शिमला: कांग्रेस सरकार के दस दिन के कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के माध्यम से हो रहे जेओए आईटी का पेपर लीक गिरोह पकड़ा गया है. सरकार ने इसे अपनी एक बड़ी कामयाबी बताया है. सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि सुक्खू सरकार की सतर्कता की वजह से पेपर लीक का एक गिरोह का पकड़ा गया है. उन्होंने कहा कि पूर्व की जयराम सरकार के समय में जेओए आईटी का पेपर सुंदरनगर में लीक हो गया था. इसी तरह पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर भी जयराम सरकार के समय में लीक किया गया. लेकिन कोई कार्रवाई तत्कालीन सरकार ने नहीं की. (JOA IT paper leak case in Himachal)
सुक्खू सरकार ने दिए थे निर्देश: सीएम पद संभालने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विजिलेंस और पुलिस को इस तरह के मामलों पर निगरानी रखने और इस संबंध में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया था कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि विभिन्न एजेंसियों द्वारा राज्य में होने वाली सभी परीक्षाएं पारदर्शी और उत्तरदायी तरीके से करवाई जाएं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की इस प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए पुलिस विभाग सभी परीक्षाओं पर कड़ी निगरानी रख रहा है. इसका नतीजा है कि पेपर बेचने वाले तीन लोग गिरफ्तार किए गए हैं.
दलाल सहित तीन लोग विजिलेंस ने पकड़े: नरेश चौहान ने बताया कि आज एक बड़ी सफलता तब मिली जब अभिलाष नामक के युवक की शिकायत पर संजय नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, जिसने उसे इस महीने की 25 तारीख को होने वाली जेओए (आईटी) परीक्षा का हल प्रश्नपत्र 4 लाख रुपये में उपलब्ध कराने की पेशकश की थी. अभिलाष ने इसकी शिकायत विजिलेंस के उच्च अधिकारियों से की. (Naresh Chauhan on JOA IT paper leak case)
गिरोह को पकड़ने के लिए बिछाया जाल: नरेश चौहान ने बताया कि राज्य पुलिस ने तथ्यों का सत्यापन किया और एक स्वतंत्र गवाह के साथ एक ट्रैप टीम का गठन किया गया. पेपर बेचने वाले दलाल संजय ने फिर से शिकायतकर्ता से एनआईआईटी हमीरपुर में मिलने के लिए संपर्क किया, और उसे उमा आजाद (वरिष्ठ अधीक्षक गोपनीयता शाखा एचपीएसएससी) के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित घर ले गए. जिन्होंने अपने बेटे निखिल आजाद के साथ पहले से ही हल प्रश्न पत्र अभिलाष को दिए. इसी बीच यहां पर तुरंत विजिलेंस थाना हमीरपुर की टीम भी मौके पर पहुंच गई और आरोपी महिला और उसके बेटे को यहां से गिरफ्तार किया गया.
सुक्खू सरकार ने परीक्षा प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता का रखा ख्याल: इस तरह इस मामले में तीन लोगों दलाल संजय और महिला अधिकारी उमा आजाद के साथ उसके बेटे निखिल को पकड़ा गया है. नरेश चौहान ने कहा कि यह सब राज्य सरकार द्वारा अपनाए गए सक्रिय दृष्टिकोण और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा लाखों युवाओं के विश्वास को बनाए रखने के लिए परीक्षा प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता और जवाबदेही को अपनाने और सुनिश्चित करने के संकल्प के कारण संभव हो पाया है.
319 पदों के लिए 1 लाख से अधिक आवेदन: जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 965 के तहत कुल 319 पदों को भरने क लिए एक लाख तीन हजार 434 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है. जेओए-आईटी की यह परीक्षा रविवार को आयोजित की जानी थी. परीक्षा के लिए करीब डेढ़ लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है. इस परीक्षा के आयोजन के लिए आगामी रविवार को हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए थे, लेकिन अब परीक्षा रद्द हो गई है.
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