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हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र: विधायक संजय अवस्थी ने उठाया सीमेंट कंपनियों का मामला, जानें सुरेश भारद्वाज ने क्या कहा

हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र में (budget session of himachal assembly)मंगलवार को अर्की के विधायक संजय अवस्थी ने सोलन के दाड़लाघाट सीमेंट कंपनियों का मामला ( case of cement companies in the assembly)उठाया. इस दौरान कंपनियों पर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने के आरोप लगाया.

हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र
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Published : Mar 8, 2022, 3:11 PM IST

Updated : Mar 8, 2022, 3:35 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र में (budget session of himachal assembly)मंगलवार को अर्की के विधायक संजय अवस्थी ने सोलन के दाड़लाघाट सीमेंट कंपनियों का मामला ( case of cement companies in the assembly)उठाया. इस दौरान कंपनियों पर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने के आरोप लगाया. अवस्थी ने सरकार के पूछा कि अब तक कितनी बार वायु प्रदूषण का सर्वे करवाया गया और कितने लोगों को रोजगार दिया गया.

जिस पर शहरी मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट में 1195 लोगों को रोजगार प्रदान किया गया, जिनमें से 674 हिमाचली और 521 गैर हिमाचली हैं. अंबुजा सीमेंट प्रबंधन ने कुल 617 लोगों को रोजगार प्रदान किया गया है, जिनमें से 507 हिमाचली मूल के और गैर हिमाचली 110 लोग हैं. दोनों सीमेंट प्लांट में शीर्ष कार्यकारी प्रबंधन में हिमाचल के ढाई सौ लोग है. अंबुजा सीमेंट प्रबंधन में 236 और अल्ट्राटेक में 35 शीर्ष कार्यकारी नियुक्त है.

संजय अवस्थी ने कहा कि स्थापित सीमेंट कंपनियां यहां पर उत्पादन करती और दूसरे राज्यों में सस्ता सीमेंट बेचती है. हिमाचल में महंगा सीमेंट बिकता है. सीमेंट कंपनियों ने आज तक ग्रामीण क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सर्वेक्षण क्यों नहीं करवाया,जबकि इन क्षेत्रों में सीमेंट प्लांट लगे हुए. इन दोनों सीमेंट फैक्ट्रियों के आस पास काफी प्रदूषण फैला हुआ, जिससे लोग बीमारियों से ग्रसित हो रहे. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इन दोनों सीमेंट फैक्ट्रियों के लिए 11 पैरामीटर तैयार किए गए थे ,जिसमें से किसी का भी पालन यह कंपनियां नहीं कर रही ,प्रदूषण की वजह से लोग अस्थमा जैसी बीमारियों के शिकार हो रहे .

उन्होंने कहा कि यहां पर बनने वाला सीमेंट यहां के लोगों को ही महंगा दिया जा रहा ,जबकि उनके क्षेत्र का स्त्रोतों का दोहन किया जा रहा और उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने के बावजूद भी लोगों को यहां पर महंगे दामों पर सीमेंट दिया जा रहा. उन्होंने मांग की कि सरकार इन दोनों व्यक्तियों के आसपास के क्षेत्रों के लोगों के स्वास्थ्य की और वायु गुणवत्ता की जांच करें साथ ही अर्की विधानसभा क्षेत्र के लोगों को कम दामों पर सिमट मुहैया करवाया जाए.

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सदन में दिए गए जवाब में कहा कि सीमेंट प्लांट के लिए हर रोज राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानक निर्धारित नहीं किए गए. वर्ष 2009 की वायु गुणवत्ता अधिसूचना के अनुसार दैनिक आधार पर 8 घंटे वायु गुणवत्ता मापदंड निर्धारित है. हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अंबुजा व अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट दैनिक आंकड़ों के अनुसार गणना करता है. इस अवधि में प्रदूषण बोर्ड ने दोनों कंपनियों के प्लांट परिधि में आने वाले गांव में वायु प्रदूषण के प्रभाव का आकलन करने के लिए सर्वे नहीं करवाया है.

ये भी पढ़ें :अवैध शराब की रोकथाम के लिए अब ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी अपनाएगी सरकार

शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र में (budget session of himachal assembly)मंगलवार को अर्की के विधायक संजय अवस्थी ने सोलन के दाड़लाघाट सीमेंट कंपनियों का मामला ( case of cement companies in the assembly)उठाया. इस दौरान कंपनियों पर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने के आरोप लगाया. अवस्थी ने सरकार के पूछा कि अब तक कितनी बार वायु प्रदूषण का सर्वे करवाया गया और कितने लोगों को रोजगार दिया गया.

जिस पर शहरी मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट में 1195 लोगों को रोजगार प्रदान किया गया, जिनमें से 674 हिमाचली और 521 गैर हिमाचली हैं. अंबुजा सीमेंट प्रबंधन ने कुल 617 लोगों को रोजगार प्रदान किया गया है, जिनमें से 507 हिमाचली मूल के और गैर हिमाचली 110 लोग हैं. दोनों सीमेंट प्लांट में शीर्ष कार्यकारी प्रबंधन में हिमाचल के ढाई सौ लोग है. अंबुजा सीमेंट प्रबंधन में 236 और अल्ट्राटेक में 35 शीर्ष कार्यकारी नियुक्त है.

संजय अवस्थी ने कहा कि स्थापित सीमेंट कंपनियां यहां पर उत्पादन करती और दूसरे राज्यों में सस्ता सीमेंट बेचती है. हिमाचल में महंगा सीमेंट बिकता है. सीमेंट कंपनियों ने आज तक ग्रामीण क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सर्वेक्षण क्यों नहीं करवाया,जबकि इन क्षेत्रों में सीमेंट प्लांट लगे हुए. इन दोनों सीमेंट फैक्ट्रियों के आस पास काफी प्रदूषण फैला हुआ, जिससे लोग बीमारियों से ग्रसित हो रहे. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इन दोनों सीमेंट फैक्ट्रियों के लिए 11 पैरामीटर तैयार किए गए थे ,जिसमें से किसी का भी पालन यह कंपनियां नहीं कर रही ,प्रदूषण की वजह से लोग अस्थमा जैसी बीमारियों के शिकार हो रहे .

उन्होंने कहा कि यहां पर बनने वाला सीमेंट यहां के लोगों को ही महंगा दिया जा रहा ,जबकि उनके क्षेत्र का स्त्रोतों का दोहन किया जा रहा और उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने के बावजूद भी लोगों को यहां पर महंगे दामों पर सीमेंट दिया जा रहा. उन्होंने मांग की कि सरकार इन दोनों व्यक्तियों के आसपास के क्षेत्रों के लोगों के स्वास्थ्य की और वायु गुणवत्ता की जांच करें साथ ही अर्की विधानसभा क्षेत्र के लोगों को कम दामों पर सिमट मुहैया करवाया जाए.

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सदन में दिए गए जवाब में कहा कि सीमेंट प्लांट के लिए हर रोज राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानक निर्धारित नहीं किए गए. वर्ष 2009 की वायु गुणवत्ता अधिसूचना के अनुसार दैनिक आधार पर 8 घंटे वायु गुणवत्ता मापदंड निर्धारित है. हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अंबुजा व अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट दैनिक आंकड़ों के अनुसार गणना करता है. इस अवधि में प्रदूषण बोर्ड ने दोनों कंपनियों के प्लांट परिधि में आने वाले गांव में वायु प्रदूषण के प्रभाव का आकलन करने के लिए सर्वे नहीं करवाया है.

ये भी पढ़ें :अवैध शराब की रोकथाम के लिए अब ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी अपनाएगी सरकार

Last Updated : Mar 8, 2022, 3:35 PM IST
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