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जुब्बल कोटखाई से नीलम ने ठोकी दावेदारी, मुश्किल में पड़ सकती है बीजेपी - himachal by poll election

जुब्बल कोटखाई विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होने वाले हैं. तीन बार की जिला परिषद नीलम सरयिक ने खुले तौर पर अपनी दावेदारी पार्टी के समक्ष पेश कर दी है. वहीं, दूसरी तरफ भाजपा के कार्यक्रमों में स्वर्गीय नरेंद्र बरागटा के पुत्र चेतन बरागटा को प्रोजेक्ट किया जा रहा है. हालांकि भाजपा ने अभी तक किसी को भी आधिकारिक तौर पर उम्मीदवार घोषित नहीं किया है.

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Published : Jul 29, 2021, 5:20 PM IST

शिमला: उपचुनाव में भाजपा के लिए जुब्बल कोटखाई विधानसभा क्षेत्र कठिन होता जा रहा है. तीन बार की जिला परिषद नीलम सरयिक ने खुले तौर पर अपनी दावेदारी पार्टी के समक्ष पेश कर दी है. और जनता के बीच उम्मीदवार के तौर पर घूमना भी शुरू कर दिया है. वहीं, दूसरी तरफ भाजपा के कार्यक्रमों में स्वर्गीय नरेंद्र बरागटा के पुत्र चेतन बरागटा को प्रोजेक्ट किया जा रहा है. हालांकि भाजपा ने अभी तक किसी को भी आधिकारिक तौर पर उम्मीदवार घोषित नहीं किया है.

नीलम सरयिक का कहना है कि उन्होंने पिछली बार भी पार्टी के समक्ष अपनी दावेदारी पेश की थी, लेकिन उस वक्त पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता नरेंद्र बरागटा को पार्टी की तरफ से टिकट दिया गया. जिसके बाद उन्होंने पार्टी के आदेशों का पालन किया और दावेदारी पेश नहीं की, लेकिन नरेंद्र बरागटा के दुखद निधन के बाद अब सीट खाली हो गई है और इस बार फिर से पार्टी के समक्ष अपनी दावेदारी पेश की है. नीलम सरयिक ने कहा कि भाजपा एक राष्ट्रीय पार्टी है और मजबूत संगठन है जिसके चलते मैंने जुब्बल कोटखाई प्रभारी सुरेश भारद्वाज पार्टी अध्यक्ष सुरेश कश्यप और वरिष्ठ नेताओं के समक्ष अपनी बात रख दी है. नीलम सरयिक ने उम्मीद जताई कि पार्टी इस बार उन्हें ही टिकट देगी.

वीडियो.
एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि वह तीन बार जिला परिषद का चुनाव जीती हैं. इसलिए उनकी दावेदारी और भी मजबूत हो जाती है. इसके अलावा भाजपा एक राष्ट्रवादी पार्टी है और परिवारवाद के खिलाफ है. ऐसे में एक महिला उम्मीदवार को इस बार जुब्बल कोटखाई से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतारना चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि पार्टी इस बार जुब्बल कोटखाई से महिला को ही प्रत्याशी बनाएगी.

उन्होंने कहा कि जब पार्टी प्रभारी और सह प्रभारी जुब्बल कोटखाई आए थे तो मुझे कोई सूचना नहीं दी गई थी. इसलिए पार्टी प्रभारी और सह प्रभारी से मुलाकात नहीं हो सकी. उन्होंने कहा कि पार्टी की तरफ से विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी नियुक्त किए गए सुरेश भारद्वाज से उन्होंने मुलाकात कर अपना पक्ष जरूर रखा है. एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि बोर्ड के चेयरमैन या वाइस चेयरमैन बनाने पर उनका कोई ध्यान नहीं है केवल पार्टी उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं. पूरी उम्मीद है कि पार्टी उन्हें अपना उम्मीदवार चुनेगी.

नीलम ने कहा कि आज देश और दुनिया महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ रहा है. भाजपा भी महिला सशक्तिकरण का नारा देती है. ऐसी में हिमाचल प्रदेश में 4 स्थानों पर उपचुनाव हो रहे हैं. पार्टी का दायित्व बनता है कि 4 में से एक स्थान पर महिला उम्मीदवार को उतारा जाए. उन्होंने इंदु गोस्वामी उदाहरण देते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश से महिलाओं ने राजनीति में बेहतर कार्य किया है. ऐसे में अगर भाजपा उन्हें अपना प्रत्याशी चुनती हैं तो वह इमानदारी से अपना कार्य करेंगी. इसके अलावा बीजेपी की युवा नेत्री प्रज्वल बस्टा भी टिकट की दावेदार हैं. प्रज्वल बस्टा भी पंचायती राज चुनाव जीत चुकी हैं.

ये भी पढ़ें: पांच बेटियों की मां का दुख देख कर पसीजा सीएम जयराम का दिल, दो लाख की सहायता राशि जारी

शिमला: उपचुनाव में भाजपा के लिए जुब्बल कोटखाई विधानसभा क्षेत्र कठिन होता जा रहा है. तीन बार की जिला परिषद नीलम सरयिक ने खुले तौर पर अपनी दावेदारी पार्टी के समक्ष पेश कर दी है. और जनता के बीच उम्मीदवार के तौर पर घूमना भी शुरू कर दिया है. वहीं, दूसरी तरफ भाजपा के कार्यक्रमों में स्वर्गीय नरेंद्र बरागटा के पुत्र चेतन बरागटा को प्रोजेक्ट किया जा रहा है. हालांकि भाजपा ने अभी तक किसी को भी आधिकारिक तौर पर उम्मीदवार घोषित नहीं किया है.

नीलम सरयिक का कहना है कि उन्होंने पिछली बार भी पार्टी के समक्ष अपनी दावेदारी पेश की थी, लेकिन उस वक्त पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता नरेंद्र बरागटा को पार्टी की तरफ से टिकट दिया गया. जिसके बाद उन्होंने पार्टी के आदेशों का पालन किया और दावेदारी पेश नहीं की, लेकिन नरेंद्र बरागटा के दुखद निधन के बाद अब सीट खाली हो गई है और इस बार फिर से पार्टी के समक्ष अपनी दावेदारी पेश की है. नीलम सरयिक ने कहा कि भाजपा एक राष्ट्रीय पार्टी है और मजबूत संगठन है जिसके चलते मैंने जुब्बल कोटखाई प्रभारी सुरेश भारद्वाज पार्टी अध्यक्ष सुरेश कश्यप और वरिष्ठ नेताओं के समक्ष अपनी बात रख दी है. नीलम सरयिक ने उम्मीद जताई कि पार्टी इस बार उन्हें ही टिकट देगी.

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एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि वह तीन बार जिला परिषद का चुनाव जीती हैं. इसलिए उनकी दावेदारी और भी मजबूत हो जाती है. इसके अलावा भाजपा एक राष्ट्रवादी पार्टी है और परिवारवाद के खिलाफ है. ऐसे में एक महिला उम्मीदवार को इस बार जुब्बल कोटखाई से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतारना चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि पार्टी इस बार जुब्बल कोटखाई से महिला को ही प्रत्याशी बनाएगी.

उन्होंने कहा कि जब पार्टी प्रभारी और सह प्रभारी जुब्बल कोटखाई आए थे तो मुझे कोई सूचना नहीं दी गई थी. इसलिए पार्टी प्रभारी और सह प्रभारी से मुलाकात नहीं हो सकी. उन्होंने कहा कि पार्टी की तरफ से विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी नियुक्त किए गए सुरेश भारद्वाज से उन्होंने मुलाकात कर अपना पक्ष जरूर रखा है. एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि बोर्ड के चेयरमैन या वाइस चेयरमैन बनाने पर उनका कोई ध्यान नहीं है केवल पार्टी उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं. पूरी उम्मीद है कि पार्टी उन्हें अपना उम्मीदवार चुनेगी.

नीलम ने कहा कि आज देश और दुनिया महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ रहा है. भाजपा भी महिला सशक्तिकरण का नारा देती है. ऐसी में हिमाचल प्रदेश में 4 स्थानों पर उपचुनाव हो रहे हैं. पार्टी का दायित्व बनता है कि 4 में से एक स्थान पर महिला उम्मीदवार को उतारा जाए. उन्होंने इंदु गोस्वामी उदाहरण देते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश से महिलाओं ने राजनीति में बेहतर कार्य किया है. ऐसे में अगर भाजपा उन्हें अपना प्रत्याशी चुनती हैं तो वह इमानदारी से अपना कार्य करेंगी. इसके अलावा बीजेपी की युवा नेत्री प्रज्वल बस्टा भी टिकट की दावेदार हैं. प्रज्वल बस्टा भी पंचायती राज चुनाव जीत चुकी हैं.

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