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कोरोना पॉजिटिव शव के अंतिम संस्कार पर घमासान, SDM के आरोपों पर एमसी ने दी सफाई

शिमला नगर निगम ने कहा की कोरोना पीड़ित के दाह संस्कार की जिम्मेदारी निगम की नहीं है. साथ ही दावा किया कि जिला प्रशासन से कोई दिशा निर्देश मंगलवार रात को नहीं मिले थे. वहीं, एसडीएम शहरी नीरज चांदला ने इसको लेकर अपनी रिपोर्ट बना कर उपायुक्त को सौंप दी है.

corona patient cremation died in igmc
कोरोना पीड़ित युवक के दाह संस्कार
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Published : May 7, 2020, 12:02 PM IST

शिमला: इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मंगलवार देर रात कोरोना पीड़ित युवक की मौत के बाद उसके दाह संस्कार को लेकर खूब घमासान हुआ. जिला प्रशासन ने दाह संस्कार करने के लिए नगर निगम प्रशासन को निर्देश दिए, लेकिन निगम प्रशासन ने दाह संस्कार करने से साफ इंकार कर दिया.

शिमला नगर निगम ने कहा की कोरोना पीड़ित के दाह संस्कार की जिम्मेदारी निगम की नहीं है. साथ ही दावा किया कि जिला प्रशासन से कोई दिशा निर्देश मंगलवार रात को नहीं मिले थे. वहीं, एसडीएम शहरी नीरज चांदला ने इसको लेकर अपनी रिपोर्ट बना कर उपायुक्त को सौंप दी है.

नीरज चांदला ने कहा कि नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी को फोन किया गया था, लेकिन उन्होंने कर्मी भेजने से साफ मना किया गया, जबकि डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना संक्रमित के शव का दाह संस्कार का जिम्मा नगर निगम का है, लेकिन नगर निगम की ओर से कोई मदद नहीं मिली.

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नीरज चांदला ने कहा कि वे अपनी पूरी रिपार्ट बना कर उपायुक्त को सौंपेंगी और कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की अव्यवस्था न हो. वहीं, नगर निगम का कहना है कि गाइडलाइन के मुताबिक ही काम किया गया है. निगम के संयुक्त आयुक्त अजित भारद्वाज ने कहा कि केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार इसमें नगर निगम का कोई रोल नहीं है. दिल्ली में भी ऐसा हो चुका है. केंद्र और डब्ल्यूएचओ के दिशा निर्देश में यह स्पष्ट है कि नगर निगम सेनिटाइजेशन करेगा और पीपीई किट मुहैया करवाएगा.

अजित भारद्वाज ने कहा कि रात दस बजे ही अधिकारी डीपी सिंह की अगुवाई में छह कर्मी मौके पर भेजे. आईजीएमसी से लेकर कनलोग तक की सड़क को सेनिटाइज किया गया. सुबह में भी सेनिटाइजेशन किया गया. बता दें कि कोरोना संक्रमित मंडी के युवक की आईजीएमसी में मौत हुई थी. मंगलवार रात को ही शव को शमशान घाट ले जाया गया. जहां अव्यवस्था देखने को मिली और एसडीएम ने नगर निगम पर सहायता न करने के आरोप लगाए.

शिमला: इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मंगलवार देर रात कोरोना पीड़ित युवक की मौत के बाद उसके दाह संस्कार को लेकर खूब घमासान हुआ. जिला प्रशासन ने दाह संस्कार करने के लिए नगर निगम प्रशासन को निर्देश दिए, लेकिन निगम प्रशासन ने दाह संस्कार करने से साफ इंकार कर दिया.

शिमला नगर निगम ने कहा की कोरोना पीड़ित के दाह संस्कार की जिम्मेदारी निगम की नहीं है. साथ ही दावा किया कि जिला प्रशासन से कोई दिशा निर्देश मंगलवार रात को नहीं मिले थे. वहीं, एसडीएम शहरी नीरज चांदला ने इसको लेकर अपनी रिपोर्ट बना कर उपायुक्त को सौंप दी है.

नीरज चांदला ने कहा कि नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी को फोन किया गया था, लेकिन उन्होंने कर्मी भेजने से साफ मना किया गया, जबकि डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना संक्रमित के शव का दाह संस्कार का जिम्मा नगर निगम का है, लेकिन नगर निगम की ओर से कोई मदद नहीं मिली.

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नीरज चांदला ने कहा कि वे अपनी पूरी रिपार्ट बना कर उपायुक्त को सौंपेंगी और कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की अव्यवस्था न हो. वहीं, नगर निगम का कहना है कि गाइडलाइन के मुताबिक ही काम किया गया है. निगम के संयुक्त आयुक्त अजित भारद्वाज ने कहा कि केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार इसमें नगर निगम का कोई रोल नहीं है. दिल्ली में भी ऐसा हो चुका है. केंद्र और डब्ल्यूएचओ के दिशा निर्देश में यह स्पष्ट है कि नगर निगम सेनिटाइजेशन करेगा और पीपीई किट मुहैया करवाएगा.

अजित भारद्वाज ने कहा कि रात दस बजे ही अधिकारी डीपी सिंह की अगुवाई में छह कर्मी मौके पर भेजे. आईजीएमसी से लेकर कनलोग तक की सड़क को सेनिटाइज किया गया. सुबह में भी सेनिटाइजेशन किया गया. बता दें कि कोरोना संक्रमित मंडी के युवक की आईजीएमसी में मौत हुई थी. मंगलवार रात को ही शव को शमशान घाट ले जाया गया. जहां अव्यवस्था देखने को मिली और एसडीएम ने नगर निगम पर सहायता न करने के आरोप लगाए.

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