के दौरान राजीव बिंदल ने हरियाणा के करनाल में 4 महीने से अधिक समय कारावास काटा. 1977 में आपातकाल हटने के बाद बिंदल ने लोकतांत्रिक युवा मोर्चा के विभिन्न दायित्वों पर रहकर काम किया.

इस दौरान बिंदल ने हरियाणा प्रदेश आयुर्वेद छात्र संघ के अध्यक्ष पद पर भी रहे. लोकतंत्र सेनानी के नाते हरियाणा सरकार ने ताम्र पत्र से उन्हें सम्मानित भी किया. 1978 में जीएएमएस (आयुर्वेदाचार्य) की डिग्री हासिल करने के बाद संघ की प्रेरणा से आदिवासी इलाकों में सेवा करने का फैसला किया.

संघ के प्रचारक के तौर पर वनवासी कल्याण आश्रम के मागर्दशन में करीब 2 साल तक झारखंड की 'हो' नामक जनजाति में नि:शुल्क चिकित्सालय, छात्रावास सहित अन्य सेवा प्रकल्प चला कर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया. इस दौरान बिंदल पर अनेक बार हमले भी हुए.

डॉ. बिंदल का चुनावी सफर

बिंदल साल 1995 में पहली बार नगर परिषद सोलन के अध्यक्ष बनें. अपने कार्यकाल के दौरान बिंदल ने शहर के विकास की नई इबारत लिखी. वहीं, 1997 से 2000 तक भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष का कार्यभार संभाला.

2000 में सोलन मे भाजपा की टिकट से विधानसभा चुनाव जीता. तीन साल बाद 2003 में जनता ने दौबारा जीत का सेहरा राजीव बिंदल के नाम बांध दिया. बिंदल विधायकी के दौरान प्रदेश प्रवक्ता और प्रदेश उपाध्यक्ष के पदों पर भी आसीन रहकर संगठन को मजबूत बनाते रहे.

2007 में तीसरी बार वह फिर विधायक बने. प्रदेश की प्रेम कुमार धूमल सरकार में वह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व आर्युर्वेद मंत्री बनाए गए. स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर काम करके बिंदल ने हिमाचल को देश में बेहतरीन स्थान पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई.

बिंदल के मंत्री के तौर पर काम

  • इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 65 से 100 और टांडा मेडिकल कॉलेज में 50 से 100 सीटें की गई.

  • पहली बार सुपर स्पेशलिटी की 8 सीटें आईजीएमसी में शुरू हुई.

  • स्पेशलिस्ट डॉक्टर की कमी नहीं नहीं रहे इसके लिए एमडी/एमएस की सीट 149 की गई. पहले इनकी संख्या मात्र 39 थी.

  • 1000 पैरा मेडिकल कर्मचारियों और 1800 नर्सों की भर्ती की गई.

  • काफी समय से लंबित विभिन्न कर्मचारी वर्ग की 800 से ज्यादा पदोन्नतियां की गई.

  • दो नए मेडिकल कॉलेज बनाकर तैयार किए गए. 40 नर्सिंग प्रशिक्षण संस्थान खुले.

  • अटल स्वास्थ्य योजना के तहत-108 नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा के माध्यम से लोगों को घरों तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने का काम किया.

  • मातृ सेवा योजना, स्वास्थ्य बीमा योजना, मुस्कान योजना, बेटी है अनमोल, तंबाकु मुक्त हिमाचल सहित कई महत्वपूर्ण योजानाओं का संचालन किया गया.

  • 600 नए आयुर्वेद चिकित्सकों को भर्ती किया गया.

  • 29 आयुर्वेद चिकित्सालयों मं पंचकर्म चिकित्सा की शुरूआत की गई. आयुर्वेद मैडिकल कॉलेज पपरोला में पांच पीजी सीटें बढ़ाई गई.

सोलन के बाद नाहन से लड़ा विधानसभा चुनाव

साल 2012 में सोलन विधानसभा क्षेत्र आरक्षित हो गया. सिरमौर जिले के लोगों से स्नेह के चलते बिंदल नाहन विधानसभा से चुनाव लड़े और चौथी बार विधायक बनकर आए. इस बीच बिदंल ने कांग्रेस सरकार के नकारात्मक खिलाफ कई आंदोलन किए. वहीं, साल 2017 में बिंदल पांचवी बार विधायक बने.

डॉ. बिंदल में संगठनात्मक कौशल के कारण उन्हें भाजपा ने हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, गुजरात, जम्मू-कश्मीर में चुनाव की बागडोर भी सौंपी. बिंदल ने पहली बार शिमला नगर निगम में चुनाव प्रभारी की भूमिका में रहकर पार्टी को निगम का अध्यक्ष बनाने का किरदार भी बखूभी निभाया.

दो साल तक संभाला हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष का कार्यभार

बिंदल ने दो साल तक विधानसभा के संवैधानिक पद को भी संभाला. सन 2019 में अफ्रिका के युगांडा में राष्ट्र मंडल संसदीय संगठन के महासम्मेलन में भाग लेकर देश का प्रतिनिधत्व किया.

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में ई-विधान मॉडल की बात पूरे देश में हो रही है. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल ने इसे आरंभ किया. डॉ. बिंदल ने इसे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाने का काम किया.

ये भी पढ़ें: डॉ. बिंदल पर दोहरी जिम्मेदारी, हिमाचल में मिशन रिपीट और देश में नड्डा का हाथ मजबूत करने की चुनौती

Intro:Body:

DEMO


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.