शिलाई: पहली बार मोबाइल सीएसडी कैंटीन शिलाई पहुंची और क्षेत्र के भूतपूर्व सैनिकों, वीर नारियों, सैनिकों और उनके आश्रितों को सामान मुहैया करवाया. आश्रित लोग सुबह से ही दूरदराज के गांवों से सामान लेने के लिए पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में एकत्रित होने लगे. शिलाई के एसडीएम सुरेश कुमार, एसएचओ मस्तराम, संगठन के अध्यक्ष विरेंद्र चौहान और स्थानीय पंचायत प्रधान शीला देवी ने सर्वप्रथम रिबन काटकर मोबाइल कैंटीन का शुभारंभ किया.
शिलाई में कैंटीन लेकर पहुंचे जवानों का स्वागत
पहली बार कैंटीन लेकर पहुंचे जवानों और साथियों का शिलाई पहुंचने पर स्वागत किया गया. शहीद कल्याण सिंह की वीरांगना शीला देवी और शहीद श्याम सिंह के पिता प्रताप चौहान को सर्वप्रथम सामान वितरित कर शुरुआत की गई. बता दें कि इस सुविधा का फायदा उठाने के लिए क्षेत्र के वीर नारियों, भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को लगभग 200 किलोमीटर दूर नाहन या देहरादून जाना पड़ता था. इसमें आने जाने में काफी समय और खर्चा लगता था.
सीएसडी कैंटीन से जोड़ने पर लोगों में छाई खुशी
क्षेत्र के भूतपूर्व सैनिकों, वीर नारियों, सैनिकों और उनके आश्रितों ने इलाके को मोबाइल सीएसडी कैंटीन की सुविधा से जोड़ने पर खुशी जताई, साथ ही भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा-शिलाई और मेजर जनरल अतुल कौशिक का आभार और धन्यवाद व्यक्त किया, क्योंकि इनके अथक प्रयासों से ही यह काम सफल हो पाया है. कोरोना के चलते यह कैंटीन सुविधा पूरी तरह से कैश लैस थी. उपस्थित लोगों ने अनुशासन के साथ कोरोना निर्देशों का पालन करते हुए इस सुविधा का फायदा उठाया और उम्मीद जताई कि यह सुविधा आगे भी निरंतर जारी रहेगी.
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