शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मंगलवार को विशेष सत्र आयोजित किया गया. सदन में अनुसूचित जाति व जनजाति के विधायकों के आरक्षण को अगले दस साल का प्रावधान करने के विधेयक को दोनों दलों ने सर्वसम्मति से पारित किया.
सत्र को छोटा करने और चर्चा न करने पर विपक्ष ने सरकार पर चर्चा से भागने के आरोप लगाए. नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार की विधेयक पर चर्चा करवाने की ही मंशा नहीं थी. वहीं, सदन एक दिन के लिए रखा गया, जिसमें राज्यपाल का अभिभाषण भी छोटा रखा गया और विधेयक को पास करके सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सदन में चर्चा करने के लिए प्रदेश के कई और मुद्दे भी थे, जिसमें बेरोजगारी, नशा, प्रदेश सरकार पर कर्ज जैसे मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए थी, लेकिन जान बूझकर प्रदेश सरकार ने सदन को छोटा रखा ताकि चर्चा से बचा जा सके.